गणेश चतुर्थी 2022 पूजा विधि, आरती, कथा, स्थापना

गणेश चतुर्थी 2022 : Ganesh Chaturthi 2022 in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘गणेश चतुर्थी’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप गणेश चतुर्थी से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
गणेश चतुर्थी 2022 : Ganesh Chaturthi 2022 in Hindi
भारत देश अपने त्योहारों के लिए पूरी दुनिया मे प्रसिद्ध है। यहाँ पर अलग-अलग समुदाय के लोग विभिन्न प्रकार के त्यौहार मनाते है।
जब बात गणेश चतुर्थी त्योंहार की हो, तो इस समय कुछ अलग ही चहल पहल रहती है। गणेश चतुर्थी हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है।
इस दिन गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है। इस पर्व को पुरे भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
जबकि, महाराष्ट में गणेश चतुर्थी को एक प्रमुख त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। वेदों तथा पुराणों में इस दिन गणेश के जन्म की बात भी कही गई है।
इस में विभिन्न स्थानों पर बड़े पंडाल व मंदिर सजाये जाते है। इस लेख में गणेश चतुर्थी के पीछे की कहानी का सम्पूर्ण वर्णन किया गया है।
गणेश चतुर्थी कब मनाया जाता है? गणेश चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा किस प्रकार की जाती है? गणेश चतुर्थी से जुड़े विभिन्न प्रकार के तथ्यों के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।
गणेश चतुर्थी कब मनाई जाती है?
गणेश चतुर्थी एक महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है। आधुनिक कैलेंडर के अनुसार अगस्त व सितम्बर के माह में इस पर्व को मनाया जाता है।
जबकि हिंदू कैलेंडर के अनुसार इसे भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थ तिथि को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
इसमें प्रत्येक वर्ष गणेश जी पहले दिन से 11 दिनों तक सभी के घर में रहते है और 11वें दिन अर्थात अनंत चतुदर्शी के दिन उनकी विदाई की जाती है।
इस दिन उन्हें किसी भी पवित्र तालाब व नदी में पूरे हर्षोल्लास के साथ विसर्जित कर दिया जाता है। इस वर्ष 31 अगस्त 2022 को गणेश चतुर्थी के महापर्व का शुभारम्भ होगा।
इसी दिन गणेश जी की प्रतिमा को घर में स्थापित किया जाएगा। इस दिन चित्रा नक्षत्र और ब्रह्म योग रहेगा व 19 सितम्बर को गणेश जी को पूरे ढ़ोल तथा मंजीरों के साथ जल में विसर्जित किया जाएगा।
गणेश चतुर्थी को क्यों मनाई जाती है?
पौराणिक कथाओ के अनुसार गणेश जी के जन्म दिवस के रूप में गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। गणेश जी को सभी विघ्नहर्ता के रूप में मानते है।
इस दिन को विनायक चतुर्थी के रूप में भी जाना जाता है। गणेश जी भगवान शिव व माता पार्वती के पुत्र है।
भगवान गणेश और शिव की कहानी
एक कथा के अनुसार एक बार माता पार्वती स्नान करने के लिए जा रही थी। तभी अपने द्वार पर कोई द्वारपाल न देखकर उन्होंने अपने मैल से एक बालक की प्रतिमा बनाई और उसमें जान फूँक दी।
उन्होंने उस बालक को आदेश दिया कि किसी को भी उनके कक्ष में प्रवेश न करने दिया जाए। माता की आज्ञा पाकर वह बालक कक्ष के बाहर खड़ा हो गया।
तभी वहाँ भगवान शिव आ गए और कक्ष में प्रवेश करने लगे। लेकिन, उस बालक ने भगवान शिव को रोक दिया।
भगवान शिव यह देखकर बहुत क्रोधित हो गए और उन्होंने उस बच्चे का सर धड़ से अलग कर दिया। तभी वहाँ माता पार्वती आ गई और यह सब देखकर रोने लगी।
यह सब देखकर सभी देवी-देवता वहाँ आ गए। उसके बाद भगवान शिव ने एक हाथी का सर उनके धड़ से जोड़ा और उन्हें वापस जीवित कर दिया।
तब उस बालक का नाम गणेश रखा गया। सभी देवी-देवताओं ने उस बालक को बहुत आशीर्वाद दिया।
भगवान शिव ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि जब भी किसी देवी या देवता की पूजा होगी व कोई भी शुभ कार्य प्रारंभ करेगा तो उसे सबसे पहले गणेश जी को याद करना जरुरी होगा अन्यथा उस पूजा का उसे कोई फल नहीं मिलेगा।
मूर्ति स्थापना
गणेश चतुर्थी का त्यौहार हिंदू धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। गणेश चतुर्थी का यह त्यौहार पूरे 11 दिनों तक चलता है।
