कृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध

कृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध : Essay on Krishna Janmashtami in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘कृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
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कृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध : Essay on Krishna Janmashtami in Hindi
निबंध 1 (300 शब्द)
प्रस्तावना:-
कृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिवस के रूप में मनाई जाती है। भगवान श्री कृष्ण हिन्दू धर्म के भगवान है। कहा जाता है कि धरती को पापों से मुक्त करने के लिए भगवन विष्णु ने मनुष्य रूप में जन्म लिया था।
भारत में जन्माष्टमी को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इसे लोग बड़ी ही आस्था के साथ मनाते है। भगवान श्री कृष्ण सदियों से ही भक्तों की आस्था का केंद्र रहे है।
कृष्ण जन्माष्टमी कब व क्यों मनाई जाती है?:-
कृष्ण जन्माष्टमी हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह में मनाई जाती है। माना जाता है कि श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के आठवें दिन को आधी रात के रोहिणी नक्षत्र में हुआ था।
इसलिए, प्रतिवर्ष इसी समय जन्माष्टमी मनाई जाती है। भगवान श्री कृष्ण का जन्म मथुरा के कारावास में रात को ठीक 12 बजे हुआ था।
कृष्ण जन्माष्टमी इसलिए मनाई जाती है, क्योंकि इस दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। देवकी और वासुदेव के आठ बच्चे हुए थे, लेकिन कंस ने उनके छः बच्चों को बेरहमी से मार दिया था।
इसलिए, श्री कृष्ण को बचाने के लिए उनके जन्म के दिन ही रात के समय वासुदेव उन्हें अपने मित्र के घर पर छोड़ आये और मित्र की पुत्री को अपने साथ ले आए। यह सब उन्होंने आकाशवाणी के कहने पर किया था।
कृष्ण जन्माष्टमी कैसे मनाई जाती है?:-
कृष्ण जन्माष्टमी को एक त्यौहार की भांति मनाया जाता है। सभी लोग इस दिन को बड़े धूमधाम के साथ मनाते है। इस दिन कईं लोग व्रत भी रखते है, जिसे वह रात के 12 बजे प्रसाद खाकर तोड़ते है।
इस दिन मटकी फोड़ने के कार्यक्रम का आयोजन भी रखा जाता है, जिसमें प्रतियोगिता भी की जाती है। इस दिन लोग फूलों व रंगों की होली भी खेलते है।
इसके साथ-साथ भगवान श्री कृष्ण की झांकी निकाली जाती है और मंदिरों को सजाया जाता है और भगवान श्री कृष्ण को झुला झुलाया जाता है।
मथुरा में जन्माष्टमी हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। इस दिन कईं जगह मेलें भी लगते है। मंदिरों को भव्य रूप से सजाकर वहाँ भगवान श्री कृष्ण की भव्य पूजा की जाती है।
कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व:-
लोगों के लिए कृष्ण जन्माष्टमी का काफी महत्व है। इस दिन को लोग बड़ा ही महत्व देते है। इस दिन सभी लोग भगवान श्री कृष्ण के बालक रूप को झुला झुलाते है और उन्हें एक बच्चे की तरह ही सजाया जाता है।
लोगों के द्वारा भगवान श्री कृष्ण के लिए व्रत रखे जाते है और उनकी आराधना की जाती है। इस दिन लोग दिनभर भजन-कीर्तन ही करते रहते है।
उपसंहार:-
भगवान श्री कृष्ण कईं लोगों के आराध्य है। उनके लिए भगवान श्री कृष्ण का जन्मदिन और भी खास होता है। वें उनका जन्मदिन बिल्कुल एक परिवार के सदस्य की तरह ही मनाते है।
भगवान श्री कृष्ण बचपन में काफी शैतान हुआ करते थे। वह अपने मित्रों के साथ मिलकर लोगों के घर से मक्खन चुराया करते थे।
जिससे परेशान होकर लोग उनकी शिकायत यशोदा माँ से किया करते थे। इसलिए, भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिवस पर मटकी से मक्खन निकालने की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है।
निबंध 2 (400 शब्द)
प्रस्तावना:-
कृष्ण जन्माष्टमी भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। हिन्दू धर्म में इस त्योहार को बड़े ही हर्ष व उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिवस के अवसर पर मनाया जाता है।
माना जाता है कि इस दिन ही श्री कृष्ण ने इस पृथ्वी पर मानव अवतार लिया था। तभी से ही इस दिन को सभी लोग एक त्यौहार की तरह मनाते है।
2022 में कृष्ण जन्माष्टमी कब है?:-
हिन्दू मान्यता के अनुसार श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। जिस कारण प्रतिवर्ष भाद्रपद के कृष्ण पक्ष में ही जन्माष्टमी मनाई जाती है। इस वर्ष 2022 में जन्माष्टमी गुरुवार, 18 अगस्त 2022 को है।
कृष्ण जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है?:-
कृष्ण जन्माष्टमी को मनाने के पीछे एक कथा प्रसिद्ध है। जिसके अनुसार कहा जाता है कि इस पृथ्वी पर पाप बढ़ने पर उसे ख़त्म करने के लिए इस दिन भगवान विष्णु ने मनुष्य रूप में जन्म लिया था, जिनका नाम श्री कृष्ण था।
कंस के कारावास में देवकी की आठवीं संतान के रूप में उनका जन्म हुआ था। तब कृष्ण की जान बचाने के लिए देवकी के पति उन्हें अपने मित्र नंद के घर पर छोड़ आए और उनकी पुत्री को अपने साथ लेकर आ गए।
कृष्ण जन्माष्टमी कैसे मनाई जाती है?:-
भारत में कृष्ण जन्माष्टमी अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग प्रकार से मनाई जाती है। इस दिन कईं लोग उपवास करते है, जिसे वह मध्यरात्रि के समय प्रसाद खाकर तोड़ते है।
इस दिन कईं प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजन किये जाते है। मंदिरों को सजाया जाता है और श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना भी की जाती है। इस दिन कईं प्रकार के नृत्य कार्यक्रम भी किये जाते है और रात के समय मटकी फोड़ने का कार्यक्रम भी रखा जाता है।
क्योंकि भगवान श्री कृष्ण बचपन में मटकी फोड़कर माखन खाया करते थे। इसलिए, उनके जन्मदिन पर भी मटकी फोड़ने का कार्यक्रम रखा जाता है।
उपसंहार:-
कृष्ण जन्माष्टमी को हिन्दू समाज में काफी महत्व दिया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों में पकवान व मिठाइयाँ बनाते है और पहले भगवन श्री कृष्ण के भोग लगाते है और तब उन्हें खाते है।
इस दिन कईं जगहों पर मेलें भी लगते है। भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन के दिन उन्हें झुला भी झुलाया जाता है और उनकी भव्य पूजा की जाती है।
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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