क्रिया की परिभाषा, भेद और उदाहरण

क्रिया की परिभाषा : Kriya in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘क्रिया की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप क्रिया की परिभाषा से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
क्रिया की परिभाषा : Kriya in Hindi
किसी वाक्य में प्रयुक्त वह शब्द जिसके द्वारा किसी कार्य का करना अथवा होना पाया जाता है, उसे क्रिया कहते है। क्रिया एक विकारी शब्द है, जिसका अर्थ ‘कार्य’ होता है। क्रिया करने वाला ‘कर्ता’ कहलाता है। क्रिया की उत्पत्ति धातु शब्दों से होती है।
मूल धातु शब्द में ‘ना’ प्रत्यय जोड़ने से क्रिया का निर्माण होता है। किसी वाक्य में लिंग, वचन, काल, आदि के आधार पर क्रिया का रूप परिवर्तित होने के साथ-साथ संज्ञा एवं सर्वनाम के आधार पर भी क्रिया का रूप परिवर्तित होता है।
क्रिया के भी कईं रूप होते है, जो प्रत्यय और सहायक क्रियाओं द्वारा परिवर्तित किये जाते है। क्रिया के रूप से उसके विषय संज्ञा एवं सर्वनाम के लिंग और वचन का भी ज्ञात हो जाता है।
क्रिया वह विकारी शब्द है, जिससे किसी पदार्थ अथवा प्राणी के विषय में कुछ विधान किया जाता है। अर्थात, जिस विकारी शब्द के प्रयोग से किसी वस्तु के विषय में कुछ विधान किया जाता है, उसे क्रिया कहते है।
क्रिया के उदाहरण
क्रिया के उदाहरण निम्नलिखित है:-
क्रिया के उदाहरण |
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अजय गा रहा है। |
विजय नाच रहा है। |
सुरेश पुस्तक पढ़ रहा है। |
विद्यालय में विस्फोट हो गया है। |
कमल छत से गिर गया है। |
बाहर वर्षा हो रही है। |
सीता गा रही है। |
राम विद्यालय जा रहा है। |
शीला खाना पका रही है। |
राम गाना गाता है। |
शेर दहाड़ता है। |
उपर्युक्त क्रिया के उदाहरणों में क्रमशः ‘गा रहा है’, ‘नाच रहा है’, ‘पढ़ रहा है’, ‘विस्फोट हो गया है’, ‘गिर गया है’, ‘वर्षा हो रही है’, ‘गा रही है’, ‘जा रहा है’, ‘पका रही है’, ‘गाता है’, ‘दहाड़ता है’, शब्दों से कार्य-व्यापार का बोध हो रहा है।
इन सभी शब्दों से किसी कार्य के करने अथवा होने का बोध हो रहा है। अतः ये सभी क्रियाएँ है।
धातु
क्रिया के मूल रूप को ‘धातु’ कहते है। क्रिया के साधारण रूपों के अंत में ‘ना’ प्रत्यय लगा रहता है। जैसे:- आना, जाना, पाना, खोना, खेलना, कूदना, आदि।
किया के साधारण रूपों के अंत का ‘ना’ प्रत्यय निकाल देने के बाद जो शेष बचता है, वह ‘क्रिया की धातु’ कहलाती है। जैसे:- ‘आना, जाना, पाना, खोना, खेलना, कूदना’ क्रियाओं में ‘आ, जा, पा, खो, खेल, कूद’ धातुएँ है।
शब्दकोश में क्रिया का जो रूप मिलता है, उसमें धातु के साथ ‘ना’ प्रत्यय लगा होता है। ‘ना’ प्रत्यय हटा देने के बाद ‘धातु’ शेष बच जाती है। जैसे:- ‘लिख, पढ़, जा, खा, गा, रो’। इन्हीं धातुओं से ‘लिखता, पढ़ता, जाता, खाता, गाता, रोता’ क्रियाएँ बनती है।
संज्ञा शब्दों से बने नाम धातु के उदहारण
संज्ञा शब्द | नाम धातु |
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शर्म | शर्माना |
लोभ | लुभाना |
बात | बतियाना |
झूठ | झुठलाना |
लात | लतियाना |
दुःख | दुखियाना |
सर्वनाम शब्दों से बने नाम धातु के उदाहरण
सर्वनाम शब्द | नामधातु |
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अपना | अपनापन |
पराया | परायापन |
विशेषण शब्दों से बने नाम धातु के उदहारण
विशेषण शब्द | नामधातु |
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साठ | सठियाना |
तोतला | तुतलाना |
नरम | नरमाना |
गरम | गरमाना |
लज्जा | लजाना |
लालच | ललचाना |
फिल्म | फिल्माना |
अनुकरणवाची शब्द | नामधातु |
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थप-थप | थपथपाना |
थर-थर | थरथराना |
कंप-कंप | कंपकंपाना |
टन-टन | टनटनाना |
बड-बड | बडबडाना |
खट-खट | खटखटाना |
धातु के भेद
धातु के कुल 2 भेद है, जो कि निम्न प्रकार है:-
धातु के भेद |
