मेरा विद्यालय पर निबंध

मेरा विद्यालय पर निबंध : Essay on My School in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘मेरा विद्यालय पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
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मेरा विद्यालय पर निबंध : Essay on My School in Hindi
निबंध 1
प्रस्तावना:-
विद्यालय वह स्थान होता है, जहाँ विद्यार्थी एक साथ बैठकर शिक्षा प्राप्त करते है। यह वह स्थान है, जहाँ बच्चों का मानसिक विकास होता है। भारतीय संस्कृति में विद्यालय को मंदिर का दर्जा दिया गया है।
मनुष्य के जीवन में बाल्यकाल सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। हमारे जीवन का महत्वपूर्ण समय वह होता है, जब हम ज्ञान ग्रहण करते है और वह समय विद्यालयों में ही व्यतीत होता है।
यहाँ हम सभी अपने जीवन का महत्वपूर्ण ज्ञान प्राप्त करते है। विद्यालय मनुष्य को जीवन की राह में ज्ञान का प्रकाश प्रदान करता है। यहाँ से मिला ज्ञान मनुष्य के जीवनभर काम आता है।
विद्यालय में बिताए हुए पल जीवन के खूबसूरत पल होते है, जिन्हें मनुष्य कभी भी भूल नहीं पाता है। यहाँ बच्चे ज्ञान प्राप्त करने के साथ-साथ नए मित्र बनाकर उनके साथ मस्ती करते है। यहाँ बिताए गए कुछ खट्टे-मीठे पल हमें हमेशा याद रहते है।
मेरा विद्यालय:-
मेरे विद्यालय का नाम —— है। यह मेरे घर के पास में ही स्थित है। मुझे घर से विद्यालय पहुँचने तक सिर्फ पांच मिनट का समय लगता है। मेरा विद्यालय काफी सुंदर एवं पढ़ने योग्य है।
मेरे विद्यालय में एक पुस्तकालय भी मौजूद है, जहाँ पर बहुत शांति होती है। जिससे सभी विद्यार्थी आसानी से पढ़ाई कर सके। यहाँ सभी प्रकार की पुस्तकें मौजूद है।
यहाँ का माहौल काफी अच्छा है। यहाँ के अध्यापक भी अच्छे है। यहाँ हमे शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक ज्ञान भी दिया जाता है। हमारे अध्यापक हम पर बड़ी ही मेहनत करते है।
मेरे विद्यालय का परिसर:-
मेरे विद्यालय का परिसर काफी विशाल है। हमारे विद्यालय की 2 ईमारतें है। इसके सामने की तरफ एक काफी बड़ा खेल का मैदान है, जहाँ सभी बैठते व खेलते है और प्रार्थना भी यहीं पर करते है।
इस मैदान के चारों तरफ पेड़-पौधे उगे हुए है और शेष जगह छोटी-छोटी घास उगी हुई है। इसी के पास में वोलीबाल का मैदान है, जहाँ सभी बच्चे खेल खेलते है।
मेरे विद्यालय में सुविधाएं:-
हमारे विद्यालय में वें सभी सुविधाएँ उपलब्ध है, जो एक विद्यार्थी को शिक्षा प्राप्त करने के लिए आवश्यक होती है। यें सभी सुविधाएँ निम्नलिखित है:-
- मेरे विद्यालय में बस की सुविधा उपलब्ध है, जिससे दूर के बच्चे भी बस के द्वारा विद्यालय पहुँचकर शिक्षा प्राप्त कर सके ताकि, कोई भी विद्यार्थी दूरी की वजह से शिक्षा से वंचित न रह जाए।
- मेरे विद्यालय में साफ व ठंडा पानी पीने की उचित सुविधा उपलब्ध है।
- मेरे विद्यालय में एकांत में पढ़ाई करने के लिए पुस्तकालय की सुविधा भी उपलब्ध है।
- हमारे विद्यालय में कम्प्यूटर भी उपलब्ध है, जहाँ रोजाना कक्षा चलती है और विद्यार्थियों को कम्प्यूटर का ज्ञान प्रदान किया जाता है।
- हमारे विद्यालय में विभिन्न प्रकार के समारोह तथा कार्यक्रमों का आयोजन करने के लिए एक बड़ा ऑडिटोरियम भी मौजूद है, जहाँ पर विद्यालय के सभी कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
- हमारे विद्यालय में छात्रों व छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय बने हुए है।
- हमारे विद्यालय के प्रत्येक कक्षा में ब्लेकबोर्ड लगा हुआ है और अब धीरे-धीरे हमारे विद्यालय में प्रोजेक्टर से भी कक्षाएं उपलब्ध करवाई जाती है।
- हमारे विद्यालय की सभी कक्षाओं में विद्यार्थियों के लिए बैठने के लिए कुर्सी एवं टेबल लगी हुई है, जिस पर बैठकर ही हम विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते है।
मेरे विद्यालय के अध्यापक:-
हमारे विद्यालय में प्रत्येक विषय के लिए एक अध्यापक है। सभी अध्यापक काफी अच्छा पढ़ाते है। वें हमेशा ही समय पर कक्षा में उपस्थित होते है और कभी भी विद्यालय में उपस्थित होने में देर नहीं करते है।
वें हमें काफी मन से पढ़ाते है। जब भी हमें पढ़ने में कोई समस्या आती है या किसी प्रश्न में कोई परेशानी आती है, तो हम उनके पास परेशानी का हल प्राप्त करने के लिए चले जाते है और वें हमेशा हमें प्यार से समझाते है।
हमारे विद्यालय के सभी अध्यापक हम सभी विद्यार्थियों के साथ समानता का व्यवहार करते है।
उपसंहार:-
प्रत्येक विद्यार्थी के लिए विद्यालय काफी महत्वपूर्ण स्थान होता है। विद्यालय में एक विद्यार्थी अपने जीवन का काफी महत्वपूर्ण समय व्यतीत करता है। विद्यालय से ही एक विद्यार्थी अपना जीवन प्रारम्भ करता है।
कहा जाता है कि यदि आपको किसी देश का भविष्य देखना है, तो वहाँ के विद्यालयों में चले जाओ। विद्यालयों में विद्यार्थियों के रूप में आपको उस देश का भविष्य दिखाई दे जाएगा।
इन विद्यालयों में ही देश के भविष्य की नींव रखी जाती है। यदि हमारें विद्यालय की व्यवस्था ठीक नहीं है, तो हमारा भविष्य खतरे में होगा।
इसलिए, हमें अपने देश के भविष्य को बचाना है। इसके लिए विद्यालयों की व्यवस्था को सुव्यवस्थित रखकर व उनका लगातार विकास करना होगा। तभी बच्चे अपना व इस देश का भविष्य बना पाएंगे।
निबंध 2
प्रस्तावना:-
विद्यालय एक ऐसा स्थान होता है, जहाँ एक बच्चा अपने भविष्य की नींव रखता है। विद्यालय में एक बच्चा अपने करियर को ऊँचाई पर ले जाता है।
आदिकाल से विद्यायल को विद्या का मंदिर माना जाता है। पहले विद्यार्थी अपने गुरुकुल में शिक्षा प्राप्त किया करते थे। यहाँ उन्हें उस समय के अनुसार शास्त्रों का अध्ययन करवाया जाता था।
इसके साथ ही उन्हें शस्त्र चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जाता था। प्राचीनकाल में एक बच्चा अपना पूरा समय गुरुकुल में ही रहा करता था। वर्तमान समय में गुरुकुल का स्थान विद्यालय ने ले लिया है।
आज सभी बच्चे विद्यालय में शिक्षा प्राप्त करते है। जहाँ उन्हें आज इस आधुनिक युग के अनुसार भाषा, विज्ञान व गणित का ज्ञान दिया जाता है।
विद्यालय स्थल:-
हमारा विद्यालय एक बहुत बड़े क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यह शहर से 2 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है। यहाँ आसपास बहुत ही शांत इलाका है।
इसका परिसर 1000 गज में फैला हुआ है। यहाँ मध्य में एक 3 मंजिला इमारत है, जहाँ सभी बच्चे शिक्षा प्राप्त करते है। यहाँ के कमरे बहुत बड़े व हवादार है।
यहाँ प्रतिदिन सफाई होती है। सभी विद्यार्थियों के कक्षाओं में बैठने की उचित व्यवस्था है। इसके साथ ही हमारी कक्षाओं के ब्लैकबोर्ड बहुत बड़े है, जो पीछे वाली पंक्ति में बैठे विद्यार्थियों को भी साफ दिखाई देते हैं।
