फुटबॉल पर निबंध

फुटबॉल पर निबंध : Essay on Football in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘फुटबॉल पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप फुटबॉल पर निबंध से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
फुटबॉल पर निबंध : Essay on Football in Hindi
प्रस्तावना:-
खेल खेलना हमारे बचपन का एक दिनचर्या होता है, जिसे बच्चे काफी पसंद करते है। आज दुनिया में कईं प्रकार के खेल मौजूद है, उन्हीं में से एक फुटबॉल भी है।
यह खेल काफी प्रसिद्ध खेलों में से एक है। यूरोप में यह खेल काफी लोकप्रिय है। फुटबॉल के खेल में दोनों तरफ 11-11 खिलाड़ी होते है। इस खेल को सभी खिलाड़ी एक बॉल की सहायता से खेलते है। 11 खिलाड़ियों में से एक खिलाडी गोलकीपर होता है।
फुटबॉल का इतिहास:-
फुटबॉल का इतिहास काफी पुराना है। फीफा की मानें तो इस खेल का प्रारम्भ कुशल तकनीक चीन में हुआ था। यह एक चीनी खेल सूजु का ही एक विकसित रूप है।
माना जाता है कि दूसरी व तीसरी सदी में इसका आरम्भ हुआ था। यूरोप में मध्यकाल के समय फुटबॉल को कईं रूपों में खेला जाता था, लेकिन इसके नियम व खेलने के तरीके अलग-अलग थे।
जापान में यह असुका वंशज शासनकाल में कैमरी नाम से जाना जाता था। इसके साथ ही यह चीन में झा वंश के समय में भी खेला जाता था।
भारत में फुटबॉल का आगमन ब्रिटेन शासनकाल में ही हुआ था। इस समय ब्रिटिश सैनिक इस खेल को खेलना काफी पसंद किया करते थे। इसी से यह खेल भारत में भी आया।
फुटबॉल के नियम:-
प्रत्येक खेल को खेलने के लिए कुछ नियम होते है, जिनके अनुसार ही उस खेल को खेला जाता है। फुटबॉल को खेलने के भी कुछ नियम है, जो कि निम्नलिखित है:-
- दोनों टीमों में 11-11 खिलाड़ी होते है, जिनमें से एक गोलकीपर और शेष स्ट्राइकर, डिफेंडर और मिडफील्डर होते है।
- स्ट्राइकर का मुख्य कार्य गोल करना होता है। डिफेंडर का कार्य विरोधी टीम के सदस्यों को गोल स्कोर करने से रोकना है। मिडफिल्डर का कार्य विरोधी टीम से गेंद छीनकर अपने आगे खेलने वाले खिलाड़ियों को गेंद देना है और गोलकीपर का कार्य गोल पोस्ट के सामने खड़े होकर गोल को रोकना है।
- फुटबॉल में फॉल के भी कुछ नियम होते है। इसमें यदि खिलाड़ी सही व्यवहार नहीं करता है, तो रेफरी उसे येलो कार्ड दिखाकर बाहर निकलने की चेतावनी दे सकता है। लेकिन यदि फिर भी खिलाड़ी सही व्यवहार नहीं करता है, तो रेफरी उसे रेड कार्ड देकर मैदान से बाहर निकाल सकता है। ऐसा होने पर निकले हुए खिलाड़ी की जगह पर कोई भी दूसरा खिलाड़ी खेलने के लिए नहीं आता है।
- ऑफलाइन नियम में आगे का खिलाड़ी गेंद के बचाव किये बिना दूसरे खिलाड़ी के आगे नहीं जा सकता है। यदि विरोधी टीम का खिलाड़ी गोल रेखा के पास जाता है, तो उसे फॉल माना जाता है।
फुटबॉल किक के भी कुछ नियम होते है, जो कि निम्नलिखित है:-
- थ्रो-इन:- इसमें गेंद पूरी तरह से यदि रेखा के पार कर दी जाती है, तो उस विरोधी टीम को इनाम में थ्रो-इन किक मिलती है, जो बॉल आखिरी बार छूए।
- कॉर्नर किक:- जब गेंद बिना गोल के ही गोल रेखा के पार कर दी जाती है और डिफेंस करने वाली टीम द्वारा बॉल को आखिरी बार छूने के कारण हमलावर टीम को कॉर्नर किक मारने मौका मिलता है।
- गोल किक:- जब गेंद पूरी तरह गोल रेखा को पार कर जाए, तो गोल के बिना ही स्कोर होता है और हमलावर द्वारा गेंद को आखिरी बार छूने के कारण डिफेंस करने वाली टीम को इनाम में गोल किक करने का मौका मिलता है।
- इनडायरेक्ट फ्री किक:- यह विरोधी टीम को इनाम में तब मिलती है, जब विरोधी टीम बिना किसी विशेष फाउल के गेंद को बाहर भेज दे और खेल रुक जाए।
फूटबॉल प्रतियोगिताएँ:-
फुटबॉल की कईं प्रतियोगिताएँ होती है, जो कि निम्नलिखित है:-
- फीफा विश्व कप
- ओल्य्म्पिक खेल
- यूरोपीय चैंपियनशिप
- कोपा अमेरिका
- राष्ट्रीय अफ्रीकन कप
- सीओएनसीएसीएएफ़ गोल्ड कप
- एशिया कप
- ओएफ़सी राष्ट्रीय कप
उपसंहार:-
फुटबॉल एक काफी प्रसिद्ध खेल है। फुटबॉल को यह नाम इसलिए मिला है, क्योंकि इसमें पैरों से ही गेंद को मारा जाता है। इसमें खिलाड़ी को अपनी विरोधी टीम के नेट में गोल करना पड़ता है, जिससे उन्हें अंक मिलता है।
लेकिन, उस गेंद को रोकने के लिए प्रत्येक टीम के पास एक गोलकीपर होता है, जो उस गेंद को गोल होने से रोकता है। इसी तरह से यह मैच चलता है और अंत में जिस टीम के ज्यादा अंक होते है, वह टीम जीत जाती है।
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रों व परिजनों के साथ फेसबुक पर साझा अवश्य करें और हमारे वेबसाइट को सबस्क्राइब कर ले।

नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।