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मूल धातु |
यौगिक धातु |
1. मूल धातु
मूल धातु स्वतंत्र होती है और यह किसी अन्य शब्द पर निर्भर नहीं होती है।
मूल धातु के उदाहरण
मूल धातु के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
जा | खा |
पी | रह |
पढ़ | लिख |
गा | रो |
2. यौगिक धातु
मूल धातु मे प्रत्यय जोड़कर, कईं धातुओं को संयुक्त करके अथवा संज्ञा और विशेषण मे प्रत्यय जोड़कर यौगिक धातु बनती है।
यौगिक धातु के उदाहरण
यौगिक धातु के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
उठाना | उठवाना |
दिलाना | दिलवाना |
कराना | करवाना |
रोना-धोना | चलना-फिरना |
खा-लेना | उठ-बैठना |
उठ-जाना | खेलना-कूदना |
बतियाना | गरमाना |
चिकनाना | चिपकाना |
यौगिक धातु के भेद
यौगिक धातुओं के कुल 3 भेद होते है, जो कि निम्न प्रकार है:-
यौगिक धातु के भेद |
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प्रेरणार्थक क्रिया |
यौगिक क्रिया |
नाम धातु |
1. प्रेरणार्थक क्रिया
प्रेरणार्थक क्रियाएँ अकर्मक एवं सकर्मक दोनों क्रियाओं से बनती है। ‘आना/लाना’ जोड़ने से प्रथम प्रेरणार्थक रूप तथा ‘वाना’ जोड़ने से द्वितीय प्रेरणार्थक रूप बनते है।
प्रेरणार्थक क्रिया के उदहारण
प्रेरणार्थक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
मूल धातु | प्रेरणार्थक धातु |
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उठ – ना | उठाना, उठवाना |
दे – ना | दिलाना, दिलवाना |
कर – ना | कराना, करवाना |
सो – ना | सुलाना, सुलवाना |
खा – ना | खिलाना, खिलवाना |
2. यौगिक क्रिया
दो या दो से अधिक धातुओं के संयोग से यौगिक क्रिया बनती है।
यौगिक क्रिया के उदहारण
यौगिक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
रोना-धोना | चलना-फिरना |
खा-लेना | उठ-बैठना |
उठ-जाना | खेलना-कूदना |
3. नाम धातु
संज्ञा एवं विशेषण से बनने वाली धातु, नाम धातु क्रिया कहलाती है।
नाम धातु के उदहारण
यौगिक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
नाम धातु के उदाहरण |
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गाली से गरियाना |
लात से लतियाना |
चिकना से चिकनाना |
ठंड से ठण्डाना |
क्रिया के भेद
क्रिया के कुल 3 आधार पर भेद किये जाते है, जो कि निम्न प्रकार है:-
क्रिया के भेद |
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काल के आधार पर क्रिया के भेद |
कर्म के आधार पर क्रिया के भेद |
वाक्य में प्रयोग अथवा संरचना के आधार पर क्रिया के भेद |
1. काल के आधार पर क्रिया के भेद
काल के आधार पर क्रिया के कुल 3 भेद है, जो कि निम्न प्रकार है:-
काल के आधार पर क्रिया के भेद |
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भूतकालिक क्रिया |
वर्तमानकालिक क्रिया |
भविष्यतकालिक क्रिया |
१. भूतकालिक क्रिया
क्रिया का वह रूप जिसके द्वारा बीते समय में कार्य के संपन्न होने का बोध होता है, ‘भूतकालिक क्रिया’ कहलाती है।
भूतकालिक क्रिया के उदाहरण
भूतकालिक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
भूतकालिक क्रिया के उदाहरण |
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सुरेश ने खाना खा लिया। |
गीता ने काफी अच्छा नृत्य किया। |
मुकेश बाजार चला गया। |
भूतकालिक क्रिया के भेद
भूतकालिक क्रिया के कुल 6 भेद है, जो कि निम्न प्रकार है:-
भूतकालिक क्रिया के भेद |
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सामान्य भूतकालिक क्रिया |
आसन्न भूतकालिक क्रिया |
पूर्ण भूतकालिक क्रिया |
संदिग्ध भूतकालिक क्रिया |
अपूर्ण भूतकालिक क्रिया |
हेतुहेतुमद् भूतकालिक क्रिया |
(i). सामान्य भूतकालिक क्रिया
भूतकालिक क्रिया का वह रूप, जिससे कार्य के बीते हुए समय में होने का बोध होता है, लेकिन कार्य के पूर्ण होने का निश्चित समय का पता नहीं चलता है, तो क्रिया के उस रूप को ‘सामान्य भूतकालिक क्रिया’ कहते है।
