बच्चा आदमी का पिता होता है पर निबंध

बच्चा आदमी का पिता होता है पर निबंध : Essay on Child is the Father of Man in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘बच्चा आदमी का पिता होता है पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
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बच्चा आदमी का पिता होता है पर निबंध : Essay on Child is the Father of Man in Hindi
प्रस्तावना:-
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह समाज की एक छोटी इकाई परिवार में रहता है। मनुष्य का विकास उसके आसपास के वातावरण के आधार पर होता है।
अधिक मामलों में उसके आसपास का वातावरण उसके परिवार की स्थिति पर निर्भर करता है।
किसी भी व्यक्ति का व्यक्तित्व उसके बचपन व उसके साथ होने वाली गतिविधियों पर बहुत अधिक निर्भर करता है।
मनुष्य अपने समाज में जो कुछ भी देखता है, उसे समझता है ओर उसके आधार पर ही व्यवहार करता है।
एक व्यक्ति का विकास काफ़ी हद तक उसके बचपन में ही हो जाता है। इसलिए कहा गया है कि बच्चा आदमी का पिता होता है।
बच्चा आदमी का पिता होता है का अर्थ:-
“चाइल्ड इज द फादर ऑफ मैन” का अर्थ होता है:- किसी भी व्यक्ति का बचपन उसके व्यक्तित्व पर बहुत अधिक प्रभाव डालता है।
इस कथन के पीछे प्रसिद्ध कवि विलियम वर्ड्सवर्थ को माना जाता है। उन्होंने इसे सन 1802 में इसे दिया था।
उन्होंने कहा था कि एक व्यक्ति का बचपन ही उसका भविष्य तय करता है। उसका व्यक्तित्व कैसा होगा? उसका ज्यादातर हिस्सा उसके बचपन पर निर्भर करता है।
बच्चा आदमी का पिता होता है व्याख्या:-
इस वाक्यांश का अर्थ होता है कि बच्चों का बचपन उनके जीवन का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। उनका बचपन ही उनके व्यक्तित्व का आईना होता है।
मनुष्य का मानसिक विकास बचपन में बहुत तेज़ होता है। वह बचपन से ही अपने आसपास की वस्तुओं को देखकर सीखता है।
एक बच्चा अपने आसपास के माहौल के आधार पर ही विकसित होता है। बचपन मे ही व्यक्ति का व्यवहार विकसित हो जाता है और उम्र भर उसका व्यवहार बदलता नही है।
बचपन में ही व्यक्ति के अधिकांश गुणों का विकास होता है। यदि, बचपन मे ही बच्चों में अधिकांश अच्छे गुणों का विकास कर दिया जाए तो वें बहुत जल्दी सीख जाते है।
बुरे प्रभाव:-
मनुष्य का अधिकांश विकास बचपन में ही हो जाता है। जिस वजह से यदि बचपन में मनुष्य के अंदर गलत गुणों का विकास हो जाए तो उम्र भर उसे इन्हीं गुणों के साथ रहना पड़ता है।
गलत काम व गलत विचार उसका पीछा कभी नहीं छोड़ते, जिससे उसे जीवनभर सफलता प्राप्त नही हो पाती है।
उपसंहार:-
बचपन किसी भी मनुष्य को शिक्षा प्रदान करने का सबसे अच्छा समय होता है। क्योंकि, इस समय वह पूरी तरह से खाली होता है।
उस समय उसमें किसी भी प्रकार के गुणों का विकास किया जा सकता है। इसलिए, इस बात का अधिक ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों को किसी भी प्रकार के गलत गुणों से दूर रखना चाहिए।
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।