द्विकर्मक क्रिया की परिभाषा, भेद और उदाहरण

द्विकर्मक क्रिया की परिभाषा : Dvikarmak Kriya in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘द्विकर्मक क्रिया की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप द्विकर्मक क्रिया की परिभाषा से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
द्विकर्मक क्रिया की परिभाषा : Dvikarmak Kriya in Hindi
द्विकर्मक का अर्थ:- “दो कर्म सहित” होता है। जिस क्रिया के उपयोग से दो कार्यों के पूर्ण होने का पता चलता है, उसे ‘द्विकर्मक क्रिया’ कहते है। द्विकर्मक क्रिया में प्रयुक्त पहला कर्म ‘प्राणीवाचक’ होता है तथा दूसरा कर्म ‘निर्जीव’ होता है।
द्विकर्मक क्रिया के उदाहरण
द्विकर्मक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
उदाहरण:- 1
राम ने सीता को उपहार दिया। |
द्विकर्मक क्रिया के उपरोक्त उदाहरण में क्रिया का प्रभाव दो कर्मों पर पड़ रहा है। जिनमें से पहला कर्म ‘राम’ तथा दूसरा कर्म ‘सीता’ है। अतः उपरोक्त वाक्य में ‘द्विकर्मक क्रिया’ है।
उदाहरण:- 2
पुलिस ने चोर को पकड़ लिया। |
द्विकर्मक क्रिया के उपरोक्त उदाहरण में क्रिया का प्रभाव दो कर्मों पर पड़ रहा है। जिनमें से पहला कर्म ‘पुलिस’ तथा दूसरा कर्म ‘चोर’ है। अतः उपरोक्त वाक्य में ‘द्विकर्मक क्रिया’ है।
उदाहरण:- 3
श्याम कुत्ते को बिस्कुट खिला रहा है। |
द्विकर्मक क्रिया के उपरोक्त उदाहरण में क्रिया का प्रभाव दो कर्मों पर पड़ रहा है। जिनमें से पहला कर्म ‘श्याम’ तथा दूसरा कर्म ‘कुत्ता’ है। अतः उपरोक्त वाक्य में ‘द्विकर्मक क्रिया’ है।
उदाहरण:- 4
अजय पौधों को पानी दे रहा है। |
द्विकर्मक क्रिया के उपरोक्त उदाहरण में क्रिया का प्रभाव दो कर्मों पर पड़ रहा है। जिनमें से पहला कर्म ‘पौधें’ तथा दूसरा कर्म ‘पानी’ है। अतः उपरोक्त वाक्य में ‘द्विकर्मक क्रिया’ है।
द्विकर्मक क्रिया के अन्य उदाहरण
द्विकर्मक क्रिया के उदाहरण |
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राम ने गुरूजी को प्रणाम किया। |
माँ बच्चों को खाना खिलाती है। |
मोहन अपने भाई के साथ टेलीविज़न देख रहा है। |
वह फिनायल से पोछा लगा रहा है। |
तुम कार से दफ्तर जा रहे हो। |
मैं कंप्यूटर से पढ़ रहा हूँ। |
तुम अपने मित्र के साथ टेलीविज़न देख रहे थे। |
पिताजी गरीबों को कम्बल बांट रहे है। |
द्विकर्मक क्रिया से सम्बंधित कुछ प्रश्न
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द्विकर्मक क्रिया की परिभाषा क्या है?
द्विकर्मक का अर्थ:- “दो कर्म सहित” होता है। जिस क्रिया के उपयोग से दो कार्यों के पूर्ण होने का पता चलता है, उसे ‘द्विकर्मक क्रिया’ कहते है। द्विकर्मक क्रिया में प्रयुक्त पहला कर्म ‘प्राणीवाचक’ होता है तथा दूसरा कर्म ‘निर्जीव’ होता है।
अंतिम शब्द
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।