मृदा प्रदूषण पर निबंध

Essay on Soil Pollution in Hindi

मृदा प्रदूषण पर निबंध : Essay on Soil Pollution in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘मृदा प्रदूषण पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप मृदा प्रदूषण पर निबंध से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

मृदा प्रदूषण पर निबंध : Essay on Soil Pollution in Hindi

प्रस्तावना:-

मृदा का किसी भी फसल के लिए उपजाऊ होना आवश्यक है। यदि कोई मृदा उपजाऊ नहीं है, तो उसमें कोई भी फसल अच्छे से नहीं हो पाती है।

आज मनुष्य ने रासायनिक खाद का उपयोग करके इस पृथ्वी को प्रदूषित कर दिया है। आज मिट्टी इतनी अधिक प्रदूषित हो गई है कि उसमें उगने वाली फैसले भी प्रदूषित हो रही है। जिससे मिट्टी की उर्वरकता भी कम हो जाती है।

मृदा प्रदूषण के कारण:-

आज मनुष्य ने अपने कार्यों से इस पृथ्वी को काफी अधिक प्रदूषित कर दिया है। आज यह पृथ्वी काफी हद तक प्रदूषित हो गई है। मृदा के प्रदूषित होने के कईं कारण है, जो कि निम्नलिखित है:-

  • रासायनिक व कीटनाशकों का प्रयोग करने से मृदा प्रदूषित होती है।
  • मनुष्य द्वारा उपयोग में ली जाने वाली प्लास्टिक की थैलियाँ कईं बार मिट्टी के नीचे दब जाती है, जिससे उस मिट्टी का उपजाऊपन कम हो जाता है।
  • घरों के कचरे भी जब मिट्टी में डाले जाते है, तो उससे भी मृदा प्रदूषित होती है।
  • उद्योगों व खदानों से निकलने वाले कचरे भी मृदा को प्रदूषित कर सकते है।
  • कारखानों से निकलने वाले कचरे से भी मृदा प्रदूषित होती है।
  • वनोन्मूलन द्वारा भी मृदा प्रदूषित होती है।

मृदा प्रदूषण के प्रभाव:-

मृदा प्रदूषण के प्रभाव निम्नलिखित है:-

  • मृदा प्रदूषण से मिट्टी की उर्वरकता व गुणवत्ता कम हो जाती है।
  • मृदा प्रदूषण से फसलों के आवश्यक पोषक तत्व समाप्त हो जाते है।
  • मृदा प्रदूषित होने से उसमें उगने वाली फ़सलें भी प्रदूषित हो जाती है, जिससे वह मनुष्य में रोगों को उत्पन्न करती है।
  • रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से न सिर्फ मृदा प्रदूषित होती है, बल्कि जल भी प्रदूषित होता है।
  • मृदा प्रदूषण जीव-जन्तुओं व मनुष्य के लिए काफी खतरनाक होता है।

मृदा प्रदूषण को रोकने के उपाय:-

यह मृदा प्रदूषण इस प्रकृति के लिए काफी घातक है। इसलिए, इसे रोकने के लिए हम सभी को आवश्यक उपाय करने की आवश्यकता है, इसके उपाय निम्नलिखित है:-

  • हमें रासायनिक उर्वरकों व कीटनाशकों का उपयोग नहीं करना चाहिए या फिर जितना हो सके, उतना काम करना चाहिए।
  • प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना चाहिए या उन्हें मिट्टी में नहीं फेंकना चाहिए।
  • हमें कृत्रिम खाद के उपयोग की जगह परम्परागत खाद का उपयोग करना चाहिए।
  • वृक्षारोपण को बढ़ाना चाहिए और पेड़ों की कटाई को कम करना चाहिए।

उपसंहार:-

मृदा में ही अनाज उगता है और इसके कारण ही हम सभी को खाना मिलता है। लेकिन, इस समय मृदा प्रदूषण काफी बढ़ रहा है, जिस कारण खाना भी प्रदूषित हो रहा है और लोगों में बीमारियाँ पैदा कर रहा है।

इसलिए, हमें इसके प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है और मृदा प्रदूषण को कम करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है अन्यथा एक दिन यह पृथ्वी इतनी अधिक प्रदूषित हो जाएगी कि इसमें अनाज उगा पाना भी मुश्किल हो जाएगा।

अंतिम शब्द

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

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