ईंधन संरक्षण पर निबंध

ईंधन संरक्षण पर निबंध : Essay on Fuel Conservation in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘ईंधन संरक्षण पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप ईंधन संरक्षण पर निबंध से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
ईंधन संरक्षण पर निबंध : Essay on Fuel Conservation in Hindi
प्रस्तावना:-
ईंधन एक प्राकृतिक संसाधन है। ईंधन जीव-जन्तुओं एवं पेड़-पौधों के अवशेषों के कईं वर्षों तक जमीन में दबने से बनने वाला काला पदार्थ है। यह धरती में सीमित मात्रा में ही पाया जाता है।
ईंधन में पेट्रोल, डीजल एवं कोयले जैसे पदार्थ शामिल है। यें धरती की गहराई में पाए जाते है। वर्तमान समय में ईंधन एक ऐसा पदार्थ बन गया है, जिससे मनुष्य के कईं कार्य होते है।
आज इनकी मात्रा धीरे-धीरे कम हो रही है। यदि ऐसे ही चलता रहा तो कुछ समय बाद ईंधन इस धरती में समाप्त हो जाएगा। जब तक नई तकनीकी का विकास न हो, जिसे हम पेट्रोल के स्थान पर प्रयोग कर सके।
ईंधनों के संरक्षण का महत्व:-
ईंधनों का हमारे जीवन में काफी अधिक महत्व है। आज मनुष्य की दिनचर्या में ईंधन का काफी प्रयोग होता है। कहीं आने-जाने के लिए भी हमें वाहनों की आवश्यकता होती है, जिसे चलाने के लिए भी पेट्रोल व डीजल की आवश्यकता होती है।
आज हम कईं कार्यों के लिए इस पर निर्भर करते है इसलिए, हमें इसके संरक्षण करने की भी आवश्यकता है। यदि यें जीवाश्म ईंधन समाप्त हो जाते है, तो मनुष्य के कार्य रुक जायेंगे।
आज ईंधन हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। आज इसकी कीमत में परिवर्तित होने से सभी चीजों की कीमत पर प्रभाव पड़ता है।
जब इनकी कीमत बढ़ती है, तो महंगाई बढ़ने लगती है। इनका प्रभाव पूरे बाजार पर पड़ता है।
ईंधन के निर्माण की प्रक्रिया:-
ईंधन के निर्माण की प्रक्रिया काफी लम्बी होती है। यें कुछ वर्षों में निर्मित नहीं होते है बल्कि, इन्हें बनने में कईं सदियों का समय लगता है।
जब धरती पर बहुत बड़ा विनाश होता है या कोई बड़ा भूकंप आता है, जिससे धरती तहस नहस हो जाए। इससे बहुत बड़ी मात्रा में जीव-जंतु मर जाते है और पेड़-पौधे भी उखड़ जाते है और इस विनाश के कारण यें सभी जमीन के नीचे दब जाते है।
यें कईं सदियों तक जमीन के नीचे दबे रहने के कारण जीवाश्म ईंधन में परिवर्तित हो जाते है। यह कार्य पूर्ण रूप से प्राकृतिक होता है।
पृथ्वी से शुद्ध पदार्थ नहीं निकलते है बल्कि, इन्हें मनुष्य द्वारा निकालकर शुद्ध किया जाता है। उसके बाद इनका प्रयोग मनुष्य द्वारा किया जाता है।
ईंधन को संरक्षित करने के उपाय:-
ईंधन इस धरती पर केवल सीमित मात्रा में ही उपलब्ध है। इनकी मात्रा धीरे-धीरे समाप्त होती जा रही है।
इसलिए, इनको संरक्षित करने के लिए हर आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है। तभी जाकर इन्हे संरक्षित किया जा सकेगा।
वर्तमान समय में सौर ऊर्जा का काफी अधिक निर्माण होने लगा है। हम कईं जगहों पर इंधन की जगह सौर ऊर्जा का प्रयोग कर सकते है।
सौर ऊर्जा के लिए सौर प्लांट लगाए जा सकते है। इससे ईंधन का उपयोग भी सीमित मात्रा में होगा और प्रदूषण भी कम ही होगा।
वर्तमान समय में ऐसे वाहनों का प्रयोग होने लगा है, जिन्हें हम बिजली या बैटरी की सहायता से चला सकते है। हम इनका उपयोग बढ़ा सकते है।
बिजली का निर्माण सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा एवं अन्य कईं साधनों की सहायता से किया जा सकता है।
यदि हम वाहनों में पेट्रोल व डीजल का उपयोग भी करते है, तो हमें उन वाहनों का उपयोग कम ही करना चाहिए, आवश्यकतानुसार ही इनका उपयोग करें।
कम दूरी पर जाने के लिए इनका उपयोग करने के बजाय पैदल ही जाए। अपने निजी वाहनों के बजाय ज्यादातर सार्वजनिक वाहनों का ही उपयोग करें।
इससे इनका उपयोग कम होगा और यें लम्बे समय तक बचे रहेंगे। इस तरह से हम इन्हें संरक्षित कर सकते है।
उपसंहार:-
आज हम सभी जरूरत से ज्यादा ही इंधनों पर निर्भर हो गए है। इसका परिणाम है कि इनकी कीमत बढ़ने पर यह सीधा हमारी आर्थिक स्थिति को प्रभावित करता है।
हमें इस पर अपनी निर्भरता को कम करने की आवश्यकता है और नईं तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता है।
इनका संरक्षण करने के लिए हम नई विकसित हुई तकनीकों का प्रयोग कर सकते है। इससे इनका संरक्षण भी होगा और ईंधनों के प्रयोग से जो इस प्रकृति पर प्रभाव पड़ता है, वह भी कम होगा।
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।
Bro good essay
Thank You So Much Brother