दिन का पर्यायवाची शब्द क्या है?

Din Ka Paryayvachi Shabd in Hindi

Din Ka Paryayvachi Shabd in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘दिन का पर्यायवाची शब्द’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप दिन का पर्यायवाची शब्द से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

वर्तमान समय में विभिन्न प्रकार की परीक्षाओं में हिंदी व्याकरण से संबंधित विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछे जाते है। उदाहरण के तौर पर:- विलोम शब्द, पर्यायवाची शब्द, संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, विशेषण, अलंकार, आदि।

वर्तमान समय में एक विद्यार्थी को हिंदी विषय की परीक्षा में अच्छे अंकों के साथ उत्तीर्ण होने के लिए हिंदी व्याकरण का ज्ञान होना अनिवार्य है।

आज इस बेहद उपयोगी एवं महत्वपूर्ण लेख में हमनें हिंदी व्याकरण के एक विषय “दिन का पर्यायवाची शब्द” के बारे में जानकारी प्रदान की है।

दिन का पर्यायवाची शब्द के बारे में परीक्षाओं में सबसे अधिक प्रश्न पूछा जाता है। इसलिए, हमने यह लेख आपके साथ साझा किया है।

पर्यायवाची शब्द किसे कहते है?

समान अर्थ व्यक्त करने वाले शब्दों को पर्यायवाची शब्द कहते है l इसके प्रयोग से भाषा में सुंदरता और चमक पैदा हो जाती हैl पर्यायवाची शब्द से विद्यार्थियों का शब्द भंडार भरता है l

अन्य शब्दों में ‘पर्याय’ शब्द का अर्थ ‘समान‘ तथा ‘वाची’ शब्द का अर्थ ‘बोले जाने वाले‘ होता है अर्थात जिन शब्दों का अर्थ एक जैसा होता है, उन्हें ‘पर्यायवाची शब्द’ कहते है।

दिन का पर्यायवाची शब्द क्या है? : Din Ka Paryayvachi Shabd in Hindi

शब्दपर्यायवाची/समानार्थी शब्द
दिनदिन, वास, दिवस, वार, दोपहर, समय, याम, प्रमान, वासर, दिवा, अह:
DinDin, Vaash, Divash, Vaar, Dophar, Samay, Yaam, Prmaan, Vasar, Diva, Ahham
DayDaylight, Daytime, Light, Sunlight, Sunshine, Bright, Noon, Dawn-to-dark, Diurnal course, Early bright, Light of day, Mean solar day

दिन का पर्यायवाची शब्द का वाक्य में प्रयोग

हर चीज़ जो हमें दिन प्रतिदिन जीवित रखती है।
सिर्फ एक दिनदुर्घटनाग्रस्त हो जाये और धराशायी हो जाये।
यहीं आज के राजस्थान की स्थापना का दिन माना जाता है।
परिणाम आने में कुछ दिन लगेंगे।
याद रखें कि भविष्य एक बार में एक दिन करके आता है।

दिन के पर्यायवाची शब्दों का वाक्य में प्रयोग

यह माना जाता है कि गाय में सम्पूर्ण 33 करोड देवी-देवता वास करते है।
तपस्या के बाद वह सरयू वार नहीं आए।
सन 1921 में ही आठ घंटे का कार्य दिवस बना दिया गया था।
आठों याम मन हरि गुरु में लगा दे।

अंतिम शब्द

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

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