गोवर्धन पूजा 2022 विधि, दिनांक व समय

Govardhan Puja in Hindi

Govardhan Puja 2022 Date in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें Govardhan Puja 2022 Date प्रदान की है। यदि आप Govardhan Puja 2022 Date खोज रहे है तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

Govardhan Puja 2022 Date & Time in Hindi

गोवर्धन पूजा हिन्दुओं का एक प्रसिद्ध त्यौहार है, जिसे अन्नकूट पर्व के नाम से भी जाना जाता है। इस त्यौहार को सम्पूर्ण भारत देश में मनाया जाता है।

लेकिन, उत्तरप्रदेश व राजस्थान के कुछ हिस्सों में इसे बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। आपके मन में गोवर्धन पर्व से जुड़े प्रश्न जरूर होंगे।

जैसे:- गोवर्धन पर्व कब मनाया जाता है? इसे क्यों मनाया जाता है? इसे कैसे मनाया जाता है? व इससे जुड़ी लोक कथा क्या है? आदि।

अगर आपके मन में इस प्रकार के प्रश्न है और आपको इन सभी प्रश्नों के उत्तर चाहिए तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। इस लेख में सभी प्रश्नों के उत्तर दिए गए है।

गोवर्धन पर्व कब मनाया जाता है?

गोवर्धन पर्व प्रत्येक वर्ष कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन मनाया जाता है। इसे दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है।

इस दिन सभी लोग गोवर्धन पर्वत की पूजा करते है। इस गोवर्धन पर्वत पर एक बहुत बड़ी पूजा का आयोजन किया जाता है।

जो कोई भी वहाँ नहीं जा पाता, वह अपने घर पर ही गोवर्धन पर्वत की प्रतिमा बनाकर उसकी पूजा करते है।

गोवर्धन पूजा क्यों मनाया जाता है?

गोवर्धन पूजा पर्व मनाने के पीछे एक कहानी है। गोवर्धन पर्व मनाने की प्रथा तब शुरू हुई, जब भगवान श्री कृष्ण ने वृन्दावन के लोगों को भारी वर्षा से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को 7 दिनों तक अपनी छोटी अंगुली पर उठा लिया था और उसके नीचे सभी वृदावन के लोगों को शरण दी थी।

तभी से सभी लोग गोवर्धन पर्वत की पूजा करने लगे। गोवर्धन को श्री कृष्ण का ही दूसरा रूप माना जाता है।
श्री कृष्ण का गोवर्धन पर्वत को उठाने का मुख्य कारण था कि वह इंद्रदेव का अहंकार तोड़ना चाहते थे।

इंद्रदेव के देवों के राजा होने पर स्वयं पर बड़ा ही घमंड हो गया था। इसलिए भगवान श्री कृष्ण ने इंद्रदेव का अहंकार तोड़ने के लिए गोवर्धन को उठाया था।

कथा के अनुसार सभी वृंदावनवासी इंद्रदेव की पूजा करने की तैयारी कर रहे थे। उनकी मान्यता थी कि यदि वें इंद्रदेव को प्रसन्न कर देंगे तो इंद्रदेव उनके गाँव में अच्छी वर्षा करेंगे व तभी वहाँ श्री कृष्ण आ गए।

श्री कृष्ण ने सभी को समझाया कि वें इंद्रदेव की पूजा न करके गोवर्धन की पूजा करे। जो कि उनके गाँव को सभी वस्तुएँ उपलब्ध करवाते है।

गाँव के सभी लोग कृष्ण की बात मान गए और उन्होंने गोवर्धन पर्वत की पूजा शुरू कर दी। जब यह बात इंद्रदेव तक पहुंची तो उन्हें इस पर बहुत क्रोध आया।

जिस वजह से उन्होंने उनके गाँव में बहुत जोरदार वर्षा शुरू कर दी। इस वर्षा से सभी वृंदावन के निवासियों के घरों में पानी भर गए।

इस वजह से सभी लोग कृष्ण के पास गए। कृष्ण उन सभी को गोवर्धन पर्वत के नीचे ले गये और हाथ जोड़कर कहा कि हे गोवर्धन देव इस आपदा से हमारी रक्षा करें।

इतना कहकर श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी ऊँगली पर उठा लिया। जिसके बाद लगातार 7 दिनों तक वर्षा होती रही। सभी लोग पर्वत के नीचे बड़े ही आराम से रह रहे थे।

अपनी पूरी शक्ति लगाने के बाद इंद्रदेव ने हार मान ली और श्री कृष्ण के चरणों में चले गए और माफ़ी मांगने लगे। श्री कृष्ण ने उन्हें माफ़ कर दिया। जिसके बाद से ही गोवर्धन पूजा की जाती है।

गोवर्धन पूजा किस प्रकार की जाती है?

