डायरी लेखन की परिभाषा, प्रारूप, लाभ और उदाहरण

डायरी लेखन की परिभाषा : Diary Lekhan in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘डायरी लेखन की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप डायरी लेखन से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
डायरी लेखन की परिभाषा : Diary Lekhan in Hindi
अपनी भावनाओं अथवा किसी भी प्रकार की जानकारी को डायरी में लिखने की प्रक्रिया को ही ‘डायरी लेखन’ कहते है।
साधारण शब्दों में:- जब कोई व्यक्ति दिनभर की घटनाओं तथा अनुभवों को क्रमबद्ध रूप से लिखता है, तो उसे ‘डायरी लेखन’ कहते है।
अपनी भावनाओं को व्यक्त करने तथा अपने सपनों को रिकॉर्ड करने के लिए डायरी लेखन एक निजी तथा बेहद खूबसूरत माध्यम होता है।
डायरी में निजी अनुभव, प्रतिदिन घटित होने वाली घटनाओं का लेखा-जोखा, तथ्य-संग्रह, संपर्क में आये व्यक्तियों, नए अनुभवों, नए स्थानों, नई घटनाओं,, आदि का संक्षिप्त विवरण होता है, इसलिए इसे ‘दैनंदिनी’ भी कहते है।
डायरी लिखने के पीछे लेखक का मुख्य उद्देश्य जीवन में घटित घटनाओं को लंबे समय तक याद रखना होता है।
डायरी लेखन व्यक्ति के द्वारा लिखे गए व्यक्तिगत अनुभवों, सोच तथा भावनाओं को लिखित रूप में अंकित करके बनाया गया एक संग्रह है।
विश्व में कईं महान व्यक्ति डायरी लेखन करते थे। जिनके निधन के बाद भी डायरी से प्राप्त उनके अनुभवों से कईं लोगों को प्रेरणा मिलती है।
डायरी गद्य साहित्य की एक प्रमुख विधा है। इसमें लेखक आत्म साक्षात्कार करता है। वह स्वयं से सम्प्रेषण की स्थिति में होता है। वह स्वयं से बातचीत करता चलता है।
डायरी लेखन हिन्दी साहित्य में मुख्यतः छायावादोत्तर युग (छायावाद के बाद का समय) की आत्मपरक विधा है। किसी भी घटना के प्रति व्यक्ति की तात्कालिक उद्वेग अथवा अभिव्यक्ति का माध्यम डायरी बनती है।
वैसे तो डायरी एक निजी सम्पत्ति मानी जाती है, जो किसी व्यक्ति की अपनी मानसिक सृष्टि तथा अंतर्जगत है, लेकिन व्यापक कलेवर धारण करके डायरी एक महत्त्वपूर्ण साहित्यिक विधा के रूप में सामने आई है।
डायरी लेखन के प्रकार
डायरी लेखन के कुल 4 प्रकार होते है, जो कि निम्नलिखित है:-
डायरी लेखन के प्रकार |
---|
व्यक्तिगत डायरी |
वास्तविक डायरी |
काल्पनिक डायरी |
साहित्यिक डायरी |
कुछ महत्वपूर्ण डायरियाँ
कुछ महत्वपूर्ण डायरियाँ निम्नलिखित है:-
डायरी | लेखक |
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द डायरी ऑफ अ यंग गर्ल | ऐनी फ्रैंक |
पैरों में पंख बाँधकर | रामवृक्ष बेनीपुरी |
रूस में पच्चीस मास | राहुल सांस्कृत्यायन |
सुदूर दक्षिण पूर्व | सेठ गोविंद दास |
हरि घाटी | डॉ. रघुवंश |
डायरी लेखन का उद्देश्य
डायरी लेखन से सभी उद्देश्य निम्न प्रकार है:-
- एक व्यक्ति जिस बात को अन्य लोगों को समझा पाने तथा व्यक्त कर पाने में असमर्थ होता है, उस बात को वह डायरी में लिख लेता है। डायरी सही अर्थ में एक ‘सच्चे मित्र’ की भांति होती है, जिसे हम सब कुछ बता सकते है। इसमें प्रतिदिन की विशेष घटनाओं को लिखकर हम उन्हें यादगार बना लेते है।
