अब्दुल करीम तेलगी का जीवन परिचय

अब्दुल करीम तेलगी का जीवन परिचय : Abdul Karim Telgi Biography in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘अब्दुल करीम तेलगी का जीवन परिचय’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
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अब्दुल करीम तेलगी का जीवन परिचय : Abdul Karim Telgi Biography in Hindi
अब्दुल करीम तेलगी को भारत के सबसे बड़े घोटालों में से एक स्टाम्प पेपर घोटाले का मास्टरमाइंड माना जाता है।
अब्दुल करीम तेलगी पहले बहुत ही गरीब हुआ करता था। लेकिन, इस घोटाले के बाद वह रातों-रात अमीर बन गया। यह घोटाला भारत के कईं राज्यों में फैला हुआ था।
इस लेख में हम आपको अब्दुल करीम तेलगी से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे।
कैसे रातों-रात इस घोटाले ने उसे व उसके साथियों को गरीब से देश के अमीरों लोगों की सूची में सुमार कर दिया? और कैसे इतने बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ?
अब्दुल करीम तेलगी का शुरूआती जीवन
अब्दुल करीम तेलगी का जन्म 29 जुलाई 1961 को बेलगाम के खानपुर में हुआ था, जो भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित है। इनके पिता पेशे से एक रेलव कर्मचारी थे।
जो कि उनके जन्म के कुछ समय पश्चात ही चल बसे। तब उनकी माँ ने उन्हें पाला। अपने शुरुआती दिनों में वह अपनी माँ और अपने भाई के साथ तेलगी के रेलवे स्टेशन पर फल बेचा करते थे।
अपनी विद्यालयी शिक्षा खत्म करने के बाद उन्होंने बेलगाम के एक कॉलेज से बी. कॉम की शिक्षा प्राप्त की। भारत में कुछ छोटी-मोटी नौकरियाँ करने के बाद उन्होंने साउदी अरब जाने का फैसला किया।
उन्हें लगा कि एक बार साउदी अरब जाकर वह बहुत अमीर बन जाएगा। लेकिन, साउदी अरब जाकर भी उन्हें ज्यादा सफलता प्राप्त नही हुई।
जिस कारण वह जल्द ही भारत वापस लौट आए और मुम्बई में रहने लगे। जिससे उन्हें इस बात का अंदाज़ा हुआ कि उनके गाँव व आसपास के लोगों मे दुबई जाने की होड़ सी लगी हुई है।
मुंबई आकर उन्होंने एक ट्रैवल एजेंसी खोली। जिसके द्वारा वह लोगों को सऊदी अरब भेजा करता था। जहाँ उस पर कईं बार जालसाजी के आरोप भी लगे।
सन 1993 में पहली बार उसे गिरफ्तार कर लिया गया और जेल में डाल दिया गया। जहाँ उनकी मुलाकात रतन सोनी से हुई। जो कि शेयर मार्केट घोटाले के मामले में जेल में बंद थे।
रतन सोनी पेशे से एक सरकारी स्टाम्प वेंडर थे। वहां रतन सोनी ने उसे समझाया कि यदि जेल जाना ही है, तो छोटे-मोटे कामों के लिए जेल नही जाना चाहिए, बल्कि बड़ा हाथ मारना चाहिए।
इसे देखकर तेलगी ने उन्हें अपना उस्ताद व पार्टनर बना दिया। रतन सोनी ने ही उसे स्तामो और गैर-न्यायिक स्टाम्प पेपर बेचने की सलाह दी और बदले में एक अच्छे खासे कमीसन की डिमांड की।
जिसे उसने मान लिया। इसके बाद देश का सबसे बड़ा स्टाम्प पेपर घोटाला शुरू हुआ।
स्टाम्प पेपर घोटाला
मार्च 1993 में समाजवादी पार्टी के एक नेता अनिल की मदद से उन दोनों को स्टाम्प पेपर बनाने व बेचने का लाइसेन्स मिल गया। उनका लाइसेंस नंबर 12500 था।
इन दोनों ने कई बैंकों मे अपने अकाउंट खोलें व साथ ही साउथ मुम्बई में कईं नए ऑफिस खोलें। उस दौरान इन दोनों ने नकली स्टाम्प पेपर बेचने का काम भी शुरू कर दिया।
रतन सोनी नकली स्टाम्प पेपर लेकर आता था, जबकि तेलगी इन्हें असली स्टाम्प पेपर के साथ मिलाकर बाजार में जाकर बेज देता था।
पहले ही वर्ष में इन दोनों ने मिलकर 2.5 करोड़ के साथ 10 करोड़ के नकली स्टाम्प पेपर बेच डाले। ये दोनों नकली स्टाम्प पेपर बेचकर करोड़ कमा रहे थे। इसके साथ ही उसने अपने कईं अन्य व्यापार भी शुरू किए।
सन 1995 में तेलगी द्वारा बेचे गए कईं स्टाम्प पेपर पकड़ में आने लगे थे। उनके खिलाफ मुंबई के कईं पुलिस थानों में रिपोर्ट दर्ज की जाने लगी थी।
