अकर्मक क्रिया की परिभाषा, भेद और उदाहरण

अकर्मक क्रिया की परिभाषा : Akarmak Kriya in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘अकर्मक क्रिया की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप अकर्मक क्रिया की परिभाषा से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
अकर्मक क्रिया की परिभाषा : Akarmak Kriya in Hindi
अकर्मक का अर्थ होता है:- ‘कर्म के बिना’। यदि वाक्य में प्रयुक्त क्रिया का प्रभाव एवं फल कर्ता पर पड़ता है अर्थात वाक्य में कर्म का प्रयोग नही होता है, तो उसे अकर्मक क्रिया कहते है।
जैसे:- लजाना, होना, बढ़ना, सोना, खेलना, अकड़ना, डरना, बैठना, हँसना, उगना, जीना, दौड़ना, रोना, ठहरना, चमकना, डोलना, मरना, घटना, जागना, उछलना, कूदना, आदि कुछ अकर्मक क्रियाएँ है।
अकर्मक क्रिया के उदाहरण
अकर्मक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
अकर्मक क्रिया के उदाहरण |
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राम रोता है। |
शेर दहाड़ता है। |
हवाई जहाज़ उड़ता है। |
बच्चा रोता है। |
श्याम हँस रहा है। |
स्वर्ण चमकता है। |
अकर्मक क्रिया के उपरोक्त उदाहरणों में क्रिया का फल कर्ता पर पड़ रहा है। प्रश्न करने पर इन वाक्यों से कोई उत्तर प्राप्त नहीं होता है। अतः उपरोक्त वाक्यों में उपयोग में लाई जाने वाली सभी क्रियाएं अकर्मक क्रिया है।
अकर्मक क्रिया के भेद
अकर्मक क्रिया के कुल 2 भेद है, जो कि निम्न प्रकार है:-
अकर्मक क्रिया के भेद |
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पूर्ण अकर्मक क्रिया |
अपूर्ण अकर्मक क्रिया |
1. पूर्ण अकर्मक क्रिया
अकर्मक क्रिया का वह रूप, जिसमें क्रिया के साथ न तो ‘कर्म’ और न ही किसी पूर्ति शब्द अथवा पूरक शब्द की आवश्यकता होती है, तो उसे ‘पूर्ण अकर्मक क्रिया’ कहते है।
असल में अकर्मक क्रिया ही ‘पूर्ण अकर्मक क्रिया’ होती है अर्थात अकर्मक क्रिया का वास्तविक रूप ही पूर्ण अकर्मक क्रिया होती है।
पूर्ण अकर्मक क्रिया के उदाहरण
पूर्ण अकर्मक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
पूर्ण अकर्मक क्रिया के उदाहरण |
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राम खा रहा है। |
कुछ बच्चे रो रहे है। |
श्याम दिनभर नहीं खाया। |
हवाई जहाज़ आकाश में उड़ता है। |
2. अपूर्ण अकर्मक क्रिया
अकर्मक क्रिया का वह रूप, जिसमें कर्ता के विषय में पूर्ण विधान करने के लिए क्रिया के साथ किसी ‘संज्ञा’ एवं ‘विशेषण शब्द’ की आवश्यकता पड़ती है, तो उसे अपूर्ण अकर्मक क्रिया कहते है।
अपूर्ण अकर्मक क्रिया में, जो ‘संज्ञा’ एवं ‘विशेषण शब्द’ कर्ता का पूर्ण आशय पूरा करने के लिए प्रयुक्त होते है, उन्हें ‘पूर्ति’ कहते है। हिंदी व्याकरण के अनुसार “दिखाना, निकलना, ठहरना, बनना, रहना, होता” आदि क्रियाएँ ‘अपूर्ण अकर्मक क्रियाएँ’ होती है।
अपूर्ण अकर्मक क्रिया के उदाहरण
अपूर्ण अकर्मक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
अपूर्ण अकर्मक क्रिया के उदाहरण |
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अजय चोर निकला। |
विजय बीमार रहा। |
आप मेरे भाई ठहरे। |
वह व्यक्ति गरीब दिखता है। |
सुरेश बेईमान निकला। |
गीता एक ईमानदार महिला थी। |
राम चतुर है। |
अकर्मक क्रिया के उपरोक्त उदाहरणों में क्रमशः “चोर, बीमार, भाई, गरीब, बेईमान, ईमानदार तथा चतुर” शब्द ‘पूर्ति शब्द’ है। अतः उपरोक्त वाक्यों में ‘अपूर्ण अकर्मक क्रिया’ होगी।
अकर्मक क्रिया की पहचान
अकर्मक क्रिया की पहचान करने के लिए वाक्य में प्रयुक्त ‘क्रिया’ से पहले ‘क्या‘ लगाकर वाक्य को प्रश्न की भांति पढ़ें।
यदि ‘कर्म‘ के रुप में प्रश्न का उत्तर प्राप्त नहीं हो, तो उस वाक्य में ‘अकर्मक क्रिया’ होगी अर्थात जिस वाक्य में ‘कर्म‘ उपस्थित नहीं होता है, तो उस वाक्य में प्रयुक्त क्रिया ‘अकर्मक क्रिया’ होगी।
सकर्मक क्रिया और अकर्मक क्रिया में अंतर
सकर्मक क्रिया और अकर्मक क्रिया में अंतर निम्न प्रकार है:-
सकर्मक क्रिया | अकर्मक क्रिया |
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जिस क्रिया का फल ‘कर्म’ पर पड़ता है, उसे ‘सकर्मक क्रिया’ कहते है। | जिस क्रिया का फल ‘कर्ता’ पर पड़ता है, उसे ‘अकर्मक क्रिया’ कहते है। |
सकर्मक क्रिया के वाक्यों से प्रश्न करने पर उनसे उत्तर प्राप्त होता है। | अकर्मक क्रिया के वाक्यों से प्रश्न करने पर उनसे कोई उत्तर प्राप्त नहीं होता है। |
सकर्मक क्रिया में कर्म, क्रिया और कर्ता होते है। | अकर्मक क्रिया में करने वाला और क्रिया तो होती है, लेकिन कर्म नहीं होता है। |
उदाहरण:- राम गाना गाता है। तुम सच बोलते हो। | उदाहरण:- राम खेलता है। श्याम जाता है। |
अकर्मक क्रिया से सम्बंधित कुछ प्रश्न
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अकर्मक क्रिया की परिभाषा क्या है?
अकर्मक का अर्थ होता है:- ‘कर्म के बिना’। यदि वाक्य में प्रयुक्त क्रिया का प्रभाव एवं फल कर्ता पर पड़ता है अर्थात वाक्य में कर्म का प्रयोग नही होता है, तो उसे अकर्मक क्रिया कहते है।
जैसे:- लजाना, होना, बढ़ना, सोना, खेलना, अकड़ना, डरना, बैठना, हँसना, उगना, जीना, दौड़ना, रोना, ठहरना, चमकना, डोलना, मरना, घटना, जागना, उछलना, कूदना, आदि कुछ अकर्मक क्रियाएँ है। -
अकर्मक क्रिया के कितने भेद है?
अकर्मक क्रिया के कुल 2 भेद है, जो कि निम्न प्रकार है:-
1. पूर्ण अकर्मक क्रिया
2. अपूर्ण अकर्मक क्रिया -
अकर्मक क्रिया कब सकर्मक क्रिया में परिवर्तित हो जाती है?
यदि किसी अकर्मक क्रिया को कर्म के साथ लिख दिया जाए, तो अकर्मक क्रिया सकर्मक क्रिया बन जाती है।
जैसे:- राम जा रहा है। इस वाक्य में अकर्मक क्रिया है। यदि इस वाक्य में ‘विद्यालय’ कर्म पद लगा दिया जाए, तो वाक्य कुछ इस प्रकार होगा:- राम विद्यालय जा रहा है, जो कि सकर्मक क्रिया है।
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।