भारत का सेमीकंडक्टर मिशन क्या है? पूरी जानकारी

भारत का सेमीकंडक्टर मिशन क्या है? : India Semiconductor Mission in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘भारत का सेमीकंडक्टर मिशन’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप भारत का सेमीकंडक्टर मिशन से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
भारत का सेमीकंडक्टर मिशन क्या है? : India Semiconductor Mission in Hindi
भारत एक विकासशील देश है। वह विकसित देशों की सूची में शामिल होने के लिए लगातार कार्यरत है। विकसित देशों की सबसे बड़ी ताकत उनकी आत्म निर्भरता होती है।
इसलिए भारत की मौजूदा सरकार भी भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार नीतियाँ बना रही है।
इसी क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए उन्होंने एक नए मिशन का शुभारम्भ किया है, जिसका नाम इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन है।
इस लेख में हम इस मिशन से जुड़े सभी तथ्यों पर बात करेंगे। इसमें इस मिशन से जुडी सभी प्रकार की जानकारी उपलब्ध होंगी।
भारत का सेमीकंडक्टर मिशन क्या है?
इस मिशन के अंतर्गत भारत को सेमीकंडक्टर चिप व इलेक्ट्रॉनिक्स मेन्युफेक्चरिंग का हब बनाने का प्रयास किया जाएगा।
इस योजना में सरकार देश में इसका उत्पादन व साथ-साथ निर्यात पर भी काम करेगी। पिछले कुछ समय में सेमीकंडक्टर चिप की लगातार कमी के कारण ओटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में लगातार गिरावट हो रही है।
इसके साथ-साथ जो चिप मिल भी रही है, वह काफी ऊँचे दामों में मिल रही है। भारत सदैव से ही इन चिपों का आयात करता है।
इन सभी समस्याओं को ख़त्म करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 दिसंबर 2021 को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस योजना को मंजूरी दे दी।
जिसके पश्चात भारत के मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा इस योजना को सभी के सामने रखा गया।
इस मिशन के तहत सरकार द्वारा सेमीकंडक्टर्स के निर्माण व उसके निर्यात के लिए एक ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र तैयार किया जाएगा, जिससे न केवल भारत की आवश्यकता पूरी होगी बल्कि इसे निर्यात भी कर पाएंगे।
इसका उद्देश्य भारत को उत्पादन का केंद्र बनाना है। इसमें सरकार द्वारा अगले 6 वर्षों तक 76000 करोड़ रूपये की प्रोत्साहन राशि मुहैया करवाई जाएगी।
भारत के सेमीकंडक्टर मिशन के तहत क्या-क्या होगा?
- इस मिशन में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले फेब्रिकेशन के निर्माण के लिए इकाइयों की स्थापना की जाएगी। इस परियोजना में सरकार द्वारा 50% तक की वित्तीय सहायता की जाएगी।
- इसमें राज्य सरकार व केंद्रीय सरकार दोनों मिलकर इसके लिए आवश्यक भूमि व सेमीकंडक्टर – ग्रेड वाटर जैसी जरुरी चीजों व टेक क्लस्टर का निर्माण करेगी।
- इसमें भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सुचना प्रोधोगिकी मंत्रालय सेमी कंडक्टर लेवोरेटरी के आधुनिकीकरण व इसके व्यवसायीकरण के लिए काम करेगी।
- इसके साथ-साथ ये मंत्रालय ब्राउनफील्ड फेब सयंत्र के निर्माण व आधुनिकीकरण के लिए एक बिजनेस पाटर्नर के साथ मिलकर सेमीकंडक्टर लेबोरेट्री (SCL) के लिए काम करेंगे।
- इसमें सरकार द्वारा इस योजना में चुनी हुई इकाइयों को 30% तक जरुरी सहायता दी जाएगी।
- इसमें सरकार के साथ मिलकर सेमीकंडक्टर पैकेजिंग व कंपाउंड सेमीकंडक्टरों की कम से कम 15% इकाइयों का निर्माण किया जाएगा।
- DLI यानि डिजाइन सहप्रोत्सहन योजना के द्वारा आने वाले 5 वर्षों तक इसकी बिक्री में 4 से 6%का खर्चा का वहन किया जाएगा।
- प्रोडक्टर डिप्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव के 50% तक उत्पादन के डिजाइन से जुड़े खर्च को वहन किया जाएगा।
इस प्रणाली के निर्माण व विकास करने के लिए एक इण्डिया सेमीकंडक्टर मिशन का निर्माण किया गया है।
इसका मुख्य उद्देश्य इस निति के लिए आवश्यक कदम उठाना है। इसका नेतृत्व सेमीकंडक्टर से जुड़े विशेषज्ञ द्वारा किया जाएगा। यह एक नोडल एजेंसी की तरह काम करेगा।
भारत के सेमीकंडक्टर मिशन का क्या महत्व है?
इस योजना से भारत को बहुत अधिक फायदे होंगे। इससे पूरे देश में रोजगार उत्पन्न होंगे, जिससे बेरोजगारी की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी।
इससे भारत इस क्षेत्र में पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर हो जाएगा और पूरे विश्व में निर्यात भी कर पाएगा। जिससे भारतीय कम्पनियों को यह सामग्री काफी कम कीमतों पर मिल जाएगी।
इसके साथ-साथ इसमें इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा। इस क्षेत्र में कुशल रोजगारों का निर्माण होगा। जिससे भारत की अर्थव्यवस्था पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ेगा।
भारत के सेमीकंडक्टर मिशन क्या आवश्यकता है?
इस योजना की मुख्य आवश्यकता इसलिए पड़ी, क्योंकि कोरोना के समय में इन साम्रगी की कमी की वजह से भारतीय कंपनियों को बहुत नुकसान झेलना पड़ा।
इसके साथ-साथ इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को भी मजबूत किया जा सकता है। इससे भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स आयात में कमी आएगी व निर्यात में वृद्धि होगी। इसके साथ-साथ इससे मेक इन इंडिया योजना को बहुत बढ़ावा मिलेगा।
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।