चौपाई छंद की परिभाषा, भेद और उदाहरण

चौपाई छंद की परिभाषा : Chaupai Chhand in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘चौपाई छंद की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप चौपाई छंद की परिभाषा से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
चौपाई छंद की परिभाषा : Chaupai Chhand in Hindi
चौपाई छंद एक ‘मात्रिक छंद’ होता है। इसमें चार चरण होते है। इसके प्रत्येक चरण में कुल 16 मात्राएँ होती है। इसके चरण के अंत में जगण और तगण का आना वर्जित होता है। तुक प्रथम चरण के द्वितीय चरण तथा तृतीय चरण के चतुर्थ चरण से मिलते है।
इसमें प्रत्येक चरण के अंत में यति होती है। चरण के अंत में गुरु स्वर या लघु स्वर नहीं होते है लेकिन दो गुरु स्वर और दो लघु स्वर हो सकते है।
चौपाई छंद के उदाहरण
चौपाई छंद के उदाहरण निम्नलिखित है:-
उदाहरण 1
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“इहि विधि राम सबहिं समुझावा
गुरु पद पदुम हरषि सिर नावा।
उदाहरण 2
बंदउँ गुरु पद पदुम परागा।
सुरुचि सुबास सरस अनुराग॥
अमिय मूरिमय चूरन चारू।
समन सकल भव रुज परिवारू॥
उदाहरण 3
नित नूतन मंगल पुर माहीं।
निमिष सरिस दिन जामिनि जाहीं।।
बड़े भोर भूपतिमनि जागे।
जाचक गुनगन गावन लागे।।
उदाहरण 4
इहि विधि राम सबहिं समुझावा
गुरु पद पदुम हरषि सिर नावा।
चौपाई छंद से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
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चौपाई छंद की परिभाषा क्या है?
चौपाई छंद एक ‘मात्रिक छंद’ होता है। इसमें चार चरण होते है। इसके प्रत्येक चरण में कुल 16 मात्राएँ होती है। इसके चरण के अंत में जगण और तगण का आना वर्जित होता है। तुक प्रथम चरण के द्वितीय चरण तथा तृतीय चरण के चतुर्थ चरण से मिलते है।
इसमें प्रत्येक चरण के अंत में यति होती है। चरण के अंत में गुरु स्वर या लघु स्वर नहीं होते है लेकिन दो गुरु स्वर और दो लघु स्वर हो सकते है।
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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रोला छंद
उदाहरण
जिनके आगे ठहर, सके जंगी न जहाजी।
हैं ये वही प्रसिद्ध, छत्रपति वीर आलाजी।।
रोला छंद
उदाहरण
जिनके आगे ठहर, सके जंगी न जहाजी।
हैं ये वही प्रसिद्ध, छत्रपति वीर शिवाजी।।
Good Article
Thank You