क्रिया-विशेषण अव्यय की परिभाषा, भेद और उदाहरण

Kriya Visheshan Avyay Ki Paribhasha in Hindi

क्रिया-विशेषण अव्यय की परिभाषा : Kriya Visheshan Avyay in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘क्रिया-विशेषण अव्यय की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप क्रिया-विशेषण अव्यय की परिभाषा से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

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क्रिया-विशेषण अव्यय की परिभाषा : Kriya Visheshan Avyay in Hindi

जिन शब्दों से क्रिया की विशेषता का बोध होता है, उन्हें ‘क्रिया-विशेषण अव्यय’ कहते है। जैसे:- ‘अजय धीरे-धीरे टहलता है;’ ‘अजय वहाँ टहलता है;’ ‘अजय अभी टहलता है।’

उपरोक्त वाक्यों में ‘धीरे-धीरे‘, ‘वहाँ‘ और ‘अभी‘ शब्दों से अजय के ‘टहलने‘ (क्रिया) की विशेषता का बोध हो रहा है। ये क्रिया-विशेषण ‘अविकारी विशेषण’ भी कहलाते है।

इसके अतिरिक्त, एक क्रिया-विशेषण से किसी अन्य क्रिया-विशेषण की विशेषता का बोध भी होता है। जैसे:- ‘विजय बहुत धीरे चलता है।’ इस वाक्य में ‘बहुत‘ क्रिया-विशेषण है, क्योंकि इससे एक अन्य क्रिया-विशेषण ‘धीरे‘ की विशेषता का बोध हो रहा है।

क्रिया-विशेषण अव्यय के भेद

क्रिया-विशेषण अव्यय के कुल 3 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-

क्रिया-विशेषण अव्यय के भेद
अर्थ के आधार पर क्रिया-विशेषण अव्यय के भेद
प्रयोग के आधार पर क्रिया-विशेषण अव्यय के भेद
रूप के आधार पर क्रिया-विशेषण अव्यय के भेद

1. अर्थ के आधार पर क्रिया-विशेषण अव्यय के भेद

अर्थ के आधार पर क्रिया-विशेषण अव्यय के कुल 4 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-

अर्थ के आधार पर क्रिया-विशेषण अव्यय के भेद
कालवाचक क्रिया-विशेषण अव्यय
स्थानवाचक क्रिया-विशेषण अव्यय
रीतिवाचक क्रिया-विशेषण अव्यय
परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण अव्यय

(i). कालवाचक क्रिया-विशेषण अव्यय

जिन शब्दों से ‘क्रिया के काल’ अथवा ‘समय’ की विशेषता का बोध होता है, उन्हें ‘कालवाचक क्रिया-विशेषण अव्यय’ कहते है। जैसे:- आज, अब, कब, सुबह, सदैव, कभी-कभी, प्रतिदिन, परसों, आजकल, आदि।

कालवाचक क्रिया-विशेषण अव्यय के उदाहरण

कालवाचक क्रिया-विशेषण अव्यय के उदाहरण निम्नलिखित है:-

कालवाचक क्रिया-विशेषण अव्यय के उदाहरण
राम परसों गाँव से आया था।
सीता प्रतिदिन विद्यालय जाती है।
सर्दी आजकल बढ़ती जा रही है।
तुम विद्यालय कब जाओगे?

(ii). स्थानवाचक क्रिया-विशेषण अव्यय

जिन शब्दों से ‘क्रिया के स्थान का बोध’ होता है, उन्हें ‘स्थानवाचक क्रिया-विशेषण अव्यय’ कहते है। जैसे:- यहाँ, वहाँ, कहाँ, इधर, उधर, ऊपर, नीचे, बाहर, आदि।

स्थानवाचक क्रिया-विशेषण अव्यय के उदाहरण

स्थानवाचक क्रिया-विशेषण अव्यय के उदाहरण निम्नलिखित है:-

स्थानवाचक क्रिया-विशेषण अव्यय के उदाहरण
राम यहाँ रहता है।
सर्दी में कहाँ जाओगे?
पिताजी बाहर गए है।
तुम इधर-उधर मत भागो।

