पिता पर निबंध

पिता पर निबंध : Essay on Father in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘पिता पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप पिता पर निबंध से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
पिता पर निबंध : Essay on Father in Hindi
प्रस्तावना:-
पिता एक बच्चे के जीवन में काफी महत्वपूर्ण व्यक्ति होता है। पिता के बिना घर सिर्फ एक मकान होता है। एक पिता बाहर से चाहे अपने बच्चों के साथ कितना भी सख्त हो, लेकिन अंदर से अपने बच्चों का भला ही चाहता है।
एक पिता की छाया में बच्चा हमेशा सुरक्षित महसूस करता है। एक पिता अपने बच्चों को अच्छा जीवन देने के लिए दिन-रात मेहनत करता है।
पिता का महत्व:-
पिता का महत्व वह व्यक्ति ही समझ सकता है, जिसके पास उसके पिता नहीं होते है। पिता की छाया में एक बच्चे को किसी भी चीज की कभी चिंता नहीं होती है और वह अपना बचपन बिना किसी भय के गुजारते है।
पिता के होने का अहसास तो कम होता है लेकिन पिता के न होने का अहसास जीवनभर रहता है। पिता के बिना इस संसार में अपना अस्तित्व बनाना काफी मुश्किल होता है।
एक पिता अपने जीवन में हर सम्भव प्रयास करता है कि उनके बच्चों पर कोई भी दुःख न आये। एक पिता अपने बच्चे को बचपन में हाथ पकड़कर चलना सिखाता है और उसके साथ खेलता है। एक पिता से ही बच्चे को उसकी पहचान मिलती है।
एक पिता की क्या-क्या जिम्मेदारियां है?:-
पिता का एक बच्चे के जीवन में होना अत्यंत आवश्यक है। जब तक बच्चा अपने माता-पिता के साथ रहता है, तब तक वह हर चिंता व परेशानी से दूर रहता है और बेफिक्र होकर अपना जीवन गुजारता है।
बच्चे पर किसी भी चीज की जिम्मेदारी नहीं होती है, लेकिन जैसे ही बच्चा अपने पिता की छाया से दूर होता है और अपना जीवन स्वयं आरम्भ करता है, तब उसे असली जिम्मेदारी का पता चलता है।
इस दुनिया में सभी आपकी कामयाबी से जल सकते है, लेकिन एक पिता हमेशा अपने बच्चे की कमयाबी से खुश ही होता है। वह हमेशा प्रयास करता है कि उसका बच्चा अपने जीवन में कामयाबी प्राप्त करें।
एक पिता अपने बच्चों को पढ़ा-लिखाकर इस योग्य बनाता है कि वह अपने सपनों को पूरा कर सके और अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सके। एक पिता अपने पूरे परिवार का पालन-पोषण करता है।
माता-पिता भगवान के दिए हुए वरदान है, जिनका कर्ज उनके बच्चे जीवनभर भी नहीं उतार सकते है। इसलिए हमें हमेशा अपने माता-पिता का सम्मान करना चाहिए और उनकी सेवा करनी चाहिए।
मेरे पिता:-
मेरे पिता दुनिया के सबसे अच्छे पिता है और इसके साथ-साथ एक बड़े अच्छे इंसान भी है। वह मेरे प्रेरणा स्रोत है। वह हमेशा हमारे लिए कड़ी मेहनत करते है।
वह हमेशा ही मुझे कुछ करने के लिए प्रेरित करते है। वह बहुत ही विनम्र स्वभाव के व्यक्ति है और मेहनत करने में विश्वास रखते है। हमसे कोई गलती होने पर वह हमें प्यार से समझाते है।
वह हमें सुबह विद्यालय छोड़ने जाते है और हमारे साथ वक्त भी बिताते है। वह मेरे सबसे अच्छे मित्र है। मैं उन्हें अपनी सभी बातें बताता हूँ। वह मुझे समय मिलने पर पढ़ाते भी है और सलाह भी देते है।
वह सुबह जल्दी नौकरी पर चले जाते है और शाम तक आते है। वह चाहे बाहर से कितने भी कठोर दिखे, लेकिन अंदर से वह बड़े ही नरम है।
उपसंहार:-
सामान्यतः एक बच्चे का सबसे अधिक जुड़ाव उसके माता-पिता से ही होता है, क्योंकि एक बच्चा सबसे पहले अपने माता-पिता को ही देखता है।
माता-पिता को बच्चे का पहला विद्यालय कहा जाता है। सामान्यतः एक बच्चे का सच्चा हीरो अपने पिता को ही समझता है, जो उसे सही रास्ता दिखता है।
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।