शिक्षक पर निबंध

शिक्षक पर निबंध : Essay on Teacher in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘शिक्षक पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप शिक्षक पर निबंध से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
शिक्षक पर निबंध : Essay on Teacher in Hindi
प्रस्तावना:-
एक व्यक्ति के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण भाग उसका बचपन होता है। बचपन में सीखी गई चीज़ें उसे उसके भविष्य के लिए तैयार करती है। एक व्यक्ति का बचपन एक कच्चे घड़े के समान होता है।
जिस प्रकार मिट्टी के एक कच्चे घड़े को कुम्हार किसी भी आकृति में ढाल सकता है, ठीक उसी प्रकार एक बच्चे को भी बचपन मे ही जिस आकृति में ढाल दिया जाता है उसी तरह का उसका पूरा जीवन हो जाता है।
जिस प्रकार मिट्टी के घड़े को आकृति देने का काम एक कुम्हार का होता है, उसी प्रकार एक बच्चे को शिक्षित करने का काम एक शिक्षक का होता है। किसी भी चीज़ को सीखने के लिए गुरु की आवश्यकता होती है।
शिक्षक का महत्व:-
एक मनुष्य के जीवन में जितना अधिक महत्व शिक्षा का होता है, उतना ही अधिक महत्व शिक्षक का भी होता है। क्योंकि शिक्षक ही एक बच्चे को सही ज्ञान प्रदान कर शिक्षित करता है।
शिक्षक कक्षा के प्रत्येक छात्र को बराबर नजरों से देखता है। वह प्रत्येक विद्यार्थी की कमजोरी व ताकत को समझकर उन्हें रास्ता दिखाता है।
इसीलिए शिक्षक समय-समय पर परीक्षा लेकर बच्चे की स्थिति से उन्हें अवगत करवाता है, ताकि विद्यार्थी यह जान सके कि उन्हें कितनी अधिक मेहनत की आवश्यकता है। एक शिक्षक ज्ञान का दीपक होता है। वह अपने चारों तरफ ज्ञान का प्रकाश फैलाता है।
शिक्षक भविष्य के निर्माता:-
हमारी जिंदगी में बहुत से रिश्तें आते है और चले जाते हैं, लेकिन सिर्फ हमारे माता-पिता ही होते है, जो बिना स्वार्थ के हमारे साथ रहते है।
यदि माता-पिता के बाद कोई व्यक्ति जो हमारे भविष्य के बारे में सोचता है, तो वह और कोई नही बल्कि शिक्षक ही होता है। शिक्षक एक देश के भविष्य में बहुत बड़ा योगदान देता है।
एक देश का भविष्य उसके युवाओं व बच्चों के हाथ में होता है, क्योंकि भविष्य में बच्चों को ही कुछ न कुछ बनकर देश को संभालना है। इन सभी को सही शिक्षा प्रदान करने का काम शिक्षकों का होता है।
शिक्षक कैसे बनते है?:-
एक व्यक्ति को ज्ञान प्रदान करने वाला एक शिक्षक होता है। एक शिक्षक के पास भी काफी अधिक ज्ञान होना चाहिए, ताकि वह बच्चों को सही ज्ञान प्रदान कर सके।
इसके लिए भारत सरकार द्वारा एक बी.एड. की पढ़ाई होती है, जो कि एक शिक्षक बनने के लिए करनी पड़ती है। उसके बाद ही वह बच्चों को शिक्षित करने योग्य बनता है।
यदि कोई उच्च कक्षा के बाच्चों को शिक्षा प्रदान करना चाहता है, तो उसे और भी अधिक शिक्षा प्राप्त करनी होती है।
उपसंहार:-
एक शिक्षक एक विद्यार्थी का भविष्य तय करता है। पहले के समय में बच्चे गुरुकुल में गुरू से धर्म के बारे में सीखते थे। अब बच्चे शिक्षकों से शिक्षा प्राप्त करने के लिए विद्यालय जाते है और शिक्षक एक विद्यार्थी को ज्ञान प्रदान करता है।
कईं बार शिक्षक विद्यार्थियों को कठोरता से समझाता हैं, कईं बार विद्यार्थियों को वह कठोरता बिल्कुल पसंद नहीं आती है। लेकिन भविष्य में वही कठोरता बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल बनाती है।
हमारे पुराणों में भी कहा है कि जब भगवान व गुरु दोनों खड़े हो, तो एक छात्र को हमेशा पहले गुरु के चरणों को स्पर्श करना चाहिए। भगवान को भी पृथ्वी पर आकर ज्ञान लेने के लिए गुरु का ही सहारा लेना पड़ता है।
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।