- जिस प्रकार हम किसी तस्वीर को देखकर उस अवसर की याद ताजा कर लेते है, ठीक उसी प्रकार डायरी के माध्यम से हम अतीत में लौट सकते है तथा अपने खट्टे-मीठे अनुभवों को पुनर्जीवित कर सकते है।
- प्रसिद्ध तथा महान व्यक्ति भी डायरी लेखन किया करते थे। उनकी डायरी पढ़कर हम सम्पूर्ण युग देख सकते है। कईं बार यही डायरी भविष्य में ‘आत्मकथा’ का रूप ले लेती है, जिससे हम महान व्यक्तियों के विचारों, अनुभवों तथा दिनचर्या के बारे में जान पाते है।
मानव के समस्त भावों, मानसिक उद्वेगों तथा अनुभूति विचारों को अभिव्यक्त करने में साहित्य का सर्वोच्च स्थान है।
समीक्षकों ने डायरी को साहित्य की कोटि में इसलिए रखा है, क्योंकि वह किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति के व्यक्तित्व का उद्घाटन करती है अथवा मानव समाज के विभिन्न पक्षों का सूक्ष्म तथा जीवंत चित्र उपस्थित करती है।
डायरी लेखक अपनी रूचि तथा आवश्यकतानुसार राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक तथा साहित्यिक विभिन्न पक्षों के साथ निजी अनुभूतियों का चित्रण कर सकता है।
डायरी लेखन करते समय ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें
डायरी लेखन करते समय निम्नलिखित बातें ध्यान में रखी जाती है:-
- डायरी लेखन करते समय पृष्ठ में सबसे ऊपर तिथि, दिन तथा लिखने का समय अवश्य लिखना चाहिए।
- डायरी लेखन सदैव सोने जाने से पहले करना चाहिए, ताकि पूरे दिन में घटित सभी विशेष घटनाओं को लिख सके।
- डायरी के अंत में अपने हस्ताक्षर अवश्य करना चाहिए, ताकि वह आपके व्यक्तिगत दस्तावेज बन सके।
- डायरी लेखन करते समय सरल तथा स्पष्ट भाषा का प्रयोग करना चाहिए।
- डायरी में दर्ज विवरण यथासंभव संक्षिप्त रहना चाहिए।
- डायरी लेखन करते समय अपने अनुभवों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करना चाहिए।
- डायरी में स्थान तथा तिथि का जिक्र अवश्य करना चाहिए।
- डायरी में अपना विश्लेषण, समाज, आदि पर प्रभाव तथा निष्कर्ष भी दर्ज होना चाहिए।
प्राचीनकाल में राजा-महाराजाओं के समय भी एक रोजनामचा तैयार किया जाता था, जो रोजाना के कार्यों तथा घटनाओं का विवरण देता था।
व्यापारियों तथा दुकानदारों द्वारा भी हिसाब-किताब तथा लेन-देन का विवरण सुरक्षित रखने के लिए बही-खाते का प्रयोग किया जाता है, वह भी ‘डायरी लेखन’ कहलाता है।
अतः डायरी लेखन अतिथि मित्रों तथा जीवन की बीती हुई घटनाओं को याद करने का एक माध्यम है। आजकल महत्वपूर्ण कार्यों को याद रखने के लिए डायरी लेखन का प्रचलन बढ़ गया है।
रोजमर्रा के कार्यों की समीक्षा तथा संभावित आंकलन करने के लिए डायरी लेखन उपयोगी साबित हो रहा है।
डायरी लेखन का प्रारूप
डायरी लेखन का प्रारूप निम्नलिखित है:-
तारीख समय अभिवादन ………………………………। ………………………………… .. ……………………………… (यहां लिखें अपने पूरे दिन की गतिविधि) ………………………………………………………………………………………………… .. हस्ताक्षर (आपका नाम)
1. तारीख
डायरी प्रतिदिन दिन लिखी जाती है। इसलिए, प्रतिदिन डायरी के पृष्ठ के ऊपर की तारीख अवश्य लिखें। यदि आपके पास एक डायरी है, तो उसमें एक तारीख का खांचा दिया जाता है, लेकिन आप वर्तमान तारीख लिखकर डायरी लेखन शुरू कर सकते है।
