दशहरा 2022 पर निबंध

दशहरा पर निबंध : Essay on Dussehra in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘दशहरा पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
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दशहरा पर निबंध : Essay on Dussehra in Hindi
प्रस्तवना:-
दशहरा हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। इस त्यौहार को धार्मिक रूप से काफी अधिक महत्व दिया जाता है और इसे बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
दशहरा पर्व को दीपावली के 20 दिन पहले से मनाया जाता है। इस दिन रावण के पुतले को बनाकर उसका दहन किया जाता है। दशहरे को बुराई पर अच्छाई की जीत मानी जाती है और इसे बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
दशहरा मनाने का इतिहास:-
पौराणिक कथा के अनुसार रावण ने माता सीता का हरण किया था। तब भगवान राम ने अपनी सेना इकठ्ठा कर रावण पर हमला किया था।
भगवन राम और रावण के बीच युद्ध काफी लम्बा चला लेकिन, अंत में भगवान राम ने रावण का वध किया और माता सीता को रावण की कैद से आजाद करवाकर इस विश्व को रावण के अत्याचारों से मुक्त करवाया।
तब से इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत की ख़ुशी में इसे एक त्यौहार की तरह मनाया जाने लगा।
दशहरा कैसे मनाया जाता है?
दशहरे के दिन लोग सुबह से ही घास-फुंस और सुखी लकड़ियों से रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले बनाते है।
इस दिन लोग विभिन्न प्रकार के पकवान भी बनाते है और जब शाम हो जाती है, तो सभी लोग एक स्थान पर इकठ्ठा होकर रावण के साथ-साथ मेघनाथ एवं कुंभकर्ण के पुतलों का दहन करते है और इस ख़ुशी में पठाखें जलाते है।
इस त्यौहार को अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है और कहा जाता है की रावण को जलाने से हमारे आसपास की बुराई का भी अंत होता है।
इस दिन काफी बड़े-बड़े मेलों का आयोजन किया जाता है, जिनमें विभिन्न प्रकार के झूले और पकवान होते है। इसलिए, सभी लोग मेलों में घूमने के लिए जाते है।
दशहरा का महत्व:-
दशहरे को बुराई के अंत का प्रतीक माना जाता है। इस दिन मनुष्य को रावण के दहन के साथ-साथ अपने अंदर की बुराई का भी अंत करना होता है।
यह दिन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि, इस दिन भगवान राम ने सिर्फ रावण का वध ही नहीं किया था बल्कि, इस दिन माता सीता भी रावण की कैद से मुक्त हुई थी।
यह दिन काफी पवित्र माना जाता है और इस दिन किया गया प्रत्येक कार्य शुभ माना जाता है।
उपसंहार:-
भारत में दशहरे को अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग प्रकार से मनाया जाता है। कहीं पर रावण का दहन किया जाता है और कहीं पर उसकी पूजा भी की जाती है।
इसके ठीक 20 दिन बाद भगवान राम के अयोध्या पहुँचने की ख़ुशी में दीपावली का पर्व मनाया जाता है।
दशहरे के दिन और भी कईं कथाएँ प्रसिद्ध है, जैसे:- दुर्गा माता द्वारा राक्षस महिसासुर का वध, देवी सती का अग्नि में समाना और पांडवों का वनवास, आदि।
दशहरा काफी सुंदर त्यौहार है लेकिन, इसमें हमें रावण के दाह के साथ-साथ अपने अंदर के रावण का भी दहन करना होगा। तभी जाकर हमें इस त्यौहार का सही अर्थ समझ में आएगा।
अंतिम शब्द
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।