जल प्रदूषण पर निबंध

Essay on Water Pollution in Hindi

जल प्रदूषण पर निबंध : Essay on Water Pollution in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘जल प्रदूषण पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप जल प्रदूषण पर निबंध से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

जल प्रदूषण पर निबंध : Essay on Water Pollution in Hindi

प्रस्तावना:-

जल इस प्रकृति का एक महत्वपूर्ण तत्व है, जिसके बिना जीवित रहने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता है।

एक जीव कुछ दिनों तक बिना खाए तो जीवित रह सकता है लेकिन, बिना पानी के वह दो दिन भी जीवित नही रह सकता है। जल हमें जीवन प्रदान करता है।

बिना जल के इस संसार में जीवों के साथ-साथ इस प्रकृति की भी कल्पना नहीं की जा सकती है। यह प्रकृति जल के कारण ही जीवित है।

इस पूरी पृथ्वी के 71 प्रतिशत हिस्से में जल ही है, जो नदियों, तालाबों और समुद्रों के रूप में है। जबकि, केवल 29 प्रतिशत क्षेत्र में ही ज़मीन है लेकिन, यह सारा पानी पीने लायक नहीं होता है।

इस पृथ्वी पर सिर्फ 3 प्रतिशत पानी ही पीने योग्य है। जो भी धीरे-धीरे प्रदूषित होता चला जा रहा है। आज नदियाँ तालाब प्रदूषित हो गए है। इस तरह धीरे धीरे पिने के पानी की समस्या बढ़ती ही चली जा रही है।

जल प्रदूषण के कारण:-

वर्तमान समय में प्रदूषण कईं कारणों से बढ़ रहा है। आज लोग अपने घरों का कचरा नदियों में फेंक देते है, जिससे नदियाँ गंदी हो जाती है।

कईं लोग नदियों में मल-मूत्र का त्याग कर देते है और अपने जानवरों को भी उस नदी में नहलाते है। इन कारणों से भी जल प्रदूषण बढ़ता है।

वर्तमान समय में औद्योगिकरण बढ़ता ही चला जा रहा है। जिससे उनसे निकलने वाले रासायनयुक्त जल और गंदे पानी को नदियों में डाल दिया जाता है, जिससे नदियाँ प्रदूषित हो रही है।

हमारे देश में गंगा नदी को पवित्र नदी माना जाता है। लोग गंगा नदी में पूजा की सामग्री और कचरा डालते है। जिससे वह नदी दिन-प्रतिदिन गंदी हो रही है।

आजकल खेतों में कीड़े-मकोड़ों को रोकने के लिए किटनाशकों का प्रयोग किया जा रहा है, जिससे पानी भी प्रदूषित हो रहा है।

कईं बार ज्यादा वर्षा होने से कईं क्षेत्रों में बाढ़ आ जाती है, जिससे नदियों का पानी गंदा हो जाता है।

उसमें आसपास की गंदगी और मिट्टी आ जाती है, जिससे नदी का पीने योग्य नहीं रहता है। नदी गंदी होने के कारण पीने के पानी की समस्या उत्पन्न हो जाती है।

जल प्रदूषण के दुष्प्रभाव:-

जल प्रदूषण के बड़े खतरनाक परिणाम होते है। इससे न सिर्फ मनुष्य बल्कि, इस प्रकृति के अन्य सभी जीव भी प्रभावित होते है।

जल प्रदूषण से कईं तरह की बीमारियाँ पैदा होती है, जैसे:- हैजा, बुखार, पीलिया, दस्त और पेट के रोग।

गंदे पानी के उपयोग करने से त्वचा सम्बन्धी बीमारियाँ भी होती है। यह पानी इतना खतरनाक होता है कि कईं बार यह मनुष्य की जान भी ले लेता है।

नदियों, तालाबों और समुद्रों में प्लास्टिक की थैलियाँ डाली जाती है, जिससे उनमें रहने वाले जीव-जन्तुओं को समस्या का सामना करना पड़ता है।

इन प्लास्टिक की थैलियों में जीव-जंतु फंस जाते है, जिससे उनकी जान की भी हानि होती है। यह जल प्रदूषण जलीय जीवों के लिए हानिकारक होता है।

जल प्रदूषण को रोकने के उपाय:-

हमें जल प्रदूषण को रोकने के लिए उपाय करने की जरूरत है। हमें नदियों में कचरा, मल-मूत्र, आदि नहीं फेंकना चाहिए और न ही उनमें अपने जानवरों को नहलाना चाहिए।

जब नदियों के सामने पूजा की जाती है, तो पूजा की सामग्रियों को नदियों में नहीं फेंकना चाहिए। उन सामग्रियों को नदियों से दूर डालना चाहिए।

हमें कारखानों से निकलने वाले गंदे पानी और कचरे को नदियों से दूर किसी अन्य जगह पर डालना चाहिए, जिससे नदियाँ स्वच्छ रहें। हमें अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने चाहिए।

उपसंहार:-

जल हम सभी के लिए एक अमूल्य सम्पदा है। यें हम सभी जीवों को जीवन प्रदान करता है। हमें इसकी शुद्धता के प्रति जागरूक होने की जरूरत है।

हमें जितना हो सके, जल को प्रदूषित होने से रोकना होगा। इस जल के बिना हमारा कोई अस्तित्व नहीं है। इसलिए, हमे इसे शुद्ध रखना चाहिए।

यदि जल ऐसे ही प्रदूषित होता रहा तो यह मानव भविष्य के लिए एक बहुत बड़ा ख़तरा है। इसलिए, हमें अभी से जल सरंक्षण करने शुरू करना होगा।

अंतिम शब्द

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

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