विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध

विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध : Essay on World Environment Day in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
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विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध : Essay on World Environment Day in Hindi
प्रस्तावना:-
पर्यावरण शब्द परि+आवरण से मिलकर बना है। परि का अर्थ ‘चारों और’ व आवरण का अर्थ ‘घिरा हुआ’ है अर्थात पर्यावरण का अर्थ चारों तरफ से घिरा हुआ है।
वातावरण ने इस प्रकृति को चारों तरफ से घेरा हुआ है। इस संसार की प्रत्येक वस्तु इस पर्यावरण का ही एक भाग है। यह पर्यावरण ही हमें जीवन प्रदान करता है।
यह पर्यारण ही हमें जीवनयापन के लिए प्रत्येक वस्तु प्रदान करता करता है। पर्यारण के बिना इस पृथ्वी का कोई अस्तित्व ही नहीं है।
विश्व पर्यावरण दिवस कब व क्यों मनाया जाता है?:-
प्रतिवर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। सबसे पहले 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था। इसकी घोषणा 5 जून 1972 को की गई थी।
विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए की गई थी। विश्व पर्यावरण दिवस को पर्यावरण की सुरक्षा व संरक्षण के लिए शुरू किया गया था। इससे लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जा सकता है।
विश्व पर्यावरण दिवस का महत्व:-
आज पर्यावरण की स्थिति काफी दयनीय है। मनुष्य अपने स्वार्थ में इस प्रकृति को भूल गया है और इसे प्रदूषित करने में लगा हुआ है। आज लोग इस पर्यावरण के महत्व को भूल गए है।
आज पर्यावरण की यह बिगड़ती स्थिति पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी परेशानी बन गई है। इस चुनौती का सामना करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सभा द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाने लगा, ताकि लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाई जा सके।
विश्व पर्यावरण दिवस मनाने मुख्य का उद्देश्य पर्यावरण की समस्या को देखना व इसके प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है।
विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का इतिहास:-
पर्यावरण की बिगड़ती हालत को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र सभा द्वारा सन 1972 में मानव पर्यावरण महासभा का आयोजन किया गया।
इस सभा में ही विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा गया था, जिसके बाद ही ठीक 5 जून 1973 से इसे मनाया जाना शुरू किया गया।
सन 1987 में इसके केंद्र को बदलते रहने का प्रस्ताव रखा गया और इसके बाद इसका आयोजन प्रतिवर्ष अलग-अलग देश करते रहते है।
उपसंहार:-
यह पर्यारण हम सभी के लिए एक वरदान है। इसके बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते है। इसलिए हमें इसे बचाने के लिए प्रयास करने चाहिए। हम सभी को मिलकर बढ़ते प्रदूषण को रोकना होगा, तभी जाकर हम इस प्रकृति को बचा सकते है।
हमें इस प्रकृति के लिए जागरूक होने की आवश्यकता है और दूसरों को भी जागरूक करने की आवश्यकता है। तभी जाकर हम सभी एक शुद्ध पर्यावरण में अपना जीवनयापन कर पाएंगे।
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।