(iii). रीतिवाचक क्रिया-विशेषण अव्यय

जिन शब्दों से क्रिया के होने की रीति अथवा विधि संबंधी विशेषता का बोध होता है, उन्हें ‘रीतिवाचक क्रिया-विशेषण अव्यय’ कहते है। जैसे:- धीरे-धीरे, ध्यानपूर्वक, कैसे, ठीक-ठीक, तेज, आदि।

रीतिवाचक क्रिया-विशेषण सदैव निम्नलिखित अर्थों में आते है:-

प्रकारऐसे, वैसे, कैसे, मानो, धीरे, अचानक, स्वयं, स्वतः, परस्पर, यथाशक्ति, प्रत्युत, फटाफट, आदि
निश्चयअवश्य, सही, सचमुच, निःसंदेह, बेशक, जरूर, अलबत्ता, यथार्थ में, वस्तुतः, दरअसल, आदि
अनिश्चयकदाचित्, शायद, बहुतकर, यथासंभव, आदि
स्वीकारहाँ, जी, ठीक, सच, आदि
कारणइसलिए, क्यों, काहे को, आदि
निषेधन, नहीं, मत, आदि
अवधारणतो, ही, भी, मात्र, भर, तक, सा, आदि

रीतिवाचक क्रिया-विशेषण अव्यय के उदाहरण

रीतिवाचक क्रिया-विशेषण अव्यय के उदाहरण निम्नलिखित है:-

रीतिवाचक क्रिया-विशेषण अव्यय के उदाहरण
रेलगाड़ी तेज दौड़ती है।
सीता ध्यानपूर्वक पढ़ती है।
राम यहाँ कैसे आया?
साईकिल धीरे-धीरे चलती है।

(iv). परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण

जिन शब्दों से क्रिया की मात्रा अथवा परिणाम का बोध होता है, उन्हें ‘परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण अव्यय’ कहते है। जैसे:- कम, बहुत, जरा, थोड़ा, खूब, अधिक, बिल्कुल, आदि।

अधिकताबोधकबहुत, अति, बड़ा, बिलकुल, सर्वथा, खूब, निपट, अत्यंत, अतिशय, आदि
न्यूनताबोधककुछ, लगभग, थोड़ा, टुक, प्रायः, जरा, किंचित्, आदि
पर्याप्तिवाचककेवल, बस, काफी, यथेष्ट, चाहे, बराबर, ठीक, अस्तु, आदि
तुलनावाचकअधिक, कम, इतना, उतना, जितना, कितना, बढ़कर, आदि
श्रेणीवाचकथोड़ा-थोड़ा, क्रम-क्रम से, बारी-बारी से, तिल-तिल, एक-एककर, यथाक्रम, आदि

परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण अव्यय के उदाहरण

परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण अव्यय के उदाहरण निम्नलिखित है:-

परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण अव्यय के उदाहरण
आप कम बोलो।
थोड़ा खाओ, खूब चबाओ।
राजस्थान में बाजरा अधिक उगाया जाता है।
मैं बिल्कुल टूट गया हूँ।

2. प्रयोग के आधार पर क्रिया-विशेषण अव्यय के भेद

प्रयोग के आधार पर क्रिया-विशेषण अव्यय के कुल 3 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-

प्रयोग के आधार पर क्रिया-विशेषण अव्यय के भेद
साधारण क्रिया-विशेषण अव्यय
संयोजक क्रिया-विशेषण अव्यय
अनुबद्ध क्रिया-विशेषण अव्यय

(i). साधारण क्रिया-विशेषण अव्यय

जिन वाक्यों में क्रिया-विशेषणों का प्रयोग स्वतंत्र रूप से किया जाता है, उन्हें ‘साधारण क्रिया-विशेषण अव्यय’ कहते है। जैसे:- अब, कब, जल्दी, वहाँ, कहाँ, आदि।

साधारण क्रिया-विशेषण अव्यय के उदाहरण

साधारण क्रिया-विशेषण अव्यय के उदाहरण निम्नलिखित है:-

साधारण क्रिया-विशेषण अव्यय के उदाहरण
हाय! अब मैं क्या करूँ?
राम, जल्दी जाओ।
अरे! शेर कहाँ गया?

