कवित्त छंद की परिभाषा, भेद और उदाहरण

Kavitt Chhand Ki Paribhasha in Hindi

कवित्त छंद की परिभाषा : Kavitt Chhand in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘कवित्त छंद की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप कवित्त छंद की परिभाषा से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

कवित्त छंद की परिभाषा : Kavitt Chhand in Hindi

कवित्त छंद ‘वर्णिक सम छंद’ होता है। इस छंद के प्रत्येक चरण में 31 से 33 वर्ण होते है तथा अंत में 3 लघु वर्ण होते है। इस छंद में 16वें तथा 17वें वर्ण पर विराम होता है।

कवित्त छंद के उदाहरण

कवित्त छंद के उदाहरण निम्नलिखित है:-

मेरे मन भावन के भावन के ऊधव के आवन की
सुधि ब्रज गाँवन में पावन जबै लगीं।
कहै रत्नाकर सु ग्वालिन की झौर-झौर
दौरि-दौरि नन्द पौरि, आवन सबै लगीं।
उझकि-उझकि पद-कंजनी के पंजनी पै,
पेखि-पेखि पाती, छाती छोहन सबै लगीं।
हमको लिख्यौ है कहा, हमको लिख्यौ है कहा,
हमको लिख्यौ है कहा, पूछ्न सबै लगी।।

कवित्त छंद से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न

  1. कवित्त छंद की परिभाषा क्या है?

    कवित्त छंद ‘वर्णिक सम छंद’ होता है। इस छंद के प्रत्येक चरण में 31 से 33 वर्ण होते है तथा अंत में 3 लघु वर्ण होते है। इस छंद में 16वें तथा 17वें वर्ण पर विराम होता है।

अंतिम शब्द

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

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