दीपक अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण

Deepak Alankar Ki Paribhasha in Hindi

दीपक अलंकार की परिभाषा : Deepak Alankar in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘दीपक अलंकार की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप दीपक अलंकार से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

दीपक अलंकार की परिभाषा : Deepak Alankar in Hindi

जिस प्रकार एक दीपक सभी जगह प्रकाश फैलाता है, ठीक उसी प्रकार दीपक अलंकार निकट एवं दूर के पदार्थों का एक धर्म-संबंध वर्णित करता है।

साधारण शब्दों में:- जहाँ पर प्रस्तुत और अप्रस्तुत का एक ही धर्म स्थापित किया जाता है, तो वहाँ पर ‘दीपक अलंकार’ होता है।

दीपक अलंकार के उदाहरण

दीपक अलंकार के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

उदाहरण 1

कामिनी कन्त सों, जामिनी चन्द सों,
दामिनी पावस मेघ घटा सों
जाहिर चारिहु ओर जहान लसै,
हिन्दवान खुमान शिवा सों

स्पष्टीकरण:- उपर्युक्त पंक्तियों में प्रस्तुत पदार्थ अथवा उपमेय (हिन्दू सम्राट शिवाजी से शोभित संसार) तथा अप्रस्तुत पदार्थ अथवा उपमानों (कामिनी, यामिनी, दामिनी, मेघ, आदि) के लिए एक ही साधारण धर्म (लसै-सुशोभित होना) का प्रयोग हुआ है। अतः यह ‘दीपक अलंकार’ का उदाहरण है।

उदाहरण 2

भूपति सोहत दान सों,
फल फूलन उद्यान।

स्पष्टीकरण:- उपर्युक्त पंक्तियों में भूपति (प्रस्तुत) और उद्यान (अप्रस्तुत) दोनों के लिए एक ही साधारण धर्म (सोहत) का प्रयोग हुआ है। अतः यह ‘दीपक अलंकार’ का उदाहरण है।

उदाहरण 3

देखैं तें मन भरै,
तन की मिटे न भूख।
बिन चाखै रस नहीं मिले,
आम कामिनी ऊख।।

स्पष्टीकरण:- उपर्युक्त पंक्तियों में उपमेय (कामिनी) तथा उपमान (आम व ईख) के लिए एक ही साधारण धर्म (बिन चाखे रस नहिं मिले) का प्रयोग हुआ है। अतः यह ‘दीपक अलंकार’ का उदाहरण है।

उदाहरण 4

सरसिज से है सर की शोभा,
नयनों से तेरे आनन की।

स्पष्टीकरण:- उपर्युक्त पंक्तियों में बताया गया है कि जैसे कमल से तालाब सुशोभित होता है, वैसे ही आँखों से तुम्हारा मुख (सुशोभित है)। यहाँ पर उपमेय (आनन) तथा उपमान (सर) दोनों के लिए एक साधारण धर्म (शोभा) का प्रयोग हुआ है। अतः यह ‘दीपक अलंकार’ का उदाहरण है।

उदाहरण 5

फल से सोहत तीर्थ थल,
जल से सोहत कूप।
रस से सोहत सुमन जल,
बल से सोहत भूप।।

उदाहरण 6

चंचल निशि उदवस रहें,
करत प्रात वसिराज।
अरविंदन में इंदिरा,
सुन्दरि नैनन लाज।।

उदाहरण 7

सुर महिसुर हरिजन अस गाई।
हमरे कुल इन्ह पर न सुराई।

दीपक अलंकार से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न

  1. दीपक अलंकार की परिभाषा क्या है?

    जिस प्रकार एक दीपक सभी जगह प्रकाश फैलाता है, ठीक उसी प्रकार दीपक अलंकार निकट एवं दूर के पदार्थों का एक धर्म-संबंध वर्णित करता है।
    साधारण शब्दों में:- जहाँ पर प्रस्तुत और अप्रस्तुत का एक ही धर्म स्थापित किया जाता है, तो वहाँ पर ‘दीपक अलंकार’ होता है।

अंतिम शब्द

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

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