2. समय
आमतौर पर डायरी लेखन नियत समय में किया जाता है। डायरी लेखन का निश्चित समय रात में सोने से पहले का समय है।
इसलिए, आप सोने से पहले डायरी लेखन कर सकते है। ताकि, यदि भविष्य में कोई आपकी डायरी पढ़ता है, तो वह समझ सकेगा कि डायरी लेखन का समय क्या था।
3. अभिवादन
एक लेखक के डायरी उसके मित्र की भांति होती है, जिसमें वह बिना किसी झिझक के अपने दिल की सभी बातें लिखता है।
इसलिए, डायरी के लिए आप एक अभिवादन लिख सकते है, जैसे:- प्रिय डायरी। और उसके बाद आप अपने डायरी लेखन की शुरूआत कर सकते है।
4. मुख्य कंटेंट
डायरी लेखन करते समय मुख्य सामग्री (कंटेंट) में आपको पूरे दिन की गतिविधि लिखनी होती है। जैसे:- आज कॉलेज का पहला दिन था। कॉलेज का सम्पूर्ण अनुभव यहाँ लिखना होता है।
डायरी में सुबह से शाम तक किये गए अच्छे तथा बुरे अनुभवों को लिखना पड़ता है। यदि आपने आज कुछ अच्छा सीखा है अथवा किसी ने कुछ कहा है, जो आपको अलग प्रकार से बदल दिया है, तो उसे विस्तार से लिखा जाता है।
5. हस्ताक्षर
डायरी लेखन में हस्ताक्षर सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। डायरी लेखन करने के बाद एक संकेत बनाना आवश्यक होता है। सम्पूर्ण डायरी लेखन करने के बाद आप अपना नाम लिखकर नीचे हस्ताक्षर कर सकते है।
डायरी लेखन के लाभ
डायरी लेखन के सभी लाभ निम्न प्रकार है:-
1. सचेतनता में वृद्धि
जैसे ही आप अपने मन की सभी निराशाओं को डायरी में लिखते जाते है, तो आप स्थिर तथा शांत होते चले जाते है। आपको ऐसा लगता है, जैसे मानों आप के दिल से कोई भारी बोझ उतर गया है।
2. विद्यार्थियों को लक्ष्य प्राप्त करने में सहायता
जब आप अपने किसी लक्ष्य को लिख लेते है, तो आपका दिमाग उसे एक महत्वपूर्ण सूचना के रूप में याद रखता है।
आप किसी लक्ष्य के बारे में जितना अधिक लिखते है, उसे प्राप्त करने के लिए आप उतना ही अधिक प्रयास करते है और इस प्रकार से आप सफल हो सकते है।
3. भावनात्मक समझ में वृद्धि
डायरी लेखन करने से आप अपनी भावनाओं को अच्छी तरह जान पाते है और उसे प्रबंधित भी कर पाते है। इससे आपको अपनी नकारात्मक पहलु तथा सकारात्मक पहलु दोनों को ही जानने में सहायता प्राप्त होती है।
4. संपर्क कौशल में वृद्धि
लिखने तथा बोलने का आपस में काफी गहरा संबंध होता है। डायरी लेखन से आपको काफी सुविधा मिलती है। डायरी लेखन से आपके विचार स्पष्ट हो जाते है। आप किसी भी बात पर साफ तौर पर सोचने तथा अच्छी तरह ध्यान केन्द्रित करने में सक्षम हो जाते है।
5. रचनात्मकता में वृद्धि
कुछ लोग अपनी डायरी में अपने भविष्य के सपने संजोकर रखते है। कुछ व्यक्ति अपनी रोजाना की घटनाओं का वर्णन अपनी डायरी में करते है, जबकि कुछ व्यक्ति ऐसे भी होते है, जो रचनात्मक लेखन (कविता, कहानी, गीत, आदि) लिखने के लिए अपनी डायरी का इस्तेमाल करते है।
जब आप रचनात्मक विचारों पर ध्यान केन्द्रित करते हैं तो आपका दिमाग कई ऐसे आइडियाज आपके सामने पेश करता है।
डायरी लेखन की विशेषताएँ
डायरी लेखन की सभी विशेषताएँ निम्नलिखित है:-
- डायरी में प्रतिदिन की सभी घटनाएँ कलात्मक ढंग से लिखी जाती है।
- डायरी में उन्हीं घटनाओं का विवरण रहता है, जो व्यक्ति को काफी अधिक प्रभावित करती है।
- मन पर पड़े प्रभाव डायरी में उसी दिन लिख दिए जाते है।
- डायरी में संक्षिप्तता रहती है, विस्तार नहीं होती है।
- डायरी एक प्रकार की आत्मकथा का ही रूप होती है।
- डायरी पूरी सच्चाई तथा ईमानदारी से लिखी जाती है।
- डायरी में सदैव स्थान का विवरण अवश्य होता है।
डायरी लेखन का महत्व
डायरी लेखन का सबसे बड़ा महत्व यह है कि यह आपके अंदर की भावनाओं को पन्नों पर उतारने की कला को निखारता है और साथ ही साथ डायरी लेखन से आप स्वयं को अच्छी प्रकार से समझ पाते है।
अपने जीवन की अच्छाइयों, परेशानियों, घटनाओं तथा यादों को डायरी में लिखकर आप सुकून महसूस करते है और साथ ही साथ आपके अंदर एक अच्छा लेखक बनने की कला पैदा हो जाती है।
नियमित तौर पर लिखने से यह आपकी आदत हो जाती है, जिससे आप स्वयं का साक्षात्कार कर पाने में हिचकते नहीं है। आप स्वयं से ऐसे प्रश्न भी पूछते है, जो आप दूसरों से सुनना पसंद नहीं करते है।
इसलिए, आप स्वयं का विश्लेषण करें और आवश्यकता हो, तो स्वयं की आलोचना भी करें। इससे आप अपने स्वभाव को अच्छे से समझ पाएंगे और अपने जीवन में आवश्यक बदलाव ला पाएंगे।
डायरी लेखन की आवश्यकता
डायरी लेखन के पीछे कुछ विशेष बातें होती है, जिनमें आप डायरी लिखकर अपने विचारों को कागज पर उतारते है और स्वयं का विश्लेषण करते है। डायरी लेखन करने से आप स्वयं से रूबरू हो पाते है।
अपनी अच्छी तथा बुरी प्रत्येक वस्तु का आंकलन कर पाने में सफल हो पाते है। डायरी लेखन एक अच्छी आदत है, क्योंकि इससे आपके जीवन में नियमितता बनी रहती है और आप स्वयं का विश्लेषण कर पाते है।
डायरी लेखन करते समय आप स्वयं के आलोचक होते है, क्योंकि आपकी अच्छी तथा बुरी सभी बातों का परिणाम आपको ही मिलने वाला है। इसलिए आपको डायरी लेखन का कार्य नियमित तौर पर करते रहना चाहिए।
डायरी लेखन के उदाहरण
डायरी लेखन के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
1. पुरस्कार प्राप्त होने के बाद हुई प्रसन्नता
जयपुर 21 फरवरी 2023, सोमवार रात्रि 9:30 बजे आज का दिन बहुत अच्छा बीता। विद्यालय की प्रार्थना सभा में सभी विद्यार्थियों के सामने मुझे अंतर्विद्यालयी काव्य-पाठ प्रतियोगिता में जीता गया पुरस्कार दिया गया। घर आने पर मैंने माताजी-पिताजी को पुरस्कार दिखाया, तो वे दोनों फूले नहीं समाए। दादी माँ ने मुझे आशीर्वाद दिया। अब मैं खाना खाने के बाद सोने जा रहा हूँ। सूरज रावत
2. सत्रांत परीक्षा की तिथि की घोषणा पर होने वाली प्रतिक्रिया
जयपुर 21 फरवरी 2023, सोमवार रात्रि 9:30 बजे सब को छोड़कर पीछे अव्वल आना है, है वक्त पूरा करने का जो ठाना है। आज वार्षिक परीक्षा की सूचना प्राप्त हुई। न जाने क्यों मेरे मन में तरह-तरह की आशंकाएं तिरने लगीं। जब-जब परीक्षा की घोषणा होती है, मेरा दिल दहल जाता है। हर बार सोचता हूँ कि कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए अपेक्षित मेहनत करूँगा, लेकिन दीर्घ सूत्रता के कारण असफल हो जाता हूँ। 'परीक्षा' शब्द से ही मन में झुरझुरी होने लगती है। ऐसा लगता है कि मानो कोई बड़ी दुर्घटना होने वाली है। देखता हूँ कि इस बार क्या होता है? मन में उत्साह की तरंगें उठ रहीं है। विकास यादव
