द्वन्द्व समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण

Dvandva Samas Ki Paribhasha in Hindi

द्वन्द्व समास की परिभाषा : Dvandva Samas in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘द्वन्द्व समास की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप द्वन्द्व समास की परिभाषा से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

द्वन्द्व समास की परिभाषा : Dvandva Samas in Hindi

समास का वह रूप, जिसमें दोनों पद ही प्रधान होते है और किसी भी पद का गौण नहीं होता है, उसे ‘द्वंद्व समास’ कहते है।

ये दोनों पद एक-दूसरे पद के विलोम होते है, लेकिन यह हमेशा नहीं होता है। इसका विग्रह करने पर ‘और‘, ‘अथवा‘, ‘या‘, ‘एवं‘ का प्रयोग किया जाता है।

द्वंद्व समास के उदाहरण

द्वंद्व समास के उदाहरण निम्नलिखित है:-

पदअर्थ
जलवायुजल और वायु
अपना-परायाअपना या पराया
पाप-पुण्यपाप और पुण्य
राधा-कृष्णराधा और कृष्ण
अन्न-जलअन्न और जल
नर-नारीनर और नारी
गुण-दोषगुण और दोष
देश-विदेशदेश और विदेश
अमीर-गरीबअमीर और गरीब

द्वंद्व समास के भेद

द्वंद्व समास के कुल 3 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-

द्वंद्व समास के भेद
इतरेतर द्वंद्व समास
समाहार द्वंद्व समास
वैकल्पिक द्वंद्व समास

1. इतरेतर द्वंद्व समास

द्वंद्व समास का वह रूप, जिसमें ‘और‘ शब्द से भी पद जुड़े होते हैं और अपना अलग अस्तित्व रखते है, उसे ‘इतरेतर द्वंद्व समास‘ कहते हैं।

इतरेतर द्वंद्व समास से जो पद बनते है, वह हमेशा बहुवचन में प्रयोग होते है, क्योंकि वह दो या दो से अधिक पदों से मिलकर बने होते है।

