गीतिका छंद की परिभाषा, भेद और उदाहरण

गीतिका छंद की परिभाषा : Gitika Chhand in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘गीतिका छंद की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप गीतिका छंद की परिभाषा से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
गीतिका छंद की परिभाषा : Gitika Chhand in Hindi
गीतिका छंद एक ‘मात्रिक छंद’ होता है। इसमें चार चरण होते हैं। इसके प्रत्येक चरण में 14 और 12 के क्रम से कुल 26 मात्राएँ होती है। इसके अंत में लघु तथा गुरु स्वर होता है।
गीतिका छंद के उदाहरण
गीतिका छंद के उदाहरण निम्नलिखित है:-
हे प्रभो आनंददाता ज्ञान हमको दीजिये।
शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिये।
लीजिए हमको शरण में, हम सदाचारी बने।
ब्रह्मचारी, धर्मरक्षक वीर व्रतधारी बनें।
गीतिका छंद से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
-
गीतिका छंद की परिभाषा क्या है?
गीतिका छंद एक ‘मात्रिक छंद’ होता है। इसमें चार चरण होते हैं। इसके प्रत्येक चरण में 14 और 12 के क्रम से कुल 26 मात्राएँ होती है। इसके अंत में लघु तथा गुरु स्वर होता है।
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रों व परिजनों के साथ फेसबुक पर साझा अवश्य करें और हमारे वेबसाइट को सबस्क्राइब कर ले।

नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।