यदि किसी वाक्य के अंत में या, यी, ये अथवा आ, ई, ए आता है, तो उस वाक्य में प्रयुक्त क्रिया सामान्य भूतकालिक क्रिया होगी।
सामान्य भूतकालिक क्रिया के उदाहरण
सामान्य भूतकालिक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
सामान्य भूतकालिक क्रिया के उदाहरण |
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राम ने गाना गाया। |
सीता ने पानी पिया। |
श्याम ने चाय बनाई। |
सुरेश ने शराब पी। (ई) |
(ii). आसन्न भूतकालिक क्रिया
भूतकालिक क्रिया का वह रूप, जिससे कार्य के कुछ समय पूर्व ही समाप्त होने का बोध होता है, उसे आसन्न भूतकालिक क्रिया कहते है।
यदि किसी वाक्य के अंत में “चुका है, चुकी है, चुके है, चुका हूँ, चुकी हूँ” अथवा “या, ये, यी, आ, ए, ई” आता है, तो उस वाक्य में प्रयुक्त क्रिया आसन्न भूतकालिक क्रिया होगी।
आसन्न भूतकालिक क्रिया के उदाहरण
सामान्य भूतकालिक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
आसन्न भूतकालिक क्रिया के उदाहरण |
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राम गाना गा चुका है। |
सीता ने खाना बनाया है। |
श्याम ने चाय बना ली है। |
मैं बाजार आ चुका हूँ। |
(iii). पूर्ण भूतकालिक क्रिया
भूतकालिक क्रिया का वह रूप, जिससे कार्य के काफी समय पूर्व समाप्त होने का बोध होता है, उसे पूर्ण भूतकालिक क्रिया कहते है।
यदि किसी वाक्य के अंत में “चुका था, चुकी थी, चुके थे” अथवा “या, ये, यी, आ, ए, ई” के साथ “था, थे, थी” आता है, तो उस वाक्य में प्रयुक्त क्रिया पूर्ण भूतकालिक क्रिया होगी।
पूर्ण भूतकालिक क्रिया के उदाहरण
पूर्ण भूतकालिक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
पूर्ण भूतकालिक क्रिया के उदाहरण |
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राम गाना गा चुका था। |
सीता ने पानी पी लिया था। |
श्याम ने चाय बना ली थी। |
हम बाजार गए थे। |
(iv). संदिग्ध भूतकालिक क्रिया
भूतकालिक क्रिया का वह रूप जिससे कार्य के बीते हुए समय में होने पर संशय का बोध होता है, तो क्रिया के उस रूप को ‘संदिग्ध भूतकालिक क्रिया’ कहते हैं।
यदि किसी वाक्य के अंत में “चुका होगा, चुकी होगी, चुके होंगे” अथवा “या, ये, यी, आ, ए, ई” के साथ “होगा, होगी, होंगे” आता है, तो उस वाक्य में प्रयुक्त क्रिया ‘संदिग्ध भूतकालिक क्रिया’ होगी।
संदिग्ध भूतकालिक क्रिया के उदाहरण
संदिग्ध भूतकालिक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
संदिग्ध भूतकालिक क्रिया के उदाहरण |
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राम गाना गा चुका होगा। |
सीता ने पानी लिया होगा। |
श्याम ने चाय बना ली होगी। |
अजय और विजय विद्यालय गए होंगे। |
(v). अपूर्ण भूतकालिक क्रिया
भूतकालिक क्रिया का वह रूप, जिससे कार्य का बीते हुए समय में जारी रहने का बोध होता है, उसे ‘अपूर्ण भूतकालिक क्रिया’ कहते है।
यदि किसी वाक्य के अंत में “रहा था, रही थी, रहे थे, करता था, करती थी, करते थे” आता है, तो उस वाक्य में प्रयुक्त क्रिया ‘अपूर्ण भूतकालिक क्रिया’ होगी।
अपूर्ण भूतकालिक क्रिया के उदाहरण
अपूर्ण भूतकालिक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
अपूर्ण भूतकालिक क्रिया के उदाहरण |
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राम गाना गा रहा था। |
सीता पानी पी रही थी। |
श्याम बचपन में काफी शांत हुआ करता था। |
बचपन में हम गाँव जाया करते थे। |
(vi). हेतुहेतुमद् भूतकालिक क्रिया
भूतकालिक क्रिया का वह रूप, जिसमें बीते हुए समय के साथ कोई शर्त प्रयुक्त हुई है, तो क्रिया के उस रूप को ‘हेतुहेतुमद् भूतकालिक क्रिया’ कहते है। इस प्रकार के वाक्यों में भूतकाल में होने वाली कोई क्रिया किसी अन्य क्रिया पर निर्भर होती है।
हेतुहेतुमद् भूतकालिक क्रिया के उदाहरण
हेतुहेतुमद् भूतकालिक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
हेतुहेतुमद् भूतकालिक क्रिया के उदाहरण |