(ii). संयोजक क्रिया-विशेषण अव्यय

जिन क्रिया-विशेषणों का संबंध किसी उपवाक्य से होता है, उन्हें ‘संयोजक क्रिया-विशेषण अव्यय’ कहते है। जैसे:- जहाँ, वहाँ, जब, तब, आदि।

संयोजक क्रिया-विशेषण अव्यय के उदाहरण

संयोजक क्रिया-विशेषण अव्यय के उदाहरण निम्नलिखित है:-

संयोजक क्रिया-विशेषण अव्यय के उदाहरण
जहाँ अभी शहर है, वहाँ किसी समय जंगल था।
जब आप कहेंगे, तब मैं आऊँगा।

(iii). अनुबद्ध क्रिया-विशेषण अव्यय

जिन क्रिया-विशेषणों का प्रयोग अवधारण (निश्चय) के लिए किसी शब्द के साथ होता है, तो उन्हें ‘अनुबद्ध क्रिया-विशेषण अव्यय’ कहते है। जैसे:- तो, भी, तक, भर, आदि।

अनुबद्ध क्रिया-विशेषण अव्यय के उदाहरण

अनुबद्ध क्रिया-विशेषण अव्यय के उदाहरण निम्नलिखित है:-

अनुबद्ध क्रिया-विशेषण अव्यय के उदाहरण
यह तो तुमने धोखा ही दिया है।
मैंने आपको देखा तक नहीं।

3. रूप के आधार पर क्रिया-विशेषण अव्यय के भेद

रूप के आधार पर क्रिया-विशेषण अव्यय के कुल 3 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-

रूप के आधार पर क्रिया-विशेषण अव्यय के भेद
मूल क्रिया-विशेषण अव्यय
यौगिक क्रिया-विशेषण अव्यय
स्थानीय क्रिया-विशेषण अव्यय

(i). मूल क्रिया-विशेषण अव्यय

वह क्रिया-विशेषण जो किसी अन्य शब्दों के मेल से नहीं बनते है, उन्हें ‘मूल क्रिया-विशेषण अव्यय’ कहते है। जैसे:- अचानक, फिर, ठीक, दूर, नहीं, आदि।

मूल क्रिया-विशेषण अव्यय के उदाहरण

मूल क्रिया-विशेषण अव्यय के उदाहरण निम्नलिखित है:-

मूल क्रिया-विशेषण अव्यय के उदाहरण
आपको काफी दूर जाना है।
क्या आप ठीक है?
राम अचानक आ धमका।

(ii). यौगिक क्रिया-विशेषण अव्यय

वह क्रिया-विशेषण जो किसी अन्य शब्द में ‘प्रत्यय’ अथवा ‘पद’ जोड़ने पर बनते है, उन्हें ‘यौगिक क्रिया-विशेषण अव्यय’ कहते है।

यौगिक क्रिया-विशेषण ‘संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, धातु और अव्यय’ के मेल से बनते है। जैसे:- मन से, दिल से, जिससे, भूल से, चुपके से, देखते हुए, यहाँ तक, यहाँ पर, वहाँ पर, झट से, आदि।

यौगिक क्रिया-विशेषण निम्नलिखित शब्दों के मेल से बनते है:-

संज्ञाओं की द्विरुक्ति सेघर-घर, घड़ी-घड़ी, बीच-बीच, हाथों-हाथ, आदि।
दो भित्र संज्ञाओं के मेल सेदिन-रात, साँझ-सबेरे, घर-बाहर, देश-विदेश, आदि।
विशेषणों की द्विरुक्ति सेएक-एक, ठीक-ठीक, साफ-साफ, आदि।
क्रिया-विशेषणों की द्विरुक्ति सेधीरे-धीरे, जहाँ-तहाँ, कब-कब, कहाँ-कहाँ, आदि।
दो क्रिया-विशेषणों के मेल सेजहाँ-तहाँ, जहाँ-कहीं, जब-तब, जब-कभी, कल-परसों, आस-पास, आदि।
दो भित्र अथवा समान क्रिया-विशेषणों के बीच ‘न’ लगाने सेकभी-न-कभी, कुछ-न-कुछ, आदि।
अनुकरणवाचक शब्दों की द्विरुक्ति सेपटपट, तड़तड़, सटासट, धड़ाधड़, आदि।
संज्ञा और विशेषण के योग सेएक साथ, एक बार, दो बार, आदि।
अव्यय और अन्य शब्दों के मेल सेप्रतिदिन, यथाक्रम, अनजाने, आजन्म, आदि।
पूर्वकालिक कृदन्त और विशेषण के मेल सेविशेषकर, बहुतकर, मुख़्यकर, एक-एककर, आदि।

