प्रदुषण पर निबंध

प्रदुषण पर निबंध : Essay on Pollution in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘प्रदुषण पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप प्रदुषण पर निबंध से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
प्रदुषण पर निबंध : Essay on Pollution in Hindi
प्रस्तावना:-
इस पूरे ब्रह्माण्ड में सिर्फ पृथ्वी पर ही जीवन सम्भव है क्योंकि, इस पृथ्वी पर पर्यावरण है। यह पर्यावरण ही हमें जीवन प्रदान करता है।
इसी पर्यावरण से हमें हमारी सभी जरूरत की वस्तुएँ उपलब्ध होती है। लेकिन, आज हम इसके प्रति लापरवाह हो गए है।
आज हमारा पर्यावरण काफी प्रदूषित हो गया है। आज हर जगह लोग पर्यावरण प्रदूषण से परेशान है। प्रदूषण चार प्रकार के होते है:- जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, मृदा प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण।
आज जैसे-जैसे मनुष्य प्रगति करता जा रहा है, उतना ही वह पर्यावरण के प्रति लापरवाह होता जा रहा है।
आज मनुष्य ने ऐसे-ऐसे अविष्कार कर लिए है, जो कार्य को तो आसान कर लेते है लेकिन, उनका प्रकृति पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे हमारा पर्यावरण दिन-प्रतिदिन प्रदूषित होता ही जा रहा है।
प्रदूषण के कारण:-
आज पर्यावरण प्रदूषित होने के कईं कारण है। आज कारखानों से निकलने वाले धुएं से वायु प्रदूषण हो रहा है और उससे निकलने वाला गन्दा पानी नदियों में जा रहा है, जिससे नदियाँ भी प्रदूषित हो रही है।
सड़क पर चलने वाले वाहनों के कारण भी प्रदूषण बढ़ता चला जा रहा है। जब खेतों में खाद डाली जाती है, तो मृदा की उर्वरता कम हो जाती है।
प्लास्टिक की थैलियों को जलाने से भी वायु प्रदूषण होता है। कईं लोग कचरें को नदियों में या तालाबो में फेंक देते है, जिससे जल प्रदूषण बढ़ता है।
प्रदूषण से दुष प्रभाव:-
प्रदूषण बढ़ने के कईं दुष्प्रभाव भी पड़ते है। इनसे विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ होती है, जो हमारे लिए काफी खतरनाक होती है।
गन्दा पानी या प्रदूषित पानी पीने से पेट सम्बन्धी बीमारियाँ होती है। वायु प्रदूषित होने से फेफड़ों से सम्बन्धित बीमारियाँ होती है।
गंदे पानी के इकठ्ठा होने से मच्छर पैदा होते है। गंदे पानी में जाने से त्वचा सम्बन्धी बीमारियाँ होती है।
प्रदूषण को कम करने का समाधान:-
हमें निजी वाहनों का उपयोग कम से कम करना चाहिए और जितना हो सके उतना सार्वजानिक वाहनों का प्रयोग करना चाहिए।
कारखानों को शहरों से दूर स्थापित करना चाहिए और उनसे निकलने वाले पानी का जितना हो सके उतना पुनः उपयोग करना चाहिए।
कारखानों के गंदे पानी को नदियों में नही डालना चाहिए। हमें अपने घर के कचरें को सड़कों पर या नदी तालाबों में नहीं डालना चाहिए।
हमसे जितना हो सके, उतना कम प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग करना चाहिए। हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाने चाहिए। हमे अपने आसपास और सार्वजानिक स्थानों पर साफ-सफाई रखनी चाहिए।
उपसंहार:-
आज प्रदूषण के कारण सभी जीव-जन्तुओं का जीवन खतरे में पड़ गया है। यह धीरे-धीरे बढ़ता ही चला जा रहा है। आज हम सभी को इसके प्रति जागरूक होने की जरूरत है।
यह पर्यावरण हमें जीवन प्रदान करता है। इसके बदले हम सभी को इसकी देखभाल करनी चाहिए और इसे साफ-सुथरा रखना चाहिए। इस पर्यावरण के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते है।
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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