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यदि हम पढ़ते तो उत्तीर्ण हो जाते। |
अगर पुलिस वहाँ होती तो ऐसा कभी ना होता। |
२. वर्तमानकालिक क्रिया
क्रिया का वह रूप जिससे वर्तमान समय में कार्य के संपन्न होने का बोध होता है, ‘वर्तमानकालिक क्रिया’ कहलाती है।
वर्तमानकालिक क्रिया के उदाहरण
वर्तमानकालिक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
वर्तमानकालिक क्रिया के उदाहरण |
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राम क्रिकेट खेल रहा है। |
श्याम विद्यालय जा रहा है। |
अजय खाना खा रहा है। |
वर्तमानकालिक क्रिया के भेद
वर्तमानकालिक क्रिया के कुल 5 भेद है, जो कि निम्न प्रकार है:-
वर्तमानकालिक क्रिया के भेद |
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सामान्य वर्तमानकालिक क्रिया |
अपूर्ण वर्तमानकालिक क्रिया |
संदिग्ध वर्तमानकालिक क्रिया |
आज्ञार्थक वर्तमानकालिक क्रिया |
सम्भाव्य वर्तमानकालिक क्रिया |
(i). सामान्य वर्तमानकालिक क्रिया
वर्तमानकालिक क्रिया का वह रूप, जिससे कार्य का सामान्य रूप से वर्तमान समय में होने का बोध होता है, तो क्रिया के उस रूप को ‘सामान्य वर्तमानकालिक क्रिया’ कहते है।
यदि किसी वाक्य के अंत में “ता है, ती है, ते है, ता हूँ, ती हूँ आता है, तो उस वाक्य में प्रयुक्त क्रिया ‘सामान्य वर्तमानकालिक क्रिया’ होगी।
सामान्य वर्तमानकालिक क्रिया के उदाहरण
सामान्य वर्तमानकालिक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
सामान्य वर्तमानकालिक क्रिया के उदाहरण |
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राम गाना गाता है। |
सीता खाना बनाती है। |
हम विद्यालय जाते है। |
मैं प्रतिदिन पढ़ाई करता हूँ। |
(ii). अपूर्ण वर्तमानकालिक क्रिया
वर्तमानकालिक क्रिया का वह रूप, जिससे कार्य का वर्तमान समय में जारी रहने का बोध होता है, तो क्रिया के उस रूप को ‘अपूर्ण वर्तमानकालिक क्रिया’ कहते है।
यदि किसी वाक्य के अंत में “रहा है, रही है, रहे है, रही हूँ, रहा हूँ” में आता है, तो उस वाक्य में प्रयुक्त क्रिया ‘अपूर्ण वर्तमानकालिक क्रिया’ होगी।
अपूर्ण वर्तमानकालिक क्रिया के उदाहरण
अपूर्ण वर्तमानकालिक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
अपूर्ण वर्तमानकालिक क्रिया के उदाहरण |
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राम गाना गा रहा है। |
सीता खाना बना रही है। |
विद्यार्थी विद्यालय जा रहे है। |
मैं पढ़ाई कर रहा हूँ। |
(iii). संदिग्ध वर्तमानकालिक क्रिया
वर्तमानकालिक क्रिया का वह रूप, जिससे कार्य के वर्तमान समय में होने पर संशय का बोध होता है, तो क्रिया के उस रूप को ‘संदिग्ध वर्तमानकालिक क्रिया’ कहते है।
सामान्य वर्तमानकालिक क्रिया में संशय की स्थिति जोड़ने पर ‘संदिग्ध वर्तमानकालिक क्रिया’ बन जाती है।
यदि किसी वाक्य के अंत में “रहा होगा, रही होगी, रहे होंगे” आता है, तो उस वाक्य में प्रयुक्त क्रिया ‘संदिग्ध वर्तमानकालिक क्रिया’ होगी।
संदिग्ध वर्तमानकालिक क्रिया के उदाहरण
संदिग्ध वर्तमानकालिक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
संदिग्ध वर्तमानकालिक क्रिया के उदाहरण |
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राम गाना गा रहा होगा। |
सीता खाना बना रही होगी। |
वे सभी पढ़ाई कर रहे होंगे। |
(iv). आज्ञार्थक वर्तमानकालिक क्रिया
वर्तमानकालिक क्रिया का वह रूप, जिससे वर्तमान काल में आज्ञा अथवा आदेश देने का बोध होता है, तो क्रिया के उस रूप को ‘आज्ञार्थक वर्तमानकालिक क्रिया’ कहते है।
आज्ञार्थक वर्तमानकालिक क्रिया के उदाहरण
आज्ञार्थक वर्तमानकालिक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
आज्ञार्थक वर्तमानकालिक क्रिया के उदाहरण |
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यहाँ बैठ जाओ। |
सीता तुम अब खाना बनाओ। |
तुम पढ़ाई करो। |
सो जाओ। |
(v). सम्भाव्य वर्तमानकालिक क्रिया