इतरेतर द्वंद्व समास के उदाहरण

इतरेतर द्वंद्व समास के उदाहरण निम्नलिखित है:-

समाससमास-विग्रह
धन-दौलतधन और दौलत
धनी-मानीधनी और मानी
धनी-निर्धनधनी और निर्धन
धनुर्बाणधनुष और बाण
धूप-छाँवधूप और छाँव
यश-अपयशयश और अपयश
घी-दूधघी और दूध
घी-गुङघी और गुङ
घनघोरघना और घोर
घटी-बढ़ीघटी और बढ़ी
खट्ठा-मीठाखट्टा और मीठा
ऋषि-मुनिऋषि और मुनि
शीतोष्णशीत और उष्ण
हृष्ट-पुष्टहृष्ट और पुष्ट
ऊपर-नीचेऊपर और नीचे
इक्कीसबाँस और एक
इकतीसतीस और एक
बाईसबीस और दो
बाप-दादाबाप और दादा
बारहदस और दो
बेटा-बेटीबेटा और बेटी
बत्तीसतीस और दो
कृष्णार्जुनकृष्ण और अर्जुन
कंद-मूल-फलकंद और मूल और फल
माँ-बापमाँ और बाप
माता-पितामाता और पिता
मेल-मिलापमेल और मिलाप
शिव-पार्वतीशिव और पार्वती
पिचैत्तरसत्तर और पाँच
छियासीअस्सी और छह
चिट्ठी-पत्रीचिट्ठी और पत्री
चिट्ठी-पातीचिट्ठी और पाती
तिरानवेंनब्बे और तीन
तिरेपनपचास और तीन
तिल-चावलतिल और चावल
हरि-हरहरि और हर
हाथ-पाँवहाथ और पाँव
हाथी-घोङाहाथी और घोङा
हाथी-घोङा-पालकीहाथी, घोङा और पालकी
हानि-लाभहानि और लाभ
हुक्का-पानीहुक्का और पानी
भाई-बहिनभाई और बहिन
भला-बुराभला और बुरा
पशु-पक्षीपशु और पक्षी
पढ़ा-लिखापढ़ा और लिखा
पंद्रहदस और पाँच
पाप-पुण्यपाप और पुण्य
पाला-पोसापाला और पोसा
पचपनपचास और बढ़ी
पच्चीसबीस और पाँच
पेङ-पौधेपेङ और पौधे
राधा-कृष्णराधा और कृष्ण
राधेश्यामराधा और श्याम
राम-बलरामराम और बलराम
राम-कृष्णराम और कृष्ण
राम-लक्ष्मणराम और लक्ष्मण
रात-दिनरात और दिन
रोटी-कपङा-मकानरोटी, कपङा और मकान
राजा-रंकराजा और रंक
राजा-रानीराजा और रानी
ज्ञान-विज्ञानज्ञान और विज्ञान
स्त्री-पुरुषस्त्री और पुरुष
सीधा-सादासीधा और सादा
सीता-रामसीता और राम
सोलहदस और छः
सुख-दुःखसुख और दुःख
सुरासुरसुर और असुर
सत्ताईसबीस और सात
उछल-कूदउछल और कूद
दाल-भातदाल और भात
दाल-रोटीदाल और रोटी
देश-विदेशदेश और विदेश
देवासुरदेव और असुर
दूध-रोटीदूध और रोटी
छल-कपटछल और कपट
चौसठसाठ और चार
चौदहदस और चार
चवालीसचालीस और चार
चलता-फिरताचलता और फिरता
फल-फूलफल और फूल
तेंतालीसचालीस और तीन
तेरहदस और तीन
तन-मनतन और मन
तन-मन-धनतन, मन और धन
जन्म-मरणजन्म और मरण
जला-भुनाजला और भुना
जलवायुजल और वायु
नर-नारीनर और नारी
नाक-काननाक और कान
नोन-मिर्चनोन-मिर्च
नदी-नालेनदियाँ और नाले
अङोस-पङोसअङोस और पङोस
अङसठसाठ और आठ
अमीर-गरीबअमीर और गरीब
अहर्निशअहन् और निशा
आचार-व्यवहारआचार और व्यवहार
आन-बान-शानआन, बान और शान
आना-जानाआना और जाना
आग-पानीआग और पानी
आगा-पीछाआगा और पीछा
अन्न-जलअन्न और जल
ग्यारहदस और एक
गाय-बैलगाय और बैल
गाय-भैंसगाय और भैंस
गौरीशंकरगौरी और शंकर
गेंद-डंडागेंद और डंडा
लीपा-पोतीलीपना और पोतना
लोटा-डोरलोटा और डोर
लाल-बाल-पाललाल, बाल और पाल
लेन-देनलेन और देन

2. समाहार द्वंद्व समास

जब द्वंद्व समास के दोनों पद ‘और‘ समुच्चयबोधक से जुड़ा होने पर भी अलग-अलग अस्तिव नहीं रखकर समूह का बोध कराते है, तब उन्हें ‘समाहार द्वंद्व समास’ कहते है।

समाहार का अर्थ ‘समूह’ होता है। समाहार द्वंद्व समास में दो पदों के अतिरिक्त तीसरा पद भी छिपा होता है और अपने अर्थ का बोध अप्रत्यक्ष रूप से कराता है।

समाहार द्वंद्व समास के उदाहरण

समाहार द्वंद्व समास के उदाहरण निम्नलिखित है:-

समाससमास-विग्रह
रुपया-पैसारुपया, पैसा, आदि
धोती-कमीजधोती, कमीज, आदि
धन-दौलतधन, दौलत, आदि
घर-द्वारघर, द्वार, आदि
घास-फूसघास, फूस, आदि
खान-पानखान, पान, आदि
खत-वतखत, आदि
झाङ-फूंकझाङ, फूंक, आदि
ऊँचा-नीचाऊँचा, नीचा, आदि
हृष्ट-पुष्टहृष्ट, पुष्ट, आदि
बहू-बेटीबहू, बेटी, आदि
बासन-बर्तनबासन, बर्तन, आदि
बोलचालबोल, चाल, आदि
बाल-बच्चाबाल, बच्चा, आदि
बैरी-दुश्मनबैरी, दुश्मन, आदि
कंकर-पत्थरकंकर, पत्थर, आदि
कहासुनीकहा, सुनी, आदि
कीङा-मकोङाकीङा, मकोङा, आदि
कील-कांटाकील, कांटा, आदि
कपङे-लत्तेकपङे, लत्ते, आदि
करनी-भरनीकरनी, भरनी, आदि
काम-काजकाम, काज, आदि
कुरता-टोपीकुरता, टोपी, आदि
कूङा-कचराकूङा, कचरा, आदि
मारपीटमार, पीट, आदि
मोटा-ताजामोटा, ताजा, आदि
मोल-तोलमोल, तोल, आदि
मिठाई-सिठाईमिठाई, आदि
दिया बत्तीदीया (दीपक), बत्ती, आदि
तिरसठतीन और साठ
हाथ-पाँवहाथ, पाँव, आदि
भरा-पूराभरा, पूरा, आदि
भाई-बिरादरभाई, बिरादर, आदि
भूखा-प्यासानंगा, उघारा, आदि
भूत-प्रेतभूत, प्रेत, आदि
भूल-चूकभूल, चूक, आदि
भला-चंगाभला, चंगा, आदि
पान-वानपान, आदि
पान-फूलपान, फूल, आदि
पान-तम्बाकूपान, तम्बाकू, आदि
पैंतीसपाँच और तीस
रहन-सहनरहन, सहन, आदि
रोक-टोकरोक, टोक, आदि
रोना-धोनारोना, धोना, आदि
साँप-बिच्छूसाँप, बिच्छू, आदि
साग-पातसाग, पात, आदि
उल्टा-सुलटाउल्टा, आदि
दाल-रोटीदाल, रोटी, आदि
देख-भालदेख, भाल, आदि
देखा-देखीदेखा, देखी, आदि
चढ़ा-उतरीचढ़ा, उतरी, आदि
चमक-दमकचमक, दमक, आदि
चाय-पानीचाय, पानी, आदि
चाय-वायचाय, आदि
चाल-चलनचाल, चलन, आदि
फल-फूलफल, फूल, आदि
तीन-तेरहतीन, तेरह, आदि
तन-बदनतन, बदन, आदि
जंगल-झाङीजंगल, झाङी, आदि
जी-जानजी, जान, आदि
जीव-जन्तुजीव, जन्तु, आदि
जैसा-तैसाजैसा, तैसा, आदि
जलवायुजल, वायु, आदि
नंगा-उघारानंगा, उघारा, आदि
नाच रंगनाच, रंग, आदि
अङोस-पङोसपङोस, आदि
आमने-सामनेसामने, आदि
आहार-निद्राआहार, निद्रा, आदि
आस-पासपास, आदि
टोपा – टाईटोपा, टाई, आदि
आगा-पीछाआगा, पीछा, आदि
अदला-बदलाबदला, आदि
अगल-बगलबगल, आदि
गंवार-संवारगंवार, आदि
गोला-बारूदगोला, बारूद, आदि
लंगङा-लूलालंगङा, लूला, आदि
लीपा-पोतीलीपना, पोतना, आदि
लेन-देनलेन, देन, आदि
लूट-मारलूट, मार, आदि

3. वैकल्पिक द्वंद्व समास

द्वंद्व समास का वह रूप, जिसमें दो पदों के मध्य ‘या‘, ‘अथवा‘, आदि विकल्पसूचक अव्यय छिपे होते है, उसे ‘वैकल्पिक द्वंद्व समास’ कहते है। वैकल्पिक द्वंद्व समास में अधिक से अधिक दो विपरीतार्थक शब्दों का योग होता है।

वैकल्पिक द्वंद्व समास के उदाहरण

वैकल्पिक द्वंद्व समास के उदाहरण निम्नलिखित है:-

समाससमास-विग्रह
एक-दोएक या दो
धर्माधर्मधर्म या अधर्म
यश-अपयशयश या अपयश
घट-बढ़घट या बढ़
शीतोष्णशीत या उष्ण
शादी-गमीशादी या गमी
शस्त्रास्त्रशस्त्र या अस्त्र
ऊँच-नीचऊँच या नीच
इधर-उधरइधर या उधर
बीस-पच्चीसबीस से पच्चीस तक
कर्मधर्मकर्म या धर्म
कर्तव्या कर्तव्यकर्तव्य अथवा अकर्तव्य
मारपीटमार या पीट
थोङा-बहुतथोङा या बहुत
हानि-लाभहानि या लाभ
भला-बुराभला या बुरा
पाँच-दसपाँच से लेकर दस तक
पाप-पुण्यपाप या पुण्य
राग-विरागराग या विराग
सौ-दो सौसौ दो सौ तक
साग-पातसाग या पात
सुख-दुःखसुख या दुःख
उल्टा-सुल्टाउल्टा या सुल्टा
दो-चारदो से चार तक
दो-तीनदो से तीन तक
दस-बीसदस से बीस तक
दस-बारहदस से बारह तक
दस-पाँचदस से पाँच तक
जीवन-मरणजीवन या मरण
जात-कुजातजात या कुजात
नौ-दसनौ से दस तक
आठ-दसआठ से दस तक
आज-कलआज या कल
लाख-दो लाखलाख से दो लाख
लाभ-हानिलाभ या हानि
लाभालाभलाभ या अलाभ

द्वंद्व समास के सहचर

द्वंद्व समास में ‘सहचर शब्दों’ का निर्माण होता है। द्वंद्व समास में कुल 3 सहचर शब्द होते है, जो कि निम्नलिखित है:-

1. एकार्थक सहचर शब्द

एकार्थक सहचर शब्द के निम्नलिखित उदाहरण है:-

एकार्थक सहचर शब्द के उदाहरण
दीन-दुखी
हाट-बाजार
धन-दौलत
श्रद्धा-भक्ति

2. विपरीतार्थक सहचर शब्द

विपरीतार्थक सहचर शब्द के निम्नलिखित उदाहरण है:-

विपरीतार्थक सहचर शब्द के उदाहरण
हानि-लाभ
यश-अपयश
जय-पराजय
राजा-रंक
अमीर-गरीब

3. सजातीय सहचर शब्द

सजातीय सहचर शब्द के निम्नलिखित उदाहरण है:-

सजातीय सहचर शब्द के उदाहरण
हाथ-पाँव
कुरता-टोपी
कागज-कलम
अस्त्र-शस्त्र
नाम-धाम

द्वन्द्व समास से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न

  1. द्वन्द्व समास की परिभाषा क्या है?

    समास का वह रूप, जिसमें दोनों पद ही प्रधान होते है और किसी भी पद का गौण नहीं होता है, उसे ‘द्वंद्व समास’ कहते है।
    ये दोनों पद एक-दूसरे पद के विलोम होते है, लेकिन यह हमेशा नहीं होता है। इसका विग्रह करने पर ‘और‘, ‘अथवा‘, ‘या‘, ‘एवं‘ का प्रयोग किया जाता है।

  2. द्वन्द्व समास के कितने भेद है?

    द्वन्द्व समास के कुल 3 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-
    1. इतरेतर द्वन्द्व समास
    2. समाहार द्वन्द्व समास
    3. वैकल्पिक द्वन्द्व समास

अंतिम शब्द

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