मातृ दिवस पर निबंध

मातृ दिवस पर निबंध : Essay on Mother’s Day in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘मातृ दिवस पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
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मातृ दिवस पर निबंध : Essay on Mother’s Day in Hindi
प्रस्तावना:-
माँ बच्चे की सबसे पहली मित्र व शिक्षक होती है। एक माँ अपने बच्चे के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण इंसान होती है। वह हमेशा बिना किसी स्वार्थ के अपने बच्चे के लिए कार्य करती रहती है।
एक सिर्फ वहीं है, जो हमें इस दुनिया में लाती है और हमें इस संसार को देखने का मौका देती है। इसलिए माँ के सम्मान में वर्ष में एक दिन मातृ दिवस मनाया जाता है। यह दिन माँ को समर्पित किया गया है।
मातृ दिवस कब व क्यों मनाया जाता है?:-
मातृ दिवस प्रतिवर्ष मई माह के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। इसे मनाने का उद्देश्य पूरी दुनिया की माताओं को सम्मान देना है।
इसे सभी माताओं और उनके पारिवारिक संबंधों को सम्मान देने के लिए प्रारम्भ किया गया था। इस दिन को पूरी दुनिया में मनाया जाता है, लेकिन इसे प्रत्येक देश अलग-अलग दिन मनाता है।
माँ का महत्व:-
एक बच्चे के जीवन में सबसे अधिक महत्व उसकी माँ का होता है। वह बच्चे को नौ माह तक अपने गर्भ में रखकर दुनिया में लाती है।
माँ का अपने बच्चे के लिए प्रेम काफी अटूट व निस्वार्थ होता है। वह अपने बच्चे के लिए कुछ भी कर सकती है और दुनिया में किसी से भी लड़ सकती है।
एक माँ जितना प्यार अपने बच्चे को करती है, उतना कोई किसी को नहीं कर सकता है। वह हमेशा अपने बच्चे की ही चिंता करती है और स्वयं को भूखे रहकर भी अपने बच्चे को खाना खिलाती है।
एक माँ को ममता की मूर्ति कहा जाता है। एक बच्चे के जीवन में उसकी माँ का इतना अधिक महत्व है कि वह उसे कोई भी दुःख या चोट लगती है, तो वह माँ ही कहता है।
माँ अपने बच्चे को बचपन से पालती-पोषती है और अपना जीवन अपने बच्चे के लिए ही बिता देती है। बच्चा शुरुआती जीवन में सब कुछ अपनी माँ से ही सीखता है।
प्रत्येक व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति से अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए सम्बन्ध रख सकता है, लेकिन एक माँ कभी भी अपने बच्चे से कोई स्वार्थ नहीं रखती है।
मातृ दिवस का इतिहास व कारण:-
माना जाता है कि मातृ दिवस मनाने की शुरुआत एना जार्विस के द्वारा की गई थी। वह अमेरिका की रहने वाली थी। वह अपनी माँ से काफी प्रेम करती थी और अपनी माँ के साथ ही रहती थी।
उसकी माँ को अकेला न रहना पड़े, इसलिए एना ने कभी भी शादी नहीं की। वह अपना जीवन अपनी माँ के साथ ही बिताना चाहती थी, लेकिन उसकी माँ की मृत्यु हो गई।
एना ने अपनी माँ के प्रति अपने प्रेम को जताने के लिए मातृ दिवस की शुरुआत की। इसके बाद प्रतिवर्ष मई माह के दूसरे रविवार को मातृ दिवस मनाया जाने लगा।
इस दिन को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। इस दिन दुनिया की सभी माताओं का सम्मान किया जाता है और उन्हें तोहफ़े भेंट किये जाते है।
उपसंहार:-
इस दुनिया में माँ को भगवान का दर्जा दिया जाता है और कहा जाता है कि भगवान हर जगह नहीं आ सकते है, इसलिए उन्होंने माँ बनाई है।
माँ हमेशा अपने बच्चे को प्यार ही देती है, चाहे बच्चा कैसा भी क्यों न हो। एक माँ कभी भी अपने बच्चे के प्रति अपने प्रेम में कमी नहीं करती है। माँ के बिना एक बच्चे का जीवन अधूरा ही रहता है, वह बचपन नहीं जी पाता है।
एक माँ अपने बच्चे के लिए काफी कुछ करती है, इसलिए हमारा भी दायित्व है कि हम भी अपनी माँ के लिए कुछ करें और उनकी सेवा करें। हमें कभी भी एक माँ का दिल नहीं दुखाना चाहिए।
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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