3. परीक्षा में प्रथम अंक लाने पर मन पुलकित हुआ
जयपुर 21 फरवरी 2023, सोमवार रात्रि 9:30 बजे गर्वित है मन मेरा उड़ता सा, नयी हवाओं संग जुड़ता सा। आज मैं बहुत खुश हूँ, क्योंकि आज मेरी इच्छा पूरी हो गई है। आज कक्षा में अध्यापिका ने सभी के सामने परीक्षा परिणाम घोषित किया। जब उन्होंने सबसे अधिक अंक प्राप्त करके प्रथम आने वाली छात्रा का नाम लिया, तब मुझे अपने कानों पर विश्वास ही नहीं हुआ, क्योंकि वह छात्रा कोई और नहीं बल्कि मैं ही थी। सभी साथियों ने मेरी प्रशंसा की। घर आने पर मैंने माताजी-पिताजी तथा दादाजी-दादीजी को रिपोर्ट कार्ड दिखाया, तो वे सभी बहुत प्रसन्न हुए और मुझे न जाने कितने आशीर्वाद दिए। कंचन
4. अच्छे मित्र के चले जाने के बाद जो दुःख हुआ
जयपुर 21 फरवरी 2023, सोमवार रात्रि 9:30 बजे छिड़कता रहूँगा तुम्हारी यादों का इत्र, मेरी जिन्दगी तुमसे महकती रहेगी मित्र। आज मेरा मन बहुत उदास है, क्योंकि मेरे बचपन का मित्र विकास भोपाल छोड़कर रांची जा रहा है। उसके पिताजी का तबादला हो गया है। शाम को वह मुझसे मिलने आया था। वह भी बहुत दुखी था, लेकिन उसने मुझसे वादा किया है कि वह फोन तथा पत्रों के द्वारा मुझसे संपर्क बनाए रखेगा। विकास जैसा मित्र होना बड़ी खुशकिस्मती की बात है। मैं ईश्वर से यही प्रार्थना करूँगा कि दूर जाने पर भी हमारी मित्रता में दूरी न आए। नीरज
5. परीक्षा में कम अंक प्राप्त करने पर अपने गुण तथा दोष का आंकलन
जयपुर 21 फरवरी 2023, सोमवार रात्रि 9:30 बजे होश,हुनर और होंसला होगा, सबसे ऊँचे पेड़ पर मेरा घोंसला होगा। आज वार्षिक परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ। इस बार फिर मैं द्वितीय स्थान पर ही आई। मुझे ऐसा लगता था कि इस बार मैं प्रथम स्थान प्राप्त करूँगी। अब मेरी समझ में आ रहा है कि प्रत्येक बार मुझे दूसरा स्थान ही क्यों मिलता रहा है। मुझे स्मरण है कि मैंने 2-3 प्रश्नों के उत्तर कईं बार काटकर लिखे है। 'ओवर राइटिंग' भी हुई है। मेरी लिखावट भी साफ-सुथरी नहीं होती है। एक बात और है, मुझमें आत्मविश्वास की जबरदस्त कमी है। मैं कक्षा में भी चुपचाप बैठी रहती हूँ। यदि यही स्थिति रही तो निःसंदेह मैं हर जगह मात खा जाऊँगी। मुझे आत्मविश्वास जगाना ही होगा। कंचन
डायरी लेखन से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
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डायरी लेखन की परिभाषा क्या है?
अपनी भावनाओं अथवा किसी भी प्रकार की जानकारी को डायरी में लिखने की प्रक्रिया को ही ‘डायरी लेखन’ कहते है।
साधारण शब्दों में:- जब कोई व्यक्ति दिनभर की घटनाओं तथा अनुभवों को क्रमबद्ध रूप से लिखता है, तो उसे ‘डायरी लेखन’ कहते है। -
डायरी लेखन के कितने प्रकार है?
डायरी लेखन के कुल 4 प्रकार है, जो कि निम्नलिखित है:-
1. व्यक्तिगत डायरी
2. वास्तविक डायरी
3. काल्पनिक डायरी
4. साहित्यिक डायरी
अंतिम शब्द
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