अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध : Essay on International Yoga Day in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध : Essay on International Yoga Day in Hindi
प्रस्तावना:-
योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत शब्द “यूज” से हुई है, जिसका अर्थ:- “मिलन” अर्थात “आत्मा का परमात्मा से मिलना” होता है, जो कि योग कहलाता है।
योग की उत्पत्ति अभी नहीं हुई है बल्कि, कईं लाखों वर्षों पहले ही इसकी उत्पत्ति हो गई थी। कहा जाता है कि योग के जनक भगवान शिव है।
उन्होंने ही योग की उत्पत्ति की थी। तभी से भारतीय संस्कृति में योग चला आ रहा है। यह आदिकाल से ही भारतीय संस्कृति से जुड़ा हुआ है।
योग से मनुष्य का शरीर व मस्तिष्क दोनों स्वस्थ रहते है। यह मनुष्य को बीमारियों से बचाता है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।
यह हमारे लिए काफी फायदेमंद होता है। योग करने से मनुष्य में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
आज योग को पूरी दुनिया के युवाओं तक पहुंचाने के लिए ही अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का आरम्भ किया गया है।
ताकि, पूरी दुनिया योग से जुड़ सके और इस संसार में योग के प्रति जागरूकता फैलाई जा सके।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत:-
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरूआत सन 2014 में हुई। पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया गया था।
सन 2014 में संयुक्त राष्ट्र संघ की सभा में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग के महत्व को बताया और 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा।
इसे 21 जून को मानाने का प्रमुख कारण है कि यह दिन वर्ष का सबसे बड़ा दिन होता है और आध्यात्मिक शक्ति को प्राप्त करने के लिए यह काफी अच्छा माना जाता है।
भारत के प्रधानमंत्री द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का जो प्रस्ताव रख गया था, उस पर 193 देशों ने अपनी स्वीकृति जताई।
जिनमें अमेरिका, चीन, रूस व कनाडा जैसे बड़े-बड़े देश भी शामिल थे। तभी से ही प्रतिवर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाने लगा।
भारत में पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस दिल्ली के राजपथ पर मनाया गया, जिसका नेतृत्व स्वयं भारत के प्रधानमंत्री ने किया।
इस अवसर पर विश्व के कईं प्रसिद्ध लोगों के साथ-साथ लगभग 35,985 लोगों ने हिस्सा लिया।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का महत्व:-
योग हम सभी के जीवन में काफी महत्व रखता है। आज मनुष्य का काफी अधिक विकास हो गया है। लेकिन, इस विकास के साथ-साथ हम सभी मानसिक व शारीरिक रूप से कमजोर भी हो गए है।
आज मनुष्य काफी छोटी आयु में ही बीमारी और चिंता का शिकार हो रहे है। युवावस्था में भी कमजोरी व थकान जैसी समस्याएँ हो रही है।
इन सभी से छुटकारा पाने के लिए योग काफी अधिक महत्वपूर्ण है। योग मनुष्य को शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत करता है।
मनुष्य के शरीर में एक ऊर्जा का संचार करता है। मनुष्य को बीमारियों से बचाने के लिए उसकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। मनुष्य को चिंता का शिकार होने से बचाता है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस काफी अधिक महत्वपूर्ण है। इससे युवा, योग के प्रति सजक होंगे और योग भी आगे की पीढ़ियों में बढ़ेगा।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का उद्देश्य:-
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य युवाओं को योग के प्रति जागरूक करना है। ताकि, लोग योग करने के लिए प्रेरित हो सके।
योग के बारे में सही जानकारी पुरे विश्व में फैलाना भी इसका उद्देश्य है। ताकि, लोगों को योग के बारे में जानकारी प्राप्त हो और वह योग को अपने जीवन में अपना सके।
योग से हम विभिन्न प्रकार की बीमारियों से छुटकारा प्राप्त कर सकते है। यह हमारे शरीर की रोगो से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है।
योग की सहायता से स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का समाधान हो सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस क्यों मनाया जाता है?
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने का मुख्य कारण लोगों को योग को करने के प्रति प्रेरित करना है। योग को पूरे विश्व में फैलाने के लिए ही अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।
इससे लोग योग के प्रति जागरूक होंगे और उसे अपने जीवन में भी अपनाएंगे। योग को जीवन में अपनाने से एक मनुष्य कईं प्रकार की बीमारियों से छुटकारा पा सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के जरिए युवाओं को योग के बारे जानकारी प्राप्त होगी और वें उसे अपनाएंगे। इसके जरिये योग का प्रचार भी किया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य योग का प्रचार-प्रसार करना और आने वाली पीढ़ी को भी इससे अवगत कराना है।
उपसंहार:-
इस बदलते समय में योग काफी आवश्यक हो गया है। योग करना हम सभी के लिए काफी फायदेमंद होता है। भारत में योग का काफी लम्बा इतिहास है।
यह पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ता रहा है और आज हम सभी के बस है। हम सभी का फर्ज है कि हम इसे आने वाली पीढ़ी को भी दें।
हमें अपने जीवन में योग को अपनाना चाहिए। यह हमें रोगों से लड़ने की क्षमता देता है। यह हमें मजबूत बनाता है।
इसलिए, हम सभी को रोजाना नियमित रूप से योग करना चाहिए और दुसरे लोगों को भी योग करने की सलाह देनी चाहिए।
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रों व परिजनों के साथ फेसबुक पर साझा अवश्य करें और हमारे वेबसाइट को सबस्क्राइब कर ले।