(iii). स्थानीय क्रिया-विशेषण अव्यय

वह क्रिया-विशेषण जो रूपान्तर के बिना किसी विशेष स्थान में आते है, उन्हें ‘स्थानीय क्रिया-विशेषण अव्यय’ कहते है।

स्थानीय क्रिया-विशेषण अव्यय के उदाहरण

स्थानीय क्रिया-विशेषण अव्यय के उदाहरण निम्नलिखित है:-

स्थानीय क्रिया-विशेषण अव्यय के उदाहरण
राम अपना सिर पढ़ेगा।
चोर पकड़ा हुआ आया।
हिरण उठकर भागा।
राक्षस मुझे क्या खाएँगे?

कुछ समानार्थक क्रिया-विशेषणों का अंतर

समानार्थक क्रिया-विशेषणों के सभी अंतर निम्न प्रकार है:-

1. अब – अभी:- ‘अब‘ क्रिया-विशेषण में वर्तमान समय का अनिश्चय है और ‘अभी‘ क्रिया-विशेषण का अर्थ ‘तुरंत’ से है।

क्रिया-विशेषणउदाहरण
अबअब आप खाना खा सकते है।
अब हम क्या करेंगे?
अभीवह अभी-अभी बाजार गया है।
अभी 5 बज रहे है।

2. कहाँ – कहीं:- ‘कहाँ‘ क्रिया-विशेषण किसी निश्चित स्थान का बोधक है, जबकि ‘कहीं‘ क्रिया-विशेषण किसी अनिश्चित स्थान का परिचायक है। कभी-कभी ‘कहीं‘ क्रिया-विशेषण ‘निषेध के अर्थ’ में भी प्रयुक्त होता है।

क्रिया-विशेषणउदाहरण
कहाँराम कहाँ गया?
श्याम कहाँ आ गया?

कहाँ राजा भोज, कहाँ गंगू तेली।
कहींअजय कहीं भी जा सकता है।

कहीं‘ क्रिया-विशेषण का प्रयोग अन्य निम्नलिखित अर्थों में भी होता है:-

क्रिया-विशेषणउदाहरण
बहुत अधिकयह पुस्तक उससे कहीं अच्छी है।
कदाचित्कहीं शेर न आ जाए।
विरोधउसकी माया, कहीं धूप कहीं छाया।

3. तब – फिर:- ‘तब‘ क्रिया-विशेषण अव्यय बीते हुए समय का बोधक है, जबकि ‘फिर‘ क्रिया-विशेषण भविष्य की और संकेत करता है।

क्रिया-विशेषणउदाहरण
तबतब वह गया।
तब कुछ और बात थी।
फिरफिर वह क्या कहेगा?
फिर क्या होगा?

तब‘ शब्द का अर्थ ‘उस समय‘ है और ‘फिर‘ शब्द का अर्थ ‘दुबारा‘ है। सिर्फ सदा उस शब्द के पहले आता है, जिस पर जोर देना होता है, लेकिन, ‘मात्र‘ एवं ‘ही‘ उस शब्द के बाद आता है।

4. न – नहीं – मत:- इन क्रिया-विशेषणों का प्रयोग निषेध के अर्थ में होता है। ‘‘ क्रिया-विशेषण से साधारण-निषेध और ‘नहीं‘ क्रिया-विशेषण से निषेध का निश्चय सूचित होता है।

‘ क्रिया-विशेषण की अपेक्षा ‘नहीं‘ क्रिया-विशेषण अधिक जोरदार है। ‘मत‘ क्रिया-विशेषण का प्रयोग निषेधात्मक आज्ञा के लिए होता है।

क्रिया-विशेषणउदाहरण
आओ न, रुक क्यों गए?
न तुम सोओगे, न मैं।
तुम न करोगे, तो मैं कर दूंगा।
क्या तुम न आओगे?
नहींआप नहीं जा सकते।
तुमने पत्र नहीं लिखा।
वह काम नहीं करता।
वह नहीं जायेगा।
मततुम यह काम मत करो।
तुम मत जाओ।
अन्दर मत आओ।

5. केवल – मात्र:- ‘केवल‘ क्रिया-विशेषण ‘अकेला’ का अर्थ सूचित करता है, जबकि ‘मात्र‘ क्रिया-विशेषण ‘संपूर्णता’ का अर्थ सूचित करता है।

क्रिया-विशेषणउदाहरण
केवलआज हम केवल चावल खायेंगे।
यह कार्य केवल राम कर सकता है।
मात्रमेरी पगार मात्र पाँच हजार रुपये है

6. प्राय: – बहुधा:- ‘प्रायः‘ तथा ‘बहुधा‘ दोनों क्रिया-विशेषणों का अर्थ ‘अधिकतर‘ है, लेकिन ‘प्रायः‘ क्रिया-विशेषण से ‘बहुधा‘ क्रिया-विशेषण की मात्रा अधिक होती है।

क्रिया-विशेषणउदाहरण
प्रायःबच्चे प्रायः मन के सच्चे होते है।
बहुधाबच्चे बहुधा हठी होते है।

7. भला – अच्छा:- ‘भला‘ क्रिया-विशेषण अधिकतर विशेषण के रूप में प्रयुक्त होता है, लेकिन कभी-कभी संज्ञा के रूप में भी प्रयुक्त होता है।

अच्छा‘ क्रिया-विशेषण स्वीकृतिमूलक अव्यय है। इसका प्रयोग कभी ‘अवधारण’ के लिए और कभी ‘विस्मयबोधक’ के रूप में होता है।

क्रिया-विशेषणउदाहरण
भलाजो भलाई करता है, उसका सदैव भला ही होता है।
अच्छाअच्छा, कल चले जाना।
अच्छा, आप आ जाइए।

8. ही – भी:- बात पर बल देने के लिए इन क्रिया-विशेषणों का प्रयोग होता है। इनके मध्य अंतर यह है कि ‘ही‘ क्रिया-विशेषण का अर्थ ‘एकमात्र’ सूचित करता है, जबकि ‘भी‘ क्रिया-विशेषण का अर्थ ‘अतिरिक्त’ सूचित करता है।

क्रिया-विशेषणउदाहरण
हीयह कार्य सिर्फ आप ही कर सकते है।
भीइस कार्य को आप भी कर सकते है।

9. बाद – पीछे:- ‘बाद‘ क्रिया-विशेषण ‘काल’ का सूचक है, जबकि ‘पीछे‘ क्रिया-विशेषण ‘समय’ का सूचक है।

क्रिया-विशेषणउदाहरण
बादतुम एक सप्ताह बाद आये हो।
पीछेवह पढ़ाई में काफी पीछे है।

विशेषण तथा क्रिया-विशेषण में अंतर

विशेषण तथा क्रिया-विशेषण में सभी अंतर निम्नलिखित है:-

विशेषणक्रिया-विशेषण
वह शब्द, जो संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता बताते है, उन्हें ‘विशेषण’ कहते है।वह शब्द, जो क्रिया की विशेषता बताते है, उन्हें ‘क्रिया-विशेषण’ कहते है।
उदाहरण:- राम अच्छा खिलाड़ी है।उदाहरण:- राम अच्छा खेलता है।

क्रिया-विशेषण अव्यय से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न

  1. क्रिया-विशेषण अव्यय की परिभाषा क्या है?

    जिन शब्दों से क्रिया की विशेषता का बोध होता है, उन्हें ‘क्रिया-विशेषण अव्यय’ कहते है। जैसे:- ‘अजय धीरे-धीरे टहलता है;’ ‘अजय वहाँ टहलता है;’ ‘अजय अभी टहलता है।’
    उपरोक्त वाक्यों में ‘धीरे-धीरे‘, ‘वहाँ‘ और ‘अभी‘ शब्दों से अजय के ‘टहलने‘ (क्रिया) की विशेषता का बोध हो रहा है। ये क्रिया-विशेषण ‘अविकारी विशेषण’ भी कहलाते है।

  2. क्रिया-विशेषण अव्यय के कितने भेद है?

    क्रिया-विशेषण अव्यय के कुल 3 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-
    1. अर्थ के आधार पर क्रिया-विशेषण अव्यय के भेद
    2. प्रयोग के आधार पर क्रिया-विशेषण अव्यय के भेद
    3. