अनन्वय अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण

अनन्वय अलंकार की परिभाषा : Ananvay Alankar in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘अनन्वय अलंकार की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप अनन्वय अलंकार से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
अनन्वय अलंकार की परिभाषा : Ananvay Alankar in Hindi
जब कवि को उपमेय की समानता के लिए कोई अन्य उपमान नहीं मिलता है, तो वह उपमेय की समानता के लिए उपमेय को ही उपमान बना डालता है, तो वहाँ ‘अनन्वय अलंकार’ होता है।
साधारण शब्दों में:- एक ही वस्तु को उपमेय तथा उपमान दोनों बना देना ही ‘अनन्वय अलंकार’ कहलाता है।
अनन्वय अलंकार के उदाहरण
अनन्वय अलंकार के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
उदाहरण 1
यद्यपि अति आरत-मारत है,
भारत के सम भारत है।
स्पष्टीकरण:- उपर्युक्त पंक्तियों में ‘भारत’ उपमेय है, जिसकी तुलना करने के लिए कोई उपमान नही है। जिस कारण से उपमेय को ही उपमान बनाकर उपमेय की तुलना की जा रही है। अतः यह ‘अनन्वय अलंकार’ का उदाहरण है।
उदाहरण 2
निरुपम न उपमा आन राम समानु राम, निगम कहे।
अनन्वय अलंकार से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
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अनन्वय अलंकार की परिभाषा क्या है?
जब कवि को उपमेय की समानता के लिए कोई अन्य उपमान नहीं मिलता है, तो वह उपमेय की समानता के लिए उपमेय को ही उपमान बना डालता है, तो वहाँ ‘अनन्वय अलंकार’ होता है।
साधारण शब्दों में:- एक ही वस्तु को उपमेय तथा उपमान दोनों बना देना ही ‘अनन्वय अलंकार’ कहलाता है।
अंतिम शब्द
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।