आर्यभट्ट पर 10 वाक्य

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आर्यभट्ट पर 10 वाक्य : 10 Lines on Aryabhatta in Hindi
- आर्यभट्ट भारतीय इतिहास में एक महान ज्योतिषविद् और गणितज्ञ थे।
- आर्यभट्ट का जन्म शक संवत् 398 में कुसुमपुर नामक स्थान पर माना जाता है।
- आर्यभट्ट ने आर्यभटीय ग्रंथ की रचना की थी।
- आर्यभट्ट का कार्याकाल गुप्तकाल के दौरान का था।
- आर्यभट्ट ने गणित व खगोलशास्त्र में अनेकों उपलब्धियाँ हासिल की थी।
- आर्यभट्ट के लिखे प्रमुख ग्रंथ दशगीतिका, आर्यभटीय और तंत्र थे।
- आर्यभट्ट ने अपने गणितीय ग्रंथों में वर्गमूल, घनमूल, समान्तर श्रेणी तथा विभिन्न प्रकार के समीकरणों का वर्णन किया है।
- सूर्यग्रहण व चन्द्रग्रहण की हिन्दू मान्यता को उन्होंने गलत बताया था।
- आर्यभट्ट ने शून्य की खोज की थी।
- आर्यभट्ट की मृत्यु 550 AD में हुई थी।
अंतिम शब्द
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।