गोवर्धन पूजा को हिन्दू धर्म में बहुत महत्व दिया जाता है। इस दिन गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाई जाती है और उसे फूलों से सजाया जाता है।

तब शाम के वक्त इसकी पूजा की जाती है। पूजा में फल, फूल, दीप, धुप, जल, दूध एवं दही चढ़ाए जाते है। गोवर्धन पूजा में गोबर से गोवर्धन देव की आकृति बनाई जाती है और उसमें दीपक जलाये जाते है।

इसकी नाभि में दूध, दही एवं गंगाजल अर्पित किया जाता है और पूजा होने के बाद उसे प्रसाद के रूप में सभी को बाँट दिया जाता है।

पूजा के बाद सभी पुरुष गोवर्धन की परिक्रमा करते है और परिक्रमा में श्री कृष्ण व गोवर्धन देव का जयकारा लगाते है।

इसके साथ ही गोवर्धन पूजा समाप्त हो जाती है। इस दिन गोवर्धन के साथ-साथ विश्वकर्मा जी की पूजा भी की जाती है।

गोवर्धन पूजा के दिन सभी लोग ढेर सारे पकवान बनाते है और भगवान श्री कृष्ण को भोग लगाते है और उनको धन्यवाद देते है।

गोवर्धन पर्वत कहाँ स्थित है?

गोवर्धन पर्वत भारत के उत्तरप्रदेश राज्य के मथुरा शहर में स्थित है। यह पर्वत 7 कोष की दूरी में फैला हुआ है। इसकी परिक्रमा करने के लिए 21 किलोमीटर चलना पड़ता है।

परिक्रमा दानघाटी मंदिर से शुरू की जाती है। प्रत्येक वर्ष यहाँ बहुत से श्रदालु दर्शन के लिए आते है। गोवर्धन पर्वत को भक्तजन गिरिराज जी भी कहते हैं।

Govardhan Puja Wishes 2022 in Hindi

गोवर्धन एक बहुत ही प्रसिद्ध त्योहार है। इसको अपने परिवार व अपने आसपास के लोगों के साथ मिलकर मनाना चाहिए।

मेरा आपकी कृपा से, सब काम हो रहा है,
करते हो तुम कन्हैया, मेरा नाम हो रहा है
पतवार के बिना हे, मेरी नाव चल रही है,
बस होता रहे हमेशा, जो कुछ भी हो रहा हैं!

श्री कृष्ण जिनका नाम
गोकुल जिनका धाम
ऐसे भगवान श्री कृष्ण
को हम सब का प्रणाम
हैप्पी गोवर्धन पूजा

लोगो की रक्षा करने को
एक उंगली पर पहाड़ उठाया
उसी कन्हैय्या की याद दिलाने
गोवर्धन पूजा का दिन है आया
हैप्पी गोवर्धन पूजा

बंसी की धुन पर सबके दुख वो हरता है
आज भी अपना कन्हैया कई चमत्कार करता है
गोवर्धन पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं!

घमंड तोड़ इंद्र का,
प्रकृति का महत्व समझाया
ऊंगली पर उठाकर पहाड़,
वो ही रक्षक कहलाया
ऐसे बाल गोपाल लीलाधर को
शत शत प्रणाम!
गोवर्धन पूजा की शुभकामनाएं

गोवर्धन पूजा के इस पावन अवसर पर
आपको और आपके परिवार को ढेरों शुभकामनाएं !!
हैप्पी गोवर्धन पूजा !!

चन्दन की खुशबु रेशम का हार,
सावन की सुगंध बारिश की फुहार..
राधा की उम्मीद कन्हैया का प्यार,
मुबारक हो आपको गोवर्धन पूजा का त्यौहार !

लोगो की रक्षा करने को एक ऊँगली पर पहाड़ उठाया..
उसी कन्हैया की याद दिलाने.. गोवर्धन के त्यौहार है आया !!

बंसी की धुन पर सबके दुःख वो हरता है
आज भी अपना कन्हैया कई चमत्कार करता है
गोवर्धन पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं

प्रेम से जपो कृष्ण का नाम
दिल की हर इच्छा पूरी होगी
कृष्ण आराधना में तल्लीन हो जाओ
उनकी महिमा जीवन खुशहाल कर देगी
गोवर्धन पूजा की शुभकामना

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अंतिम शब्द

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