कर्मवाच्य की परिभाषा, भेद और उदाहरण

Karm Vachya Ki Paribhasha in Hindi

कर्मवाच्य की परिभाषा : Karm Vachya in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘कर्मवाच्य की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप कर्मवाच्य से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

कर्मवाच्य की परिभाषा : Karm Vachya in Hindi

क्रिया का वह रूप जिससे वाक्य में कर्म की प्रधानता का बोध होता है, उसे ‘कर्मवाच्य’ कहते है। साधारण शब्दों में:- क्रिया के जिस रूप से वाक्य में कर्म की प्रधानता का बोध होता है और उसमें सिर्फ सकर्मक क्रिया होती है, तो वह ‘कर्मवाच्य’ कहलाता है।

कर्मवाच्य के उदाहरण

कर्मवाच्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

कर्मवाच्य के उदाहरण
राम के द्वारा कार्य किया गया।
कवियों द्वारा कविताएँ लिखी गई।
रोगी को दवा दी गई।
उससे पुस्तक पढ़ी गई।

उपर्युक्त उदाहरणों में ‘कर्म’ प्रधान हैं तथा उन्हीं के लिए ‘किया गया’, ‘लिखी गई’, ‘दी गई’ तथा ‘पढ़ी गई’ क्रियाओं का विधान हुआ है। अतः यह कर्मवाच्य के उदाहरण है।

यहाँ क्रियाएँ कर्ता के अनुसार परिवर्तित न होकर कर्म के अनुसार परिवर्तित हुई है। यहाँ ध्यान देने योग्य बात यह है कि अंग्रेजी की भांति हिन्दी में कर्ता के रहते हुए कर्मवाच्य का प्रयोग नहीं किया जाता है।

जैसे:- ‘मैं दूध पीता हूँ।’ वाक्य के स्थान पर ‘मुझसे दूध पीया जाता है।’ वाक्य का प्रयोग युक्तिसंगत नहीं है। हाँ, निषेध के अर्थ में यह प्रयोग किया जा सकता है:- मुझसे दूध नहीं पीया जाता।

कर्मवाच्य का प्रयोग

कर्मवाच्य का प्रयोग निम्नलिखित परिस्थितियों में किया जाता है:-

1. जहाँ कर्ता का पता नहीं होता है, वहाँ पर कर्मवाच्य का प्रयोग किया जाता है।

जैसे:-

पत्र भेजा गया।
खेल खेला गया।

2. जब कोई कार्य अचानक हो गया है, तो वहाँ पर कर्मवाच्य का प्रयोग किया जाता है।

जैसे:-

काँच का गिलास टूट गया।
मेरा एक्सीडेंट हो गया।

3. जहाँ पर कर्ता को प्रकट नहीं करना होता है, तो वहाँ पर कर्मवाच्य का प्रयोग किया जाता है।

जैसे:-

चोर का पता लगाया जा रहा है।
घर की सफाई की जा रही है।

4. जहाँ पर कर्ता निश्चित नहीं होता है, तो वहाँ पर कर्मवाच्य का प्रयोग किया जाता है।

जैसे:-

अपराधी को कल पेश किया जाए।
रुपए खर्च किये जा रहे है।

5. अशक्यता सूचित करने के लिए कर्मवाच्य का प्रयोग किया जाता है।

जैसे:-

अब दूध नहीं पिया जाता।
अब सीढ़ी नहीं चढ़ा जाता।

कर्मवाच्य परिवर्तन के नियम

कर्मवाच्य परिवर्तन के सभी नियम निम्नलिखित है:-

1. कर्मवाच्य में कर्ता के बाद ‘से’ अथवा ‘के द्वारा’ का प्रयोग किया जाता है।

जैसे:-

तुलसीदास द्वारा रामचरितमानस की रचना की गई। (कर्ता + द्वारा)
नौकर से ग्लास टूट गया। (कर्ता + से)

2. कर्मवाच्य में असमर्थतासूचक वाक्यों में ‘के द्वारा’ के स्थान पर ‘से’ का प्रयोग किया जाता है। ऐसा सिर्फ नकारात्मक वाक्यों में किया जाता है।

जैसे:-

मुझसे अंग्रेजी नहीं बोली जाती।
मजदूर से पत्थर नहीं उठाया जाता।

कर्मवाच्य से कर्तृवाच्य में परिवर्तन के उदाहरण

कर्मवाच्य से कर्तृवाच्य में परिवर्तन के उदाहरण निम्नलिखित है:-

कर्मवाच्यकर्तृवाच्य
प्रधानाचार्य द्वारा छात्रों को छुट्टी दे दी गई।प्रधानाचार्य ने छात्रों को छुट्टी दे दी।
मजदूरों द्वारा डोली उठाई गई।मजदूरों ने डोली उठाई।
नानी द्वारा कहानी सुनाई जाती थी।नानी कहानी सुनाती थी।
लड़कों के द्वारा विद्यालय साफ किया गया।लड़कों ने विद्यालय साफ किया।
अध्यापक द्वारा हमें आज नया पाठ पढ़ाया गया।अध्यापक ने हमें आज नया पाठ पढ़ाया।
आज हमें व्याकरण पढ़ाया गया।आज हमने व्याकरण पढ़ा।
लड़कों के द्वारा आंगन में सोया जा रहा है।लड़के आंगन में सो रहे है।
पुलिस द्वारा कल रात में कईं चोर पकड़े गएपुलिस ने कल रात कईं चोर पकड़े।
बाढ़ पीड़ितों की सहायता की लिए सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च किए गए।बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च किए।
बच्चों द्वारा में फूलदान में फूल लगाए जाएंगे।बच्चे फूलदान में फूल लगाएंगे।

कर्मवाच्य से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न

  1. कर्मवाच्य की परिभाषा क्या है?

    क्रिया का वह रूप जिससे वाक्य में कर्म की प्रधानता का बोध होता है, उसे ‘कर्मवाच्य’ कहते है। साधारण शब्दों में:- क्रिया के जिस रूप से वाक्य में कर्म की प्रधानता का बोध होता है और उसमें सिर्फ सकर्मक क्रिया होती है, तो वह ‘कर्मवाच्य’ कहलाता है।

अंतिम शब्द

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

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