इसके साथ ही कईं कक्षाओं में प्रोजेक्टर भी लगे हुए है, जहाँ विद्यार्थियों को प्रयोगों से सम्बंधित शिक्षा प्रदान की जाती है। यहाँ पर कक्षा 1 से कक्षा 12 तक के विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करते है।
विद्यालय परिसर व खेल मैदान:-
हमारे विद्यालय का परिसर काफ़ी विशाल है। यहाँ चारों तरफ पेड़-पौधे लगे हुए है। जिनके कारण यहाँ चारों तरफ हरियाली है।
हमारे विद्यालय के सामने प्रार्थना कक्ष है, जहाँ प्रतिदिन सुबह सभी विद्यार्थी प्रार्थना करने के लिए एकत्रित होते है। यहाँ एक सुंदर बाग़ भी है, जहाँ रंग-बिरंगे फूल उगे हुए है।
यहाँ अनेकों प्रकार के पेड़-पौधे है। जिस कारण से हमारे पूरे विद्यालय का वातावरण बहुत ही साफ रहता है। इसके साथ ही हमारे विद्यालय में एक काफी विशाल खेल का मैदान है, जहाँ सभी विद्यार्थी खेल खेलते हैं।
अनुशासन:-
हमारे विद्यालय में सबसे अधिक अनुशासन का ध्यान रखा जाता है। हमारे विद्यालय में हमारे अध्यापक अनुशासन का काफ़ी अधिक ध्यान रखते हैं।
सभी विद्यार्थियों को पूरी तरह से साफ-सुथरी विद्यालय की पोशाक पहनकर विद्यालय में प्रवेश दिया जाता है। इसके साथ ही छोटे बाल व कटे हुए नाखून होने चाहिए।
जब भी कक्षा शुरू होती है, तब सभी विद्यार्थियों को शांतिपूर्वक रूप से पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए कहा जाता है। सभी विद्यार्थी आपस में बहुत ही अच्छे से बात करते है।
हमारे विद्यालय में सभी का व्यवहार काफ़ी अच्छा है। किसी भी प्रकार के अनुशासन को भंग करने पर विद्यार्थियों को दंडित किया जाता है।
अध्यापक, अध्यापिकाएं व प्रधानाध्यापक:-
हमारे विद्यालय में प्रत्येक विषय के लिए एक भिन्न अध्यापक है। सभी अध्यापक बहुत अधिक ज्ञानी है। वें सभी बहुत ही अनुभवी है। सभी हमें काफ़ी अच्छे तरीके से शिक्षा प्रदान करते हैं।
सभी प्रयोगिक विषयों को प्रयोग के माध्यम से समझाते हैं। हमारे प्रधानाध्यापक जी भी बहुत शांत स्वभाव के है। वह भी कभी-कभी हमें शिक्षा प्रदान करते है।
उन्हें अनुशासन काफ़ी अधिक पसंद है। वह हमारे विद्यालय की सम्पूर्ण गतिविधियों व आवश्यकताओं का काफ़ी अच्छे से ध्यान रखते है।
प्रतियोगिता व समारोह:-
हमारे विद्यालय में विद्यार्थियों के विकास के लिए विद्यालय द्वारा अलग-अलग प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जिससे विद्यार्थियों में कुछ करने की भावना का विकास हो सके।
इसके साथ-साथ हमारे विद्यालय में बहुत से सांस्कृतिक समारोहों का आयोजन किया जाता है, जिससे विद्यार्थियों में सांस्कृतिक विकास भी हो सके।
हमारे विद्यालय में कईं खेलों का भी आयोजन किया जाता है। यदि कोई विद्यार्थी इन खेलों में जीत प्राप्त करता है, तो उसे उच्च स्तर पर भी खेलने का मौका मिलता है।
उपसंहार:-
किसी भी विद्यार्थी के लिए शिक्षा एक बहुत आवश्यक साधना है, जिससे वह अपने जीवन को उज्जवल बना सके। अच्छी शिक्षा के लिए एक अच्छा विद्यालय भी होना जरूरी है।
हमारे विद्यालय में सभी प्रकार की आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध है, जो एक विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए जरूरी है। हमारे विद्यालय में विद्यार्थियों को प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने पर इनाम भी दिया जाता है।
इसके साथ ही विद्यार्थियों का पूर्ण विकास हो, इस बात का भी ध्यान रखा जाता है। इसलिए हमारा विद्यालय बहुत अच्छा है। वह एक आदर्श विद्यालय है।
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।