कलम तलवार से ताकतवर होती है पर निबंध

कलम तलवार से ताकतवर होती है पर निबंध : Essay on Pen is the Mightier than the Sword in Hindi:-
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कलम तलवार से ताकतवर होती है पर निबंध : Essay on Pen is the Mightier than the Sword in Hindi
प्रस्तावना:-
प्रत्येक मनुष्य शक्ति प्राप्त करना चाहता है। क्योंकि, शक्ति होगी तो उसके आगे पूरी दुनिया नतमस्तक हो जाएगी। पहले शक्ति का अर्थ तलवार अर्थात हिंसा होता था।
जिसके हाथ मे हथियार होती थी, वह पूरी दुनिया पर राज करता था। धीरे-धीरे दुनिया का विकास हुआ और लोग शिक्षित होने लगे।
शिक्षा की और लोगों का झुकाव बढ़ने लगा। फिर ज्ञान को शक्ति का प्रतीक माना जाने लगा। जिसके पास जितना अधिक ज्ञान होता, उसे उतना ही अधिक शक्तिशाली माना जाता।
इससे लेखन शक्ति का हुआ। वर्तमान समय मे लेखन शक्ति को असली शक्ति माना जाता है। इसलिए कहा जाता है कि कलम तलवार से ताकतवर होती है।
कलम तलवार से ताकतवर होती है का अर्थ:-
“कलम तलवार से ताकतवर होती है” इस कथन का अर्थ होता है:- कलम तलवार से अधिक ताकतवर होती है।
क्योंकि, तलवार से तो मात्र एक स्थान पर ही विजय प्राप्त की जा सकती है लेकिन, लेखन शक्ति से पूरी दुनिया पर विजय प्राप्त की जा सकती है।
इस वाक्यांश की उत्पत्ति एडवर्ड बुलवेरलिटलन द्वारा की गई थी। उन्होंने सन 1839 में लिखी एक मशहूर पुस्तक में इस बात का उल्लेख किया था।
इस पर एक नाटक भी लिखा गया है, जिसे मंच पर पहली बार सन 1839 में लंदन के कोवेन्ट गार्डन में दिखाया गया था। इसमें लेखन को हिंसा से अधिक शक्तिशाली बताया गया है।
लेखन की शक्ति:-
लेखन की शक्ति हमेशा से ही बहुत अधिक मानी गई है। तलवार के आधार पर तो सिर्फ कुछ पल ही राज किया जा सकता है, लेकिन लेखन शक्ति से वर्तमान में ही नही अपितु भविष्य में भी राज किया जा सकता है।
लेखन शक्ति मनुष्य की पूरी विचारधारा को बदल सकती है। तलवार से केवल मनुष्य के शरीर पर राज किया जा सकता है, लेकिन कलम के माध्यम से उसके मन पर भी राज किया जा सकता है।
लेखन शक्ति से पूरी दुनिया मे क्रांति लाई जा सकती है। जो भी आपके द्वारा लिखे गए लेख को पढ़ता है, वह न सिर्फ उसे पढ़ता है, बल्कि उसे जीता भी है।
विभिन्न प्रकार की शोधों में पता चला है कि लेखन से मनुष्य का विकास बहुत अधिक तेजी से किया जा सकता है।
अलग कथन:-
इस वाक्यांश से बताया गया है कि लेखन के द्वारा मनुष्य को हिंसा के कार्यों से अधिक समय तक राज किया जा सकता है। शब्दों द्वारा मनुष्य की समस्याओं को आसानी से हल किया जा सकता है।
छोटी वस्तुओं के महत्व को कभी भी कम नही समझना चाहिए। वह बड़ी चीज़ो के मुकाबले अधिक प्रभाव डाल सकती है। इसमें यह भी बताया गया है कि लेखक भी एक योद्धा होता है।
लेखन की शक्ति ने विश्व में कईं बड़े-बड़े साम्राज्य उखाड़कर फेंक दिए है। भारत की आजादी में कईं क्रान्तिकारियों का हाथ माना जाता है।
लेकिन, इनके द्वारा किये आंदोलनों को सबसे अधिक शक्ति उस समय के अखबारों ने प्रदान की। जिन्होंने इसे पूरे देश मे ही नही विदेशों में भी फैलाया। जिसके बाद अंग्रेजों पर भारत को आजाद करने का दबाव डाला।
उपसंहार:-
इस बात को बिल्कुल भी गलत नही माना जा सकता कि लेखन मनुष्य के दिमाग में एक गहरा प्रभाव डालता है। लेखन से मनुष्य में अच्छे व बुरे दोनों प्रकार के विचारों का प्रभाव बनाया जा सकता है।
इसलिए एक लेखक की जिम्मेदारी बहुत अधिक बढ़ जाती है क्योंकि, लेखक जो कुछ भी लिखेगा, पाठक उस बात को ही सच मान लेगा।
उसे सही तथ्यों के आधार पर ही कुछ लिखना चाहिए ताकि, आने वाली पीढ़ियों पर अच्छा प्रभाव पड़ सके।
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।