इन सभी नकली स्टाम्प पेपर के तार कहीं न कहीं तेलगी के ऑफिस से जुड़ रहे थे। इस वजह से एक कलेक्टर ने उनका स्टाम्प पेपर का लाइसेंस रद्द कर दिया।
साथ ही उसे पकड़ लिया जाता है और उसे जेल में डाल दिया गया। इस समय तक तेलगी अपने काम मे बहुत ही माहिर हो चुका था।
उसे पता था कि इस मामले से कैसे बाहर आया जा सकता है? पुलिस और प्रशासन को मोटी घूस देकर वह जेल से बेल पर बाहर आ गया।
बाहर आकर उसने अपने दोस्त के नाम पर एक बार फिर स्टाम्प पेपर बेचने का लाइसेन्स लिया व फिर से नकली स्टाम्प पेपर बेचने का काम शुरू कर दिया।
इस बार उसका यह काम और भी तेजी से तरक्की करने लगता है। उसे एक बात समझ मे आ गई थी कि एकमात्र अदालत ही है, जहाँ पैसे देकर सजा कम नही करवाई जा सकती है।
इसलिए जितना हो सके किसी भी मामले को अदालत में पहुँचने न दिया जाए। बड़े-बड़े पुलिस अधिकारी व नेताओं को घूस देकर अब उसका हौंसला सातवें आसमान पर था।
टोपाज बार मे माधुरी दीक्षित जैसी दिखने वाली एक बार डांसर पर वह हर हफ्ते 90 से 95 लाख तक उड़ाया करता था।
सन 1997 में उसने अपनी जानकारी का उपयोग करके मिंट रोड स्थित अपनी एक प्रिंटिंग प्रेस खोली। जिसमें उसने अपनी जानकारी के द्वारा कईं मशीनें खरीदीं।
यें मशीनें पुराने तरीके की थी। इस प्रिंटिंग मशीन के द्वारा अब वह मनचाहे नकली स्टाम्प पेपर छाप सकता था। इसी वजह से उसका धंधा अब देश के दूसरे शहरों में भी फैल चुका था।
इन स्टाम्प पेपर को कईं लोग खरीदने लगे। इन स्टाम्प पेपर की मदद से कईं गलत ढंग से प्रोपर्टी के पेपर रजिस्टर किये गए व इनके माध्यम से कईं फर्जी इंश्योरेंस दस्तावेज तक बनाए गए।
उस दौरान तेलगी का धंधा करोड़ों कमा रहा था। उस समय उसे रोकने वाला कोई नही था। जब भी उसके खिलाफ शिकायत होती, तब वह अपनी प्रिंटिंग प्रेस का नाम व जगह दोनों बदल देता था। लेकिन, काम को रूकने नही देता था।
उसके खिलाफ बढ़ती शिकायतों को देखकर एक बार फिर उसके लाइसेंस को रद्द कर दिया जाता है। लेकिन, उस समय तक वह राजनीति में अपने पैर इतने अधिक फैला चुका था कि उसे किसी का भी कोई डर नही था।
21 सितंबर 2001 को महाराष्ट्र में कांग्रेस के वाईस प्रेसीडेंट से एक चिठ्ठी लिखवाता है और उसके लाइसेंस को फिर से शुरू करवा देता है। तेलगी अब पहले से भी ज्यादा मात्रा में स्टाम्प पेपर छापने लगता है व बेचने लगता है।
कैसे हुई थी गिरफ्तारी और मौत?
सन 2000 में बेंगलुरु में 2 लोग नकली स्टाम्प पेपर बेचते हुए पकड़े गए। उन्होंने जेल में पूछताछ के दौरान अब्दुल करीम तेलगी का नाम लिया।
तेलगी को नवंबर 2001 में अजमेर से गिरफ्तार कर लिया जाता है। जहाँ से उसे बेंगलुरु के सेंट्रल जेल में भेज दिया गया। जहाँ उसने बड़े-बड़े नेताओं व पुलिस अफसरों का नाम लिया।
जिसके बाद इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया। इसके बाद ही इतना बड़ा घोटाला देश के सामने आया।
जांच के दौरान सीबीआई ने पाया कि तेलगी के नाम पर 36 से अधिक प्रोपर्टी रजिस्टर है व साथ 100 से अधिक बैंक खाते है, जिनमें करोड़ो की संख्या में पैसे थे। इन्हें 18 से भी अधिक देशों में खोला गया था।
सन 2003 में अन्ना हजारे द्वारा भी इस मामले में उसके खिलाफ न्यायालय में याचिका दर्ज की गई थी। यह घोटाला 20 हजार करोड़ का था। जब यह मामला देश के सामने आया, तो इसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया।
सन 2006 में इसे व इसके अन्य 30 साथियों को 101 करोड़ का जुर्माना व 30 वर्षों की जेल की सजा सुनवाई गई। उसकी पत्नी व साले को फरार घोषित कर दिया गया।
सन 2017 में उसकी एक गम्भीर बीमारी से बैंगलुरु के सरकारी अस्पताल में मौत हो गई।
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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