पर्यावरण पर निबंध

Essay on Environment in Hindi

पर्यावरण पर निबंध : Essay on Environment in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘पर्यावरण पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप पर्यावरण पर निबंध से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

पर्यावरण पर निबंध : Essay on Environment in Hindi

प्रस्तावना:-

इस पूरे अंतरिक्ष में अभी तक हमारी पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है, जहाँ पर जीवन संभव है। हममें बहुत जांच की, लेकिन हमें ऐसा कोई भी ग्रह व उपग्रह नही मिला, जहाँ जीवन की उम्मीद भी हो।

पूरे ब्रह्मांड में पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है, जहाँ जीवन के लिए सभी आवश्यक तत्व उपलब्ध है। पृथ्वी पर जीवन का सबसे बड़ा कारण हमारा पर्यावरण है।

हमारे पर्यावरण की वजह से ही पृथ्वी पर जीवन संभव है। हमारा पर्यावरण हमें वह सभी आवश्यक तत्व उपलब्ध करवाता है, जो कि जीवन के लिए आवश्यक है।

पर्यावरण क्या है?:-

पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसमें ‘परि का अर्थ चारों और’ व ‘आवरण का अर्थ ‘घेरा’ होता है अर्थात हमारे आसपास का परिवेश चाहे वह दृश्यमान हो या अदृश्य हो, पर्यावरण कहलाता है।

पर्यावरण में हमारे आसपास के पेड़-पौधें, जल, वायु, जीव-जंतु, मिट्टी, पत्थर, आदि आते है। हमारे आसपास का पर्यावरण एक जीवन के लिए आदर्श पर्यावरण है।

पर्यावरण के प्रकार:-

पर्यावरण मुख्य रूप से कुछ और नही बल्कि हमारे चारों और का परिवेश है। जिसममें हमारे आसपास की सभी वस्तुएं विध्यमान होती है। पर्यावरण को मुख्य रूप से 3 भागों में बांटा जा सकता है:-

1. भौतिक पर्यावरण:-

भौतिक पर्यावरण मुख्य रूप से निम्नलिखित होते है:-

  • सुर्य
  • जल
  • वायु
  • पृथ्वी
  • ऊर्जा
  • मिट्टी
  • चंद्रमा

2. जैविक पर्यावरण:-

जैविक पर्यावरण को मुख्य रूप से 2 भागों में बाँटा जा सकता है, जो कि निम्नलिखित है:-

  • वनस्पति जगत
  • प्राणी जगत

3. सांस्कृतिक एवं सामाजिक पर्यावरण:-

मानव जीवन में उपयोग में ली जाने वाली सभी वस्तुओं व उसके जीवन में जो भी क्रिया होते है, उन्हें सांस्कृतिक एवं सामाजिक पर्यावरण में रखा जाता है।

पर्यावरण का महत्व:-

पर्यावरण के महत्व का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते है कि इसके बिना यह पूरी पृथ्वी सिर्फ एक वीरान ग्रह के अलावा कुछ नही हो है।

पृथ्वी में जो भी जीवन है, वह इस पर्यावरण की देन है। पर्यावरण मनुष्य को जीवन जीने के लिए सभी आवश्यक सामग्री उपलब्ध करवाता है।

यह मुख्य रूप से जलवायु में संतुलन बनाये रखता है। पेड़-पौधों को उगाना, वर्षा करवाना, आदि पर्यावरण की वजह से ही संभव है।

उपसंहार:-

आज मनुष्य ने अपने स्वार्थ के लिए पर्यावरण को काफी अधिक नुकसान पहुंचा दिया है। आज मानवीय आबादी इस दुनिया में सबसे अधिक है।

मनुष्य अपने उपयोग के लिए लगातार इस पर्यावरण को नुकसान पहुँचा रहा है। आज हमारे आसपास की जलवायु लागातार प्रदूषित हो रही है।

मनुष्य अपने औद्योगिकीकरण को बढ़ाने के लिए लगातार पेड़ों की कटाई कर रहा है। उसने लगभग सम्पूर्ण पर्यावरण को दूषित कर दिया है।

आज पूरी दुनिया में ग्लोबल वार्मिंग काफी बढ़ गया है। इसकी वजह से तापमान में लगातार बदलाव आ रहे है।

मनुष्य को इन सभी बातों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि वह अपने पर्यावरण को बचा सके। क्योंकि इस पर्यावरण के बिना मनुष्य का अस्तित्व खत्म हो जायेगा।

अंतिम शब्द

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

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