वर्तमानकालिक क्रिया का वह रूप, जिससे वर्तमान समय में अपूर्ण क्रिया की संभावना अथवा संशय होने का बोध होता है, तो क्रिया के उस रूप को ‘सम्भाव्य वर्तमानकालिक क्रिया’ कहते है।
अपूर्ण वर्तमानकालिक क्रिया में संशय की स्थिति जोड़ देने पर ‘वर्तमानकालिक क्रिया’ बन जाती है।
यदि किसी वाक्य के अंत में सहायक क्रिया के रूप में “रहा होगा, रही होगी, रहे होंगे, रहा हो, रही हो, रहे हो आता है, तो उस वाक्य में प्रयुक्त क्रिया ‘सम्भाव्य वर्तमानकालिक क्रिया’ होगी।
सम्भाव्य वर्तमानकालिक क्रिया के उदाहरण
सम्भाव्य वर्तमानकालिक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
सम्भाव्य वर्तमानकालिक क्रिया के उदाहरण |
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शायद राम गाना गा रहा हो। |
शायद सीता खाना बना रही होगी। |
शायद वे गाँव जा रहे होंगे। |
शायद वह पढ़ाई कर रहा होगा। |
३. भविष्यतकालिक क्रिया
क्रिया का वह रूप जिसके द्वारा आने वाले समय में कार्य के संपन्न होने का बोध होता है, ‘भविष्यतकालिक क्रिया’ कहलाती है।
भविष्यतकालिक क्रिया के उदाहरण
भविष्यतकालिक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
भविष्यतकालिक क्रिया के उदाहरण |
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विनय आज बाजार जायेगा। |
कमल आज गाना गायेगा। |
सीता आज विद्यालय देर से आएगी। |
भविष्यतकालिक क्रिया के भेद
भविष्यतकालिक क्रिया के कुल 3 भेद है, जो कि निम्न प्रकार है:-
भविष्यतकालिक क्रिया के भेद |
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सामान्य भविष्यतकालिक क्रिया |
आज्ञार्थक भविष्यतकालिक क्रिया |
सम्भाव्य भविष्यतकालिक क्रिया |
(i). सामान्य भविष्यतकालिक क्रिया
भविष्यतकालिक क्रिया का वह रूप, जिससे कार्य का सामान्य रूप से आने वाले समय में होने का बोध होता है, तो क्रिया के उस रूप को ‘सामान्य भविष्यतकालिक क्रिया’ कहते है।
यदि किसी वाक्य के अंत में “एगा, एगी, एंगे, उँगा, उँगी,” आदि सहायक क्रियाओं में से कोई एक क्रिया आती है, तो उस वाक्य में प्रयुक्त क्रिया ‘सामान्य भविष्यतकालिक क्रिया’ होगी।
सामान्य भविष्यतकालिक क्रिया के उदाहरण
सामान्य भविष्यतकालिक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
सामान्य भविष्यतकालिक क्रिया के उदाहरण |
---|
राम गाना गाएगा। |
सीता खाना बनाएगी। |
हम विद्यालय जाएंगे। |
मैं प्रतिदिन पढ़ाई करूँगा। |
(ii). आज्ञार्थक भविष्यतकालिक क्रिया
भविष्यतकालिक क्रिया का वह रूप, जिससे भविष्यकाल में आज्ञा अथवा आदेश देने का बोध प्रकट होता है, तो क्रिया के उस रूप को ‘आज्ञार्थक भविष्यतकालिक क्रिया’ कहते है।
यदि किसी वाक्य के अंत में “इएगा” सहायक क्रिया आती है, तो उस वाक्य में प्रयुक्त क्रिया ‘आज्ञार्थक भविष्यतकालिक क्रिया’ होगी।
आज्ञार्थक भविष्यतकालिक क्रिया के उदाहरण
आज्ञार्थक भविष्यतकालिक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
आज्ञार्थक भविष्यतकालिक क्रिया के उदाहरण |
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आप गाना गाइएगा। |
आप खाना बनाइएगा। |
आप कल यहाँ अवश्य आइएगा। |
आप अपनी पढ़ाई कीजिएगा। |
(iii). सम्भाव्य भविष्यतकालिक क्रिया
भविष्यतकालिक क्रिया का वह रूप, जिससे कार्य के भविष्य काल में होने की संभावना अथवा संशय होने का बोध होता है, तो क्रिया के उस रूप को ‘सम्भाव्य भविष्यतकालिक क्रिया’ कहते है।
यदि किसी वाक्य के अंत में “सकता है, सकती है, सकते है, सकता हूँ, सकती हूँ, चाहिए,” आदि सहायक क्रियाओं में से कोई एक क्रिया आती है, तो उस वाक्य में प्रयुक्त क्रिया ‘सम्भाव्य भविष्यतकालिक क्रिया’ होगी।
सम्भाव्य भविष्यतकालिक क्रिया के उदाहरण
सम्भाव्य भविष्यतकालिक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
सम्भाव्य भविष्यतकालिक क्रिया के उदाहरण |
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कल राम आ सकता है। |
