बाल मजदूरी पर निबंध

बाल मजदूरी पर निबंध : Essay on Child Labour in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘बाल मजदूरी पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
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बाल मजदूरी पर निबंध : Essay on Child Labour in Hindi
प्रस्तावना:-
बचपन खेलने-कूदने और पढ़ने-लिखने की उम्र होती है। इन चीजों पर हर बच्चे का अधिकार होता है। लेकिन, कुछ बच्चे इतने ख़ुशनसीब नहीं होते है।
उनको छोटी सी उम्र में ही मजदूरी करनी पड़ती है। जिससे वें अपना बचपन भी सही से नहीं जी पाते है। जो उम्र उनकी खिलौनों से खेलने व क़िताबें पढ़ने की होती है, उस उम्र में उनके हाथों में मजदूरी का सामान पकड़ा दिया जाता है।
बाल मजदूरी करवाना एक जघन्य अपराध है लेकिन, फिर भी वर्तमान समय में यह हमारे देश में बड़ी मात्रा में होता है और शासन इसके प्रति चुप बैठा रहता है।
बाल मजदूरी के कारण:-
- गरीबी:- बाल मजदूरी का मुख्य कारण गरीबी ही होती है। गरीबी मनुष्य को कोई भी कार्य करने के लिए मजबूर कर सकती है। गरीबी में होने के कारण बच्चों को अपनी दो वक्त की रोटी के लिए भी बहुत मसक्कत करनी पड़ती है क्योंकि, उनके घर पर उनके सिवा कमाने वाला और कोई भी नहीं होता है। उनके पास जीवनयापन करने के लिए भी पैसे नहीं होते है, तो वह अपनी शिक्षा के लिए पैसे कहाँ से लायेंगे।
- माता-पिता में शिक्षा का आभाव:- जब बच्चों के माता-पिता शिक्षित नहीं होते है, तो उन्हें शिक्षा का महत्व भी नहीं पता होता है। जिस कारण वें शिक्षा को समय की बर्बादी करना समझते है और अपने बच्चों को शिक्षित करने के बजाए मजदूरी करने के लिए भेज देते है। वें सोचते है जब तक बच्चा विद्यालय जाएगा उतने में तो वह कुछ पैसे ही कमाकर ले आएगा। जिससे बच्चे शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते है।
- लालच:- कईं बार कुछ लोग या बच्चों के परिजन लालच में आकर बच्चों से मजदूरी करवाते है। कईं खदानों, उद्योग धंधों में बच्चों से मजदूरी करवाई जाती है क्योंकि, उन्हें बड़े मजदूरों के मुकाबले कम पैसे दिए जाते है। जिस पैसे में वें एक वयस्क से काम करवाते है, उतने पैसे में वें दो बच्चों से मजदूरी करवा लेते है, जिससे उन्हें अधिक फायदा होता है।
बाल मजदूरी के दुष्परिणाम:-
- मानसिक व शारीरिक विकास:- जब बच्चों से छोटी उम्र में मजदूरी करवाई जाती है, तो इससे उनका मानसिक व शारीरक विकास नहीं हो पाता है। उनकी आयु तो बड़ी रहती है, लेकिन उनका विकास दूसरे बच्चों के मुकाबले धीमा हो जाता है।
- शिक्षा का अभाव:- जब बच्चे मजदूरी करने जाते है, तो उनके पास इतना समय बचता ही नहीं है कि वें शिक्षा प्राप्त करने के लिए विद्यालय जा सके। उनके पास इतने पैसे भी नहीं होते है कि वें शिक्षा प्राप्त कर सके।
- गरीब होना:- जब बच्चों से बाल मजदूरी करवाई जाती है, तो वें शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते है और उनका जीवन अपने माता-पिता की तरह ही मजदूरी करते हुए बीत जाता है। जिससे उनका जीवन भी अपने माता-पिता की तरह गरीबी में ही निकल जाता है। वें कभी भी अपने जीवनस्तर को नहीं उठा पाते है।
- शोषण होना:- बच्चों से बाल मजदूरी करवाने में उनका शोषण भी होता है। लोग उनसे अधिक काम करवाकर उनको पैसे भी कम देते है। उनका और भी कईं प्रकार से शोषण किया जाता है, जिससे वें चाहकर भी कभी बाहर नहीं निकल पाते है।
- बीमारियाँ:- जब बच्चे मजदूरी करते है, तो कईं बार ख़राब परिस्तिथियों में काम करने से उन्हें विभिन्न प्रकार की गंभीर बीमारियाँ हो जाती है। उनके पास ऐसी बीमारियों का इलाज करने के लिए भी पैसे नहीं होते है।
- खतरा:- कईं बार बच्चों से ऐसे कार्य भी करवाए जाते है, जिसमें उनकी जान को भी खतरा होता है। थोड़े से पैसे के लिए उनकी जान को खतरे में डालकर जोखिम वाले कार्य करवाए जाते है।
बाल मजदूरी को रोकने के उपाय:-
- कानून को सख्त करना:- जब देश में कानून सख्त किया जाएगा, तब जाकर ही ऐसे अपराधों को रोका जा सकता है। कानून के द्वारा ही बाल मजदूरी को कम किया जा सकता है। जब तक लोगों में कानून का डर नहीं होगा, तब तक बाल मजदूरी पूरी तरह समाप्त नहीं हो पाएगी।
- शिक्षा का विस्तार:- सरकार को शिक्षा का विस्तार करना होगा और ऐसे बच्चों को मुफ्त में शिक्षा प्रदान करनी होगी ताकि, पैसे न होने पर भी उन्हें शिक्षा मिल सके। वें किसी भी कारण से शिक्षा से दूर नहीं होने चाहिए।
- जागरूकता:- आज लोगों में जागरूकता के अभाव में ही ऐसे अपराध बढ़ रहे है। इसलिए, हम सभी को यह प्रयास करना चाहिए कि अधिक से अधिक लोगों को बाल मजदूरी के प्रति जागरूक किया जा सके।
- आर्थिक सहायता:- बाल मजदूरी करने वाले बच्चों का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर होता है। इसी कारण से बच्चों को मजदूरी करने के लिए आना पड़ता है। यदि सरकार ऐसे लोगो की आर्थिक रूप सहायता करेगी तो उन बच्चों को पैसे की वजह से मजदूरी नहीं करनी पड़ेगी और वें अपनी शिक्षा भी प्राप्त कर पाएंगे।
उपसंहार:-
आज देश में बाल मजदूरी की समस्या चर्म सीमा पर आ गई है जबकि, यह हमारे कानून में एक अपराध माना जाता है। फिर भी यह अपराध इतना बढ़ रहा है कि गरीबी के कारण बच्चे मजबूर होकर मजदूरी करने जा रहे है।
लेकिन, इस पर कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है। इसलिए, यह वह समय है, जब लोगों में इसके प्रति जागरूकता फैलानी चाहिए वरना हमारे देश का भविष्य भी उन बच्चों की तरह ही अंधेरे में चला जाएगा।
यें बच्चे इस देश का भविष्य है। यदि इनकी स्थिति ऐसी रहेगी तो हमारे देश की स्थिति भी दयनीय ही रहेगी। इसलिए, इसे आज से ही रोकने के प्रयास करने चाहिए।
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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