बाढ़ पर निबंध

बाढ़ पर निबंध : Essay on Flood in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘बाढ़ पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप बाढ़ पर निबंध से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
बाढ़ पर निबंध : Essay on Flood in Hindi
प्रस्तावना:-
जब अधिक वर्षा आने से गांव अथवा शहरों में पानी जमा हो जाता है, तो उसे बाढ़ कहते है। बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है। बाढ़ के आने से कईं तरह की समस्याएँ पैदा हो जाती है।
जब वर्षा का पानी ज़मीन सोख नहीं पाती है या फिर उसके निकास की व्यवस्था नहीं हो पाती है, तो वह पानी बाढ़ का रूप ले लेता है।
प्रतिवर्ष बाढ़ के कारण कईं लोग अपनी जान खो देते है और जिस क्षेत्र में बाढ़ आती है, उसकी आर्थिक स्थिति ख़राब हो जाती है और उसे जान व माल दोनों की हानी उठानी पड़ती है।
बाढ़ आने के कारण:-
- अधिक वर्षा होने के कारण:- जब किसी स्थान पर जरूरत से अधिक वर्षा हो जाती है और उस वर्षा का पानी निकल नहीं पाता है, तो बाढ़ का कारण बन जाता है। अधिक वर्षा होने से उस पानी को ज़मीन भी नहीं सोख पाती है। ज्यादा बारिश आना ही बाढ़ का मुख्य कारण है।
- बर्फ पिघलने के कारण:- जब बर्फीले इलाकों में तापमान बढ़ता है, तो बर्फ पिघलनी शुरू हो जाती है। जिस कारण बहुत सारा पानी एक साथ नदियों में आ जाता है और नदियों का जल स्तर बढ़ने से वह पानी गाँवों में चला जाता है, जिस कारण बाढ़ आ जाती है।
- बांध टूटने से:- कभी-कभी नदियों के बांध कमजोर होने के कारण टूट जाते है। जिससे उनमें इकठ्ठा हुआ पानी एक साथ बड़ी तेजी से बहने लगता है और नदियों के छोटे होने के कारण इतना पानी नदियों में समा नहीं पाता है, जिस कारण वह पानी आसपास के इलाकों में चला जाता है और बाढ़ का कारण बन जाता है।
- बादल फटने से:- कईं बार पहाड़ी इलाकों में बादल पहाड़ों से टकराकर फट जाते है। जिस कारण काफी मात्रा में पानी एक साथ आ जाता है और उस पानी की गति भी काफी तेज होती है। जिससे वह पानी अपने रास्ते में आई हुई प्रत्येक वस्तु को तबाह करके आगे बढ़ता है। पहाड़ी इलाकों का पानी बहकर समतल इलाकों में आकर बाढ़ पैदा कर देता है।
- नदियों के जल स्तर बढ़ने से:- कईं बार वर्षा अधिक होने से नदियों का जल स्तर बढ़ जाता है। जिस कारण वह पानी आसपास इलाकों या गाँवों में चला जाता है और वहाँ पर बाढ़ आ जाती है।
बाढ़ के परिणाम:-
- जान व माल की हानि:- जिन इलाको में बाढ़ आती है, वहाँ जान व माल दोनों का काफी नुकसान होता है। वहाँ की जनता को अपना सब कुछ खोना पड़ता है। उनके घर पानी में डूब जाते है और कईं परिवारजनों के प्राण भी चले जाते है।
- भुखमरी फैलना:- बाढ़ के आने से लोगों के घर व उसकी सभी वस्तुएँ बर्बाद हो जाती है। जिससे उनके पास खाने-पीने के लिए भी कुछ नहीं होत्ता है। उनके लिए खाने का बड़ा संकट पैदा हो जाता है। ऐसी स्थिति में उस स्थान पर भुखमरी की स्थिति पैदा हो जाती है।
- बीमारियों का खतरा:- बाढ़ के आने से हर जगह पानी ही पानी हो जाता है, जिसमें मच्छर पैदा हो जाते है और बीमारियाँ फ़ैल जाती है। बाढ़ में कईं तरह की महामारियाँ भी फैलती है। शेष परेशानियो के साथ-साथ वहाँ के लोगों को बीमारियों की समस्या भी झेलनी पड़ती है।
- फसल की बर्बादी:- बाढ़ के पानी से फ़सलें भी ख़राब हो जाती है। बाढ़ का पानी खेतों में चला जाता है। जिस कारण ज्यादा पानी होने के कारण वहाँ की फ़सलें ख़राब हो जाती है और पानी के कारण गल जाती है।
- आर्थिक नुकसान:- बाढ़ के आने से उस जगह के लोगों को आर्थिक संकट से भी गुजरना पड़ता है। वहाँ पर बाढ़ से बहुत नुकसान होता है, जिससे वह राज्य आर्थिक रूप से कमजोर हो जाता है। वहाँ कईं तरह की समस्याएँ भी पैदा हो जाती है।
बाढ़ के उपाय:-
बाढ़ को रोक पाना तो संभव नहीं है, लेकिन इसके लिए तैयार होना या जागरूक होना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए हर तरह के उपाय करना चाहिए, जो कि निम्नलिखित है:-
- बाढ़ आने की संभावना होने पर वहां की सरकार को उस इलाके के लोगों को पहले ही आगाह करना चाहिए। जिससे उन्हें वहाँ से सुरक्षित स्थान पर पहुँचने के लिए समय मिल जाए।
- हमें अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना चाहिए।
- प्रत्येक स्थान पर जल निकास की उत्तम व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे कहीं पर भी पानी जमा नहीं हो सके। भारत में कईं स्थानों पर बाढ़ इसीलिए आती है, क्योंकि वहाँ निकास की उत्तम व्यवस्था नहीं है। इसलिए अच्छी निकास व्यवस्था का होना अत्यंत आवश्यक है।
- बांधों का निर्माण मजबूती से करना चाहिए, जिससे कि यह आसानी से न टूटे।
- बाढ़ अधिकृत क्षेत्रों में ऊँचें मकान बनाने चाहिए, जिससे मकान आसानी से नहीं डूबें।
उपसंहार:-
बाढ़ एक ऐसी समस्या है, जिससे प्रतिवर्ष किसी न किसी देश में कईं जानें चली जाती है। इससे न सिर्फ वह देश परेशानियों का सामना करता है, बल्कि आर्थिक संकट से भी झूझना पड़ता है।
हम बाढ़ को आने से रोक तो नहीं सकते है, क्योंकि यह एक प्राकृतिक आपदा है। लेकिन हम इससे बचने या जान बचाने के लिए तैयार जरूर हो सकते है।
हमें लोगों में बाढ़ के प्रति जागरूकता फैलानी चाहिए। लोगों को पता होना चाहिए कि बाढ़ की स्थिति में जीवनयापन के लिए क्या-क्या करना चाहिए? कैसे अपनी और अन्य लोगों की जान बचानी है? आदि।
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।