शहरीकरण पर निबंध

शहरीकरण पर निबंध : Essay on Urbanization in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘शहरीकरण पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
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शहरीकरण पर निबंध : Essay on Urbanization in Hindi
प्रस्तावना:-
शहरीकरण से तात्पर्य है कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का शहरी क्षेत्रों में पलायन करना। आज हर कोई सुविधाजनक जीवन जीना चाहता है।
यह सुविधाजनक जीवन लोगों को शहरों में ही मिलता है। इसलिए, लोग गाँवों को छोड़कर शहरों की तरफ जा रहे है। इससे शहरों की जनसंख्या बढ़ती चली जा रही है।
लोग रोजगार या अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलवाने के लिए भी शहरों की तरफ पलायन कर रहे है क्योंकि, शहरों में ही व्यक्ति का सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक विकास हो पाता है।
इसलिए, लोग आज शहरों की तरफ आकर्षित हो रहे है। शहरों की चकाचौंध भी उन्हें अपनी तरफ आकर्षित कर रही है।
शहरीकरण के कारण:-
- रोजगार की तलाश:- आज हर कोई रोजगार चाहता है। गांव में रहने वाले लोग भी रोजगार करना चाहते है। इसलिए, वह अच्छा रोजगार व अच्छा पैसा पाने के लिए शहरों की तरफ आते है। गांव के लोग ज्यादातर कृषि पर ही निर्भर रहते है लेकिन, कईं बार फसलें खराब हो जाती है। जिससे उन्हें जीवनयापन करने में भी विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए, गांव के लोग यह सोचते है कि वह भी शहर में कोई रोजगार कर लें, जिससे उनका जीवनयापन आसानी से हो सके।
- शिक्षा प्राप्त करने के लिए:- कईं लोग अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए भी शहरों की तरफ जाते है। क्योंकि, आज गाँवों में शिक्षा का स्तर शहरों के मुकाबले काफी नीचे है। इसलिए, लोग शहरों की तरफ जा रहे है।
- सुविधाएँ:- कईं लोग अपना जीवन सुविधाओं से जीना चाहते है, जो केवल शहरों में ही मिल पाता है। शहरों में आसपास में ही अस्पताल, बाजार और विद्यालय मिल जाते है। व्यक्ति इन पर आसानी से पहुंच रखना चाहता है, इसलिए वह शहरों की तरह आकर्षित हो रहा है।
- आधुनिकिकरण:- शहरों में आधुनिकरण बढ़ रहा है। लोग नैनो-टेक्नोलॉजी का प्रयोग करने लगे है। जिससे गांव के लोग भी इसी जीवनशैली को अपनाना चाहते है। इसलिए, वह शहरों की तरफ आकर्षित हो रहे है।
शहरीकरण के दोष और परिणाम:-
- बेरोजगारी:- शहरीकरण से गाँवों की जनसंख्या तो कम हो रही है। लेकिन, शहरों की जनसंख्या बढ़ रही है, जिससे सभी लोगों को रोजगार उपलब्ध करना मुश्किल हो गया है। जिससे शहरों में बेरोजगारी की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती चली जा रही है।
- आवास की समस्या:- लोगों के बढ़ने से उन सभी लोगों को रहने के लिए भी आवास की आवश्यकता होती है। लेकिन, इतने सारे लोगों को आवास मिल पाना मुश्किल होता है। जिससे लोगों को आवास की समस्या का सामना करना पड़ता है।
- भीड़-भाड़:- जब गाँव के लोग शहरों की तरफ जाते है, तो इससे वह अत्यधिक लोग तो जाते है जिससे हर जगह भीड़भाड़ हो जाती है और लोगों को कईं समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
- प्रदूषण:- जब ज्यादा लोग रहते है, तो वहाँ पर प्रदूषण भी ज्यादा ही होता है। जनसंख्या बढ़ने से ग्लोबल वार्मिंग भी बढ़ रही है और ग्रीनहाउस गैस भी ज्यादा हो रही है।
- अपराधों में वृद्धि:- जब कहीं पर अधिक लोग हो जाते है, तो इतने लोगों को रोजगार व आवास उपलब्ध करना मुश्किल हो जाता है। कईं बार लोगों के पास खाने के लिए भी कुछ नहीं होता है, जिससे वें अपराध की तरफ बढ़ने लगते है। आज शहरों में कईं तरह के अपराध हो रहे है, जो लगातार बढ़ते ही चले जा रहे है।
- महंगाई होना:- जब शहरों में जनसंख्या बढ़ जाती है, तो हर वस्तु की मांग भी बढ़ने लगती है। जिससे मांग तो अधिक हो जाती है, लेकिन पूर्ति उतनी नही रहती है। इसके परिणामस्वरूप शहरों में महंगाई बढ़ जाती है। खाने-पीने की वस्तुएँ भी महंगी हो जाती है।
शहरीकरण को रोकने के उपाय:-
- शिक्षा का स्तर बढ़ाना:- सरकार को गांव में भी शिक्षा के स्तर को बढ़ाना होगा। जिससे लोगों को गांव में ही अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सके। इससे लोगों का शहरों की तरफ आकर्षण कम हो जाएगा और वहाँ की जनसंख्या भी सिमित रहेगी।
- रोजगार उपलब्ध करवाना:- गांव के लोगों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध हो जाए तो लोग शहरों की तरफ पलायन नहीं करेंगे। इसलिए, गांव में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध करने चाहिए। इससे लोगों का शहरों की तरफ पलायन रुक जाएगा और कईं समस्या भी कम हो जाएगी।
- सुविधाएं उपलब्ध करवाना:- यदि गांव में भी अच्छे विद्यालय और अस्पताल होंगे तो गांव के लोग शहरों की तरफ पलायन करना कम कर देंगे। इससे शहरों की जनसंख्या में भी नियंत्रण होगा।
उपसंहार:-
आज भारत में शहरीकरण बढ़ता ही चला जा रहा है। लोग ज्यादा से ज्यादा शहरों की तरफ जा रहे है।
जिससे वहाँ की जनसंख्या बढ़ रही है और लोगों को कईं तरह की समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा है। इसे रोकना काफी जरुरी हो गया है।
शहरीकरण कहीं न कहीं इस प्रकृति को भी प्रभावित करता है। शहरों में प्रदूषण बढ़ता ही चला जा रहा है।
क्योंकि, वहाँ लोगों की जनसंख्या काफी बढ़ रही है। इसलिए, हमें इसके प्रति आवश्यक कदम उठाने होंगे।
धन्यवाद!
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।