इसमें पहले दिन घर, मंदिर व पंडालों में गणेश प्रतिमा की स्थापना की जाती है। इस दिन सभी विद्यालय, कार्यालय व सरकारी कार्यालय का अवकाश होता है।
इस दिन सभी भक्तजन भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित करते है व इसकी पूजा करते है।
गणेश जी की आरती की जाती है और उसके बाद पुरे मंत्रोचारण से सम्पूर्ण विधि-विधान के द्वारा गणेश प्रतिमा की स्थापना की जाती है।
गणेश जी को मोदक (लड्डू) चढ़ाये जाते है। ऐसा माना जाता है कि गणेश जी को मोदक बहुत पसंद है। इस प्रकार पूरे 11 दिनों तक सुबह तथा शाम गणेश जी की पूजा-अर्चना तथा आरती की जाती है।
मंदिरो के पंडालों में आस-पास के सभी लोग रोज आरती करते है। उसके बाद देर रात तक भजन करते है। यह कार्यकर्म पूरे 10 दिनों तक चलता है।
अंतिम दिन गणेश जी की प्रतिमा की पूजा के पश्चात इसे पूरे गाजे-बाजे के साथ ले जाया जाता है। इसके साथ सब नाचते-गाते इसे नदी या तालाब तक ले जाते है और सभी लोग इसके दर्शन करते है।
नदी और तालाब पर पहुंच कर इसे पूरे विधि-विधान से विसर्जित कर दिया जाता है।
ऐसा माना जाता है कि इन 11 दिनों में गणेश जी भक्तों के घरो में रहते है। आपके घर की सभी परेशानियो व विघ्नों को हर कर चले जाते है।
ऐसी मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति गणेश जी की प्रतिमा के कान में अपनी इच्छा कह दे और विसर्जित कर देता है तो उनकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाती है।
गणेश चतुर्थी के समय बाजारों में चहल-पहल रहती है। सभी लोग भगवान गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना करते है।
कईं लोग इस दिन व्रत व पूजा करते है और रात के समय गणेश जी की आरती के बाद खाना खाते है। सभी भक्तजन इस पर्व को बड़े हर्ष-उल्लास के साथ मनाते है।
कहा जाता है कि गणेश जी सभी विघ्नो को हर लेते है और आपके जीवन में सुख व शांति लाते है। इस वर्ष भी गणेश जी आपके घर आने वाले है। कईं लोग इसकी तैयारी में जुटे हुए है।
गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएँ
गणेश चतुर्थी के इस मोके पर आप अपने परिवार और दोस्तों को गणेश चतुर्थी की बधाईया जरूर देना चाहेंगे। इसलिए हम आपके लिए कुछ शुभकामनाओं से भरे सन्देश लेकर आये है।
“भगवान गणेश आपके जीवन से सभी नकारात्मकता और बाधाओं को दूर करें। हैप्पी गणेश चतुर्थी 2022!”
आपको और आपके परिवार को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं। भगवान गणेश आप पर सुख-समृद्धि की वर्षा करें। गणपति बप्पा मोरया
भगवान गणेश का आशीर्वाद हमेशा आप पर बना रहे। हैप्पी गणेश चतुर्थी!”
आपको गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं!
भगवान गणेश हमेशा आपके जीवन से बाधाओं को दूर करें। गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं!
ईश्वर की कृपा आपके जीवन में सदैव प्रकाशमान रहे और आप पर सदैव कृपा बनाये रखे।
भगवान गणेश आपके और आपके परिवार के लिए सौभाग्य और समृद्धि लाए! विनायक चतुर्थी की शुभकामनाएं!
मैं भगवान गणेश से कामना और प्रार्थना करता हूं कि आप एक समृद्ध और स्वस्थ जीवन व्यतीत करें। चतुर्थी की शुभकामनाएं!
गणपति आपके सभी कष्टों को दूर करें और आपको आने वाला समय आनंदमयी प्रदान करें। मैं आपके परिवार को गणेश चतुर्थी की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं!
यहां आपको और आपके परिवार को गणेश चतुर्थी की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
कोरोना वायरस के कारण इस बार पूरे भारत में लॉकडाउन जैसे हालत बने हुए है। इस मोके पर गणेश चतुर्थी को आप अपने घर में रहकर मनाएं।
भारत सरकार ने ज्यादा भीड़भाड़ करने में सख्त रोक लगा रखी है। इस वर्ष पहले के तरह सब लोग साथ में यह पर्व तो नहीं मना सकते।
लेकिन, सब अपने घरो में रहकर इस त्यौहार को मना सकते है और इस बार गणेश जी से प्रार्थना करेंगे कि इस महामारी से पूरी दुनिया जल्दी से जल्दी बाहर आ जाये और अगली बार पहले की तरह गणेश चतुर्थी मना सके।
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान कि गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।