बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर भाषण

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर भाषण : Beti Bachao Beti Padhao Speech in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर भाषण : Beti Bachao Beti Padhao Speech in Hindi
सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, माननीय शिक्षकगण एवं मेरे साथियों, आप सभी को मेरा प्यारभरा नमस्कार।
मेरा नाम —— है और मैं इस विद्यालय में 11वीं कक्षा का छात्र हूँ। आज मैं “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” विषय पर एक छोटा सा भाषण प्रस्तुत करने जा रहा हूँ।
आशा करता हूँ कि आप सभी को मेरा यह भाषण पसंद आएगा। सबसे पहले मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस मंच पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर प्रदान दिया।
आज मैं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे विषय पर दो शब्द कहने जा रहा हूँ। एक बेटी को घर की लक्ष्मी कहा जाता है, जो बड़े ही सौभाग्य से किसी घर में जन्म लेती है।
एक बेटी ही होती है, जो घर को घर बनाती है। कहा जाता है कि एक घर में बेटा बड़े ही भाग्य से जन्म लेता है और एक बेटी बड़े सौभाग्य से जन्म लेती है।
आज भारत इतना अधिक विकसित हो गया है लेकिन आज भी पिछड़े इलाकों में बेटियों की स्थिति ख़राब है। बेटियों को पैदा होते ही मार दिया जाता है या फिर भ्रूण हत्या कर दी जाती है।
आज बेटी को पैदा भी कर दिया जाता है, तो भी उसे लड़कों की तरह समानता नहीं दी जाती है। उसे शिक्षा से वंचित रखा जाता है।
लड़कों को अच्छी शिक्षा प्राप्त होती है और लड़कियों को घर के काम करवाए जाते है। जिस समय एक लड़की की खेलने की उम्र होती है, उस उम्र में उस लड़की को चूड़ी पहना दी जाती है।
उसे पढ़ाने की जगह उसकी शादी कर दी जाती है। वह लड़की चूल्हे-चौके तक ही सीमित रह जाती है। उसका जीवन इसी अंधेरे में खो जाता है।
यह समाज उसे उसके अधिकारों से वंचित रखता है। शादी के बाद भी उसके साथ अत्याचार ही होता है। उन्हें लड़का पैदा करने के लिए जोर दिया जाता है।
यदि गलती से बेटी पैदा हो जाए तो उसे मारा तथा पीटा जाता है या गलत वयवहार किया जाता है। कईं बार तो उन्हें घर से ही निकाल दिया जाता है।
एक लड़की की शादी के लिए भी दहेज़ की मांग की जाती है। दहेज़ न मिलने पर लड़की पर घरेलु हिंसा भी की जाती है। इन सभी के कारणों से कईं लड़कियों को तो जान भी खोनी पड़ती है।
आज भारत के शहरों में बेटियों की स्थिति काफी हद तक सुधर गई है। आज बेटियाँ भी बेटों की तरह ही आगे बढ़ रही है।
आज कोई ऐसा विभाग नहीं है, जहाँ पर बेटियाँ नही है। बेटियाँ आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ चुकी है, चाहे वह डॉक्टर हो या इंजीनियर।
आज हमारे देश की बेटियां चाँद तक पहुंच चुकी है। उन्होंने अपने बलबुते पर यह मुकाम हासिल किया है।
यदि बेटियों को मौका दिया जाए, तो वह हर कार्य को करने में सक्षम है।
कहा जाता है कि यदि एक लड़के को पढ़ाया जाए तो वह अपनी शिक्षा को अपने तक ही सीमित रखता है। लेकिन यदि एक लड़की को पढ़ाया जाए तो वह शिक्षा दो परिवारों तक बढ़ती है।
एक लड़की के पढ़ने से ही यह समाज भी शिक्षित होगा। एक लड़की की शिक्षा से ही इस समाज व देश का विकास संभव है।
यदि इस समाज में बेटी ही नहीं होगी या इसकी वजह वह पढ़ी-लिखी ही नहीं होगी तो हम कैसे विकसित देशों की सूची में शामिल हो पाएंगे।
यदि हम बेटियों को गर्भ में ही मार देंगे तो हमारा यह समाज कैसे बनेगा। यदि एक लड़की पढ़ी-लिखी होगी तो वह आत्मनिर्भर भी बन जाएगी।
यदि वह पढ़ी-लिखी होगी तो उसे अपने अधिकार भी पता होंगे, जिससे वह अपने पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठा पाएगी।
आज हम सभी को बेटियों के प्रति जागरूक होना होगा। उसे भी अपना जीवन अपने अनुसार जीने का अधिकार है।
वह भी एक लड़के के समान ही होती है, फिर क्यों यह समाज उसे आजादी से अपना जीवन जीने नहीं देता है।
आज सरकार भी बेटियों के प्रति जागरूक हो गई है।
सरकार ने बेटियों की हत्या को रोकने और उन्हें शिक्षित करने के लिए कईं कानून बनाए है। जिससे बेटियों के साथ गलत होने से रोका जा सके।
सरकार ने बेटियों के लिए विभिन्न योजनाएं भी लागू की है, जिसमें से एक है:- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ। इसके अंदर बेटियों को शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति दी जाती है।
एक लड़की के पैदा होने पर उनके पोषण के लिए धनराशि भी उपलब्ध कराई जाती है। इतना कहकर मैं अपने भाषण को समाप्त करता हूँ और आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह भाषण पसंद आएगा।
धन्यवाद!
यें भी पढ़ें:-
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रों व परिजनों के साथ फेसबुक पर साझा अवश्य करें और हमारे वेबसाइट को सबस्क्राइब कर ले।

नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।