वायु प्रदूषण पर निबंध

Essay on Air Pollution in Hindi

वायु प्रदूषण पर निबंध : Essay on Pollution in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘वायु प्रदूषण पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप वायु प्रदूषण पर निबंध से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

वायु प्रदूषण पर निबंध : Essay on Air Pollution in Hindi

प्रस्तावना:-

आज हमारे पर्यावरण में जो जहरीली गैसें, धुँआ, धूल, वाहनों से निकलने वाला धुँआ और कारखानों से निकलने वाले धुंए से जो प्रदूषण होता है, उसे ही वायु प्रदूषण कहते है। आज हमारी पृथ्वी पर वायु प्रदूषण बढ़ता ही चला जा रहा है।

हम सभी को जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, लेकिन आज प्रदूषण के कारण हवा भी प्रदूषित हो गई है। जिस कारण शुद्ध हवा नहीं मिल पा रही है, जिससे कईं तरह की श्वास सम्बन्धी बीमारियाँ हो रही है।

वायु प्रदूषण के कारण:-

वायु प्रदूषण के कईं कारण है, जो कि निम्नलिखित है:-

  • आज सड़कों पर जो वाहन चल रहे है, उनसे निकलने वाले धुएं से वायु प्रदूषण होता है।
  • कारखानों से निकलने वाले धुएं से भी वायु प्रदूषण होती है।
  • आज लोग जो जंगलों में आग लगा देते है, उससे भी वायु प्रदूषित होती है।
  • पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से भी वायु प्रदूषित होती है।
  • आज लोगों द्वारा ऐसी वस्तुएँ उपयोग में ली जा रही है, जिनसे ग्रीन हाउस गैसें बढ़ रही है और जिससे हमारा वातावरण प्रदूषित हो रहा है।
  • आज हर देश शक्तिशाली बंनने के लिए परमाणु हथियारों का निर्माण कर रहा है। यें परमाणु हथियार इस धरती के लिए काफी खतरनाक है। इनसे भी वायु प्रदूषित होती है।

वायु प्रदूषण के दुष्परिणाम:-

  • वायु प्रदूषण से कईं तरह की बीमारियाँ होती है। वायु प्रदूषण से श्वास सम्बन्धी बीमारियाँ, आँखों की समस्या, गले की बीमारियाँ, सर्दी-जुखाम, फेफड़ों से सम्बन्धित बीमारियाँ, ह्रदय सम्बन्धी बीमारियों के साथ-साथ कईं तरह की एलर्जी भी होती है। इससे कैंसर की समस्या भी बढ़ती जा रही है।
  • वायु प्रदूषण से इस वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा में भी कमी आती है। इससे भोजन भी प्रदूषित हो जाता है।
  • वायु प्रदूषण से इस प्रकृति पर भी काफी बुरा प्रभाव पड़ता है। यह इस प्रकृति का संतुलन खराब करता है।
  • वायु प्रदूषण के बढ़ने से दिन-प्रतिदिन ओजोन परत में छेद बढ़ता चला जा रहा है। ओजोन परत सूर्य से निकलने वाली पराबैंगनी किरणों को पृथ्वी पर आने से रोकती है। इसमें छेद होने के कारण सूर्य की पराबैंगनी किरणें सीधी पृथ्वी पर पड़ रही है। वायु प्रदूषण से विश्व की प्राचीन धरोहरों को भी नुकसान पहुँच रहा है
  • वायु प्रदूषण से भूमि की उर्वरता भी कम होती है।

वायु प्रदूषण से प्रभाव से बचाव:-

हमें पेड़ों की कटाई को रोककर अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने चाहिए।
हमें अपनी निजी वाहनों का उपयोग जरूरत पड़ने पर ही करना चाहिए व सार्वजानिक वाहनों का उपयोग अधिक करना चाहिए।
हमें प्लास्टिक की थैलियों का कम से कम उपयोग करना चाहिए।
हमें धूम्रपान नही करना चाहिए, हमें ग्रीन हाउस गैसें उत्सर्जित करने वाली वस्तुओं का कम उपयोग करना चाहिए। हमें जंगलों में लगने वाली आग को रोकना चाहिए।

उपसंहार:-

हमें वायु प्रदूषण के प्रति सभी लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है, तभी जाकर यह प्रदूषण नियंत्रित होगा। प्रकृति एक अनमोल उपहार है। जिसे यह प्रदूषण नष्ट कर रहा है।

यह प्रदूषण हम सभी के लिए खतरनाक है, जिसे रोकना आवश्यक है। यदि यह प्रकृति ऐसे ही प्रदूषित होती रही तो एक दिन इस पृथ्वी पर जीवन समाप्त हो जाएगा।

इसीलिए हमें इस प्रकृति को बचाने के लिए इस प्रदूषण को रोकने की आवश्यकता है। इसके लिए हमें आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है।

हमें इस प्रकृति के महत्व को समझना चाहिए। हमें पेड़ों को लगाना चाहिए। तभी यह प्रकृति जीवित रहेंगी और हम सभी जीव-जंतु शुद्ध हवा में साँस ले पाएंगे।

अंतिम शब्द

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

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