अर्थान्तरन्यास अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण

Arthantarnyas Alankar Ki Paribhasha in Hindi

अर्थान्तरन्यास अलंकार की परिभाषा : Arthantarnyas Alankar in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘अर्थान्तरन्यास अलंकार की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप अर्थान्तरन्यास अलंकार से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

अर्थान्तरन्यास अलंकार की परिभाषा : Arthantarnyas Alankar in Hindi

जब किसी सामान्य कथन से विशेष कथन का अथवा विशेष कथन से सामान्य कथन का समर्थन किया जाता है, तो वहाँ पर ‘अर्थान्तरन्यास अलंकार’ होता है। अर्थान्तरन्यास अलंकार ‘अर्थालंकार’ का एक भेद है।

अर्थान्तरन्यास अलंकार के उदाहरण

अर्थान्तरन्यास अलंकार के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

उदाहरण 1

बड़े न हूजे गुनन बिनु,
बिरद बडाई पाए।
कहत धतूरे सों कनक,
गहनो गढ़ो न जाए।।

स्पष्टीकरण:- उपर्युक्त पंक्तियों में सामान्य कथन का समर्थन विशेष बात से किया गया है। प्रथम वाक्य में सामान्य बात कही गई है और उसका समर्थन विशेष बात कहकर किया गया है। अतः यहाँ पर अर्थान्तरन्यास अलंकार है।

उदाहरण 2

जो रहीम उत्तम प्रकृति का करि सकत कुसंग।
चन्दन विष व्यापत नहीं लपटे रहत भुजंग।।

स्पष्टीकरण:- उपर्युक्त पंक्तियों में सामान्य कथन कहने के बाद दूसरे वाक्य में विशेष कथन का प्रयोग करके पहले कथन का समर्थन किया जा रहा है। अतः यहाँ पर अर्थान्तरन्यास अलंकार है।

अर्थान्तरन्यास अलंकार से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न

  1. अर्थान्तरन्यास अलंकार की परिभाषा क्या है?

    जब किसी सामान्य कथन से विशेष कथन का अथवा विशेष कथन से सामान्य कथन का समर्थन किया जाता है, तो वहाँ पर ‘अर्थान्तरन्यास अलंकार’ होता है। अर्थान्तरन्यास अलंकार ‘अर्थालंकार’ का एक भेद है।

अंतिम शब्द

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रों व परिजनों के साथ फेसबुक पर साझा अवश्य करें और हमारे वेबसाइट को सबस्क्राइब कर ले।

5/5 - (1 vote)

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *