बाल मजदूरी पर भाषण

बाल मजदूरी पर भाषण : Child Labour Speech in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘बाल मजदूरी पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप बाल मजदूरी पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
बाल मजदूरी पर भाषण : Child Labour Speech in Hindi
सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, माननीय शिक्षकगण एवं मेरे प्यारे साथियों, आप सभी को मेरा प्यारभरा नमस्कार।
मेरा नाम —– है और मैं इस विधालय में 11वीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ। आप सभी को मेरी तरफ से बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
आज मैं इस शुभ अवसर पर आप सभी के सामने एक छोटा सा भाषण प्रस्तुत करने जा रहा हूँ, जिसका विषय है:- बाल मजदूरी।
यह एक काफी महत्वपूर्ण विषय है। सर्वप्रथम मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस मंच पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर प्रदान किया।
आज मैं बाल मजदूरी जैसे विषय पर दो शब्द कहना चाहता हूँ। आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह भाषण पसंद आएगा।
बाल श्रम का अर्थ है:- बच्चों से मजदूरी करवाना। जो उम्र बच्चों की खेलने-कूदने एवं पढ़ने की होती है, उस उम्र में बच्चों से मजदूरी करवाई जाती है। इससे उनका भविष्य अंधकार में पड़ जाता है।
बच्चे एक देश का भविष्य होते है। लेकिन, फिर भी हमारे देश में इनकी स्थिति काफी दयनीय है। बाल मजदूरी दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है।
बच्चों से बहुत कम वेतन पर मजदूरी करवाई जाती है। कभी-कभी तो बच्चों से देर रात तक काम करवाया जाता है।
बाल मजदूरी करने वाले बच्चों का न तो शारीरिक विकास हो पाता है और न ही मानसिक विकास। इन बच्चों को शिक्षा भी नहीं मिल पाती है।
इससे इनका भविष्य भी मजदूरी में ही बीत जाता है और उन्हें उचित अवसर नहीं मिल पाते है। बाल मजदुर बनने से इन बच्चों का विकास नहीं हो पाता है और यह अपने जीवन में आगे नहीं बढ़ पाते है।
यह प्रथा पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ती रहती है। इससे देश का विकास भी रूक जाता है। बाल मजदूरी का मुख्य कारण गरीबी और समाजिक सुरक्षा की कमी है।
भारत क्षेत्रफल में ही नहीं बल्कि जनसंख्या की दृष्टि से भी बहुत बड़ा देश है। यहाँ काफी सामाजिक असमानताएँ है। कुछ लोग बहुत अमीर है और कुछ लोग बहुत गरीब है।
इस गरीबी में बच्चों को मजबूर होकर मजदूरी करनी पड़ती है। ताकि, वें अपनी आधारभूत आवश्यकता को पूरा कर सके।
अशिक्षा भी बाल मजदूरी का एक बहुत बड़ा कारण है। जब माता-पिता शिक्षित नहीं होते है, तो वह अपने बच्चों को भी शिक्षा दिलाने का प्रयास नहीं करते है और बच्चों को मजदूरी करने के लिए भेज देते है।
बाल मजदूरी अब एक बहुत बड़ी सामाजिक समस्या बन गई है, जिसको रोकना अतिआवश्यक हो गया है। बच्चे इस देश का भविष्य है, जिनका शिक्षित होना अति आवश्यक है।
ये सभी हमारे देश को आगे लेकर जायेंगे। आज सरकार भी बाल मजदूरी के लिए जागरूक हो गई है। सरकार ने इसके लिए कईं कड़े कानून बनाए है।
बाल मजदूरी करना एक गंभीर अपराध है, जिसके लिए आपको सजा दी जाएगी। सरकार ने अब नियम बना दिए है कि 18 वर्ष की आयु से छोटे बच्चों को काम पर नहीं रखा जा सकता है।
सरकार के अकेले प्रयास से यह समस्या ख़त्म नहीं होगी। इसके लिए हम सभी को भी जागरूक होने की जरूरत है। हमें अपने आसपास ऐसे बच्चों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
हमें उनकी सहायता करनी चाहिए और उन्हें शिक्षा के लिए प्रेरित करना चाहिए। हम सभी के ऐसे छोटे-छोटे प्रयासों से ही यह समस्या कम होगी। जिससे हमारे देश का विकास भी होगा।
इतना कहकर ममें अपने भाषण को समाप्त करना चाहता हूँ और आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह छोटा सा भाषण पसंद आया होगा।
धन्यवाद!
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।