अब मुझे क्या करना चाहिए। |
2. कर्म के आधार पर क्रिया के भेद
कर्म के आधार पर क्रिया के कुल 2 भेद है, जो कि निम्न प्रकार है:-
कर्म के आधार पर क्रिया के भेद |
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अकर्मक क्रिया |
सकर्मक क्रिया |
१. अकर्मक क्रिया
यदि वाक्य में प्रयुक्त क्रिया का प्रभाव एवं फल कर्ता पर पड़ता है अर्थात वाक्य में कर्म का प्रयोग नही होता है, उसे अकर्मक क्रिया कहते है।
जैसे:- लजाना, होना, बढ़ना, सोना, खेलना, अकड़ना, डरना, बैठना, हँसना, उगना, जीना, दौड़ना, रोना, ठहरना, चमकना, डोलना, मरना, घटना, जागना, उछलना, कूदना, आदि कुछ अकर्मक क्रियाएँ है।
अकर्मक क्रिया के उदाहरण
अकर्मक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
अकर्मक क्रिया के उदाहरण |
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राम रोता है। |
शेर दहाड़ता है। |
हवाई जहाज़ उड़ता है। |
अकर्मक क्रिया के भेद
अकर्मक क्रिया के कुल 2 भेद है, जो कि निम्न प्रकार है:-
अकर्मक क्रिया के भेद |
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पूर्ण अकर्मक क्रिया |
अपूर्ण अकर्मक क्रिया |
(i). पूर्ण अकर्मक क्रिया
अकर्मक क्रिया का वह रूप, जिसमें क्रिया के साथ न तो ‘कर्म’ और न ही किसी पूर्ति शब्द अथवा पूरक शब्द की आवश्यकता होती है, तो उसे ‘पूर्ण अकर्मक क्रिया’ कहते है।
असल में अकर्मक क्रिया ही ‘पूर्ण अकर्मक क्रिया’ होती है अर्थात अकर्मक क्रिया का वास्तविक रूप ही पूर्ण अकर्मक क्रिया होती है।
पूर्ण अकर्मक क्रिया के उदाहरण
पूर्ण अकर्मक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
पूर्ण अकर्मक क्रिया के उदाहरण |
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राम खा रहा है। |
कुछ बच्चे रो रहे है। |
श्याम दिनभर नहीं खाया। |
हवाई जहाज़ आकाश में उड़ता है। |
(ii). अपूर्ण अकर्मक क्रिया
अकर्मक क्रिया का वह रूप, जिसमें कर्ता के विषय में पूर्ण विधान करने के लिए क्रिया के साथ किसी ‘संज्ञा’ एवं ‘विशेषण शब्द’ की आवश्यकता पड़ती है, तो उसे अपूर्ण अकर्मक क्रिया कहते है।
अपूर्ण अकर्मक क्रिया में, जो ‘संज्ञा’ एवं ‘विशेषण शब्द’ कर्ता का पूर्ण आशय पूरा करने के लिए प्रयुक्त होते है, उन्हें ‘पूर्ति’ कहते है। हिंदी व्याकरण के अनुसार “दिखाना, निकलना, ठहरना, बनना, रहना, होता” आदि क्रियाएँ ‘अपूर्ण अकर्मक क्रियाएँ’ होती है।
अपूर्ण अकर्मक क्रिया के उदाहरण
अपूर्ण अकर्मक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
अपूर्ण अकर्मक क्रिया के उदाहरण |
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अजय चोर निकला। |
विजय बीमार रहा। |
आप मेरे भाई ठहरे। |
वह व्यक्ति गरीब दिखता है। |
सुरेश बेईमान निकला। |
गीता एक ईमानदार महिला थी। |
राम चतुर है। |
अकर्मक क्रिया के उपरोक्त उदाहरणों में क्रमशः “चोर, बीमार, भाई, गरीब, बेईमान, ईमानदार तथा चतुर” शब्द ‘पूर्ति शब्द’ है। अतः उपरोक्त वाक्यों में ‘अपूर्ण अकर्मक क्रिया’
२. सकर्मक क्रिया
यदि वाक्य में प्रयुक्त क्रिया का प्रभाव एवं फल कर्ता पर न पड़कर कर्म पर पड़ता है अर्थात वाक्य में कर्म का प्रयोग होता है, उसे सकर्मक क्रिया कहते है।
सकर्मक क्रिया के उदाहरण
सकर्मक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
सकर्मक क्रिया के उदाहरण |
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राम गाना गाता है। |
श्याम विद्यालय जाता है। |
सीता खाना पकाती है। |
अजय क्रिकेट खेलता है। |
सकर्मक क्रिया के भेद
सकर्मक क्रिया के कुल 2 भेद है, जो कि निम्न प्रकार है:-
सकर्मक क्रिया के भेद |
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पूर्ण सकर्मक क्रिया |
अपूर्ण सकर्मक क्रिया |
(i). पूर्ण सकर्मक क्रिया
सकर्मक क्रिया का वह रूप जिसमें क्रिया के साथ ‘कर्म’ के अतिरिक्त किसी अन्य पूरक शब्द (संज्ञा एवं विशेषण) की आवश्यकता नहीं होती है, उस क्रिया को ‘पूर्ण सकर्मक क्रिया’ कहते है।
