भाववाच्य की परिभाषा, भेद और उदाहरण

भाववाच्य की परिभाषा : Bhav Vachya in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘भाववाच्य की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप भाववाच्य से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
भाववाच्य की परिभाषा : Bhav Vachya in Hindi
क्रिया का वह रूप जिससे क्रिया अथवा भाव की प्रधानता का बोध होता है, उसे ‘भाववाच्य’ कहते है। साधारण शब्दों में:- जिन वाक्य में कर्ता व कर्म की प्रधानता का बोध न होकर ‘क्रिया’ की प्रधानता का बोध होता है, उसे ‘भाववाच्य’ कहते है।
भाववाच्य के उदाहरण
भाववाच्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
भाववाच्य के उदाहरण |
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राम से टहला भी नहीं जाता। |
मुझसे उठा नहीं जाता। |
धूप में चला नहीं जाता। |
मुझसे खाया नहीं जाता। |
उपर्युक्त उदाहरणों में ‘कर्ता’ अथवा ‘कर्म’ प्रधान न होकर ‘भाव’ प्रधान है। अतः यह ‘भाववाच्य’ के उदाहरण है।
कर्तृवाच्य से भाववाच्य के उदाहरण
कर्तृवाच्य में क्रिया के लिंग तथा वचन में परिवर्तन ‘कर्ता के अनुसार’ होता है, जबकि भाववाच्य में क्रिया ‘कर्ता’ तथा ‘कर्म’ दोनों के अनुसार ही परिवर्तित नहीं होती है।
अतः कर्तृवाच्य के वाक्य को भाववाच्य के वाक्य में परिवर्तित करते समय कर्ता को करण कारक में लिखकर वाक्य को अकर्मक क्रिया में लिखा जाता है।
कर्तृवाच्य से भाववाच्य के उदाहरण निम्नलिखित है:-
कर्तृवाच्य | भाववाच्य |
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गरमियों में लोग खूब नहाते है। | गर्मियों में लोगों से खूब नहाया जाता है। |
पक्षी रात में सोते है। | पक्षियों से रात में सोया जाता है। |
वह तख्त पर सोता है। | उससे तख्त पर सोया जाता है। |
सलोनी नहीं हँसती। | सलोनी से हँसा नहीं जाता। |
बच्चे शांत नहीं रह सकते। | बच्चों से शांत नहीं रहा जाता। |
हम नहीं हँस सकते। | हमसे हँसा नहीं जाता। |
वे गा नहीं सकते। | उनसे गाया नहीं जाता। |
आइए, चलें। | आए, चला जाए। |
वह बेचारी रो भी नहीं सकती। | उस बेचारी से रोया भी नहीं जाता। |
चलो, अब सोते है। | चलो, अब सोया जाए। |
अब चलते है। | अब चला जाए। |
भाववाच्य से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
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भाववाच्य की परिभाषा क्या है?
क्रिया का वह रूप जिससे क्रिया अथवा भाव की प्रधानता का बोध होता है, उसे ‘भाववाच्य’ कहते है। साधारण शब्दों में:- जिन वाक्य में कर्ता व कर्म की प्रधानता का बोध न होकर ‘क्रिया’ की प्रधानता का बोध होता है, उसे ‘भाववाच्य’ कहते है।
अंतिम शब्द
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