पूर्ण सकर्मक क्रिया के उदाहरण
पूर्ण सकर्मक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
पूर्ण सकर्मक क्रिया के उदाहरण |
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राम ने गाना गया। |
श्याम खा रहा है। |
सीता ने कहा था। |
अजय ही सदा खेलता है। |
उपर्युक्त उदाहरणों में आप देख सकते है कि कर्म के साथ किसी भी प्रकार का पूरक शब्द इस्तेमाल नहीं किया गया है। अतः उपर्युक्त वाक्यों में ‘पूर्ण सकर्मक क्रिया’ है।
पूर्ण सकर्मक क्रिया के भेद
पूर्ण सकर्मक क्रिया के कुल 2 भेद है, जो कि निम्न प्रकार है:-
पूर्ण सकर्मक क्रिया के भेद |
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एककर्मक क्रिया |
द्विकर्मक क्रिया |
(a). एककर्मक क्रिया
जिस वाक्य में क्रिया के साथ एक कर्म का प्रयोग होता है, उसे ‘एककर्मक क्रिया’ कहते है।
एककर्मक क्रिया के उदाहरण
एककर्मक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
एककर्मक क्रिया के उदाहरण |
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राम विद्यालय जाता है। |
सीता पुस्तक पढ़ती है। |
(b). द्विकर्मक क्रिया
जिस वाक्य में क्रिया के साथ दो कर्म का प्रयोग होता है, उसे ‘द्विकर्मक क्रिया’ कहते है।
द्विकर्मक क्रिया के उदाहरण
द्विकर्मक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
द्विकर्मक क्रिया के उदाहरण |
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अजय ने विजय को उपहार दिया। |
राम ने श्याम को गाना सिखाया। |
(ii). अपूर्ण सकर्मक क्रिया
सकर्मक क्रिया का वह रूप जिसमें क्रिया के साथ ‘कर्म’ के अलावा भी किसी न किसी पूरक शब्द (संज्ञा एवं विशेषण) की आवश्यकता बनी रहती हो, तो उस क्रिया को ‘अपूर्ण सकर्मक क्रिया’ कहते है।
मानना, समझना, चुनना एवं बनाना सदैव अपूर्ण सकर्मक क्रिया होती है। साधारण शब्दों में, अपूर्ण सकर्मक क्रिया में पूरक शब्दों के बिना कार्य का पूर्ण होना नहीं पाया जाता है।
अपूर्ण सकर्मक क्रिया के उदाहरण
अपूर्ण सकर्मक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
अपूर्ण सकर्मक क्रिया के उदाहरण |
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राम श्याम को बुद्धिमान समझता है। |
सीता मुझे अपनी बहन मानती है। |
हमने अजय को टीम का कप्तान बनाया। |
राकेश अपने आपको गरीब समझता है। |
सुरेश महेश को अपना मित्र समझता है। |
उपरोक्त सभी उदाहरणों में क्रमशः बुद्धिमान, बहन, कप्तान, गरीब व मित्र पूरक शब्द है। अतः इन वाक्यों में अपूर्ण सकर्मक क्रिया होगी।
3. प्रयोग व संरचना के आधार पर क्रिया के भेद
प्रयोग व संरचना के आधार पर क्रिया के कुल 8 भेद है, जो कि निम्न प्रकार है:-
प्रयोग व संरचना के आधार पर क्रिया के भेद |
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सामान्य क्रिया |
संयुक्त क्रिया |
पूर्वकालिक क्रिया |
प्रेरणार्थक क्रिया |
नामधातु क्रिया |
कृदंत क्रिया |
सजातीय क्रिया |
सहायक क्रिया |
१. सामान्य क्रिया
जब वाक्य में एक सामान्य से कार्य को बताने हेतु एक ही क्रिया पद का प्रयोग किया जाता है, तो उसे सामान्य क्रिया कहते है।
सामान्य क्रिया के उदाहरण
सामान्य क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
सामान्य क्रिया के उदाहरण |
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राम गाना गाता है। |
सीता खाना पकाती है। |
२. संयुक्त क्रिया
जब वाक्य में दो या दो से अधिक क्रियाओं का प्रयोग किया जाता है, तो उसे संयुक्त क्रिया कहते है।
संयुक्त क्रिया के उदाहरण
संयुक्त क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
संयुक्त क्रिया के उदाहरण |
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राम गाना गा चुका है। |
सीता खाना पका चुकी है। |
३. पूर्वकालिक क्रिया
जब वाक्य में दो क्रियाएँ होती है, जिनमें से एक क्रिया पहले ही आरम्भ होकर पहले ही पूर्ण हो जाती है और उसके पश्चात दूसरी क्रिया आरम्भ होती है, तो पहले पूर्ण होने वाली क्रिया को ‘पूर्वकालिक क्रिया’ कहते है।
पूर्वकालिक क्रिया के उदाहरण
पूर्वकालिक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
पूर्वकालिक क्रिया के उदाहरण |
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राम खाना खाकर सो गया। |
सीता काम करके चली गई। |
४. प्रेरणार्थक क्रिया
जब वाक्य का कर्ता स्वयं कार्य न करके अन्य को क्रिया करने की प्रेरणा देता है, तो उसे प्रेरणार्थक क्रिया कहते है।
प्रेरणार्थक क्रिया के उदाहरण
प्रेरणार्थक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
प्रेरणार्थक क्रिया के उदाहरण |
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राम ने श्याम से कार्य करवाया। |
माँ ने सीता से खाना बनवाया। |
५. नामधातु क्रिया
वह क्रिया, जो संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया व विशेषण शब्दों से बनती है, उसे ‘नामधातु क्रिया’ कहते है।
नामधातु क्रिया के उदाहरण
नामधातु क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
नामधातु क्रिया के उदाहरण |
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रंग – रंगना |
लालच – ललचाना |
शर्म – शर्माना |
अपना – अपनाना |
६. कृदन्त क्रिया
वह क्रिया, जो क्रिया अथवा धातु रूप के साथ प्रत्यय जोड़कर बनाई जाती है, उसे ‘कृदन्त क्रिया’ कहते है।
कृदन्त क्रिया के उदाहरण
कृदन्त क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
धातु | क्रिया |
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चल | चलना, चलता, चलकर |
लिख | लिखना, लिखता, लिखकर |
७. सजातीय क्रिया
जब वाक्य में प्रयुक्त क्रम व क्रिया एकसमान धातु से बने हो, तो उसे सजातीय क्रिया कहते है।
सजातीय क्रिया के उदाहरण
सजातीय क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
सजातीय क्रिया के उदाहरण |
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राम ने गाना गाया। |
सीता ने खाना खाया। |
८. सहायक क्रिया
वाक्य में प्रयुक्त मुख्य क्रिया की सहायता करने वाली क्रिया को सहायक क्रिया कहते है।
सहायक क्रिया के उदाहरण
सहायक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
सहायक क्रिया के उदाहरण |
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राम क्रिकेट खेल रहा है। |
सीता पुस्तक पढ़ रही है। |
क्रिया से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
क्रिया की परिभाषा क्या है?
किसी वाक्य में प्रयुक्त वह शब्द जिसके द्वारा किसी कार्य का करना अथवा होना पाया जाता है, उसे क्रिया कहते है। क्रिया एक विकारी शब्द है, जिसका अर्थ ‘कार्य’ होता है। क्रिया करने वाला ‘कर्ता’ कहलाता है। क्रिया की उत्पत्ति धातु शब्दों से होती है।
कर्म के आधार पर क्रिया के कितने प्रकार है?
कर्म के आधार पर क्रिया के कुल 2 प्रकार है:-
1. अकर्मक क्रिया
2. सकर्मक क्रिया
प्रयोग व संरचना के आधार पर क्रिया के कितने प्रकार है?
प्रयोग व संरचना के आधार पर क्रिया के कुल 8 प्रकार होते है:-
1. सामान्य क्रिया
2. संयुक्त क्रिया
3. पूर्वकालिक क्रिया
4. प्रेरणार्थक क्रिया
5. नामधातु क्रिया
6. कृदन्त क्रिया
7. सजातीय क्रिया
8. सहायक क्रिया
काल के आधार पर क्रिया के कितने प्रकार है?
काल के आधार पर क्रिया के कुल 3 प्रकार है:-
1. वर्तमानकालिक क्रिया
2. भूतकालिक क्रिया
3. भविष्यतकालिक क्रिया
अकर्मक क्रिया किसे कहते है?
यदि वाक्य में प्रयुक्त क्रिया का प्रभाव एवं फल कर्ता पर पड़ता है अर्थात वाक्य में कर्म का प्रयोग नही होता है, उसे अकर्मक क्रिया कहते है।
सकर्मक क्रिया किसे कहते है?
यदि वाक्य में प्रयुक्त क्रिया का प्रभाव एवं फल कर्ता पर न पड़कर कर्म पर पड़ता है अर्थात वाक्य में कर्म का प्रयोग होता है, उसे सकर्मक क्रिया कहते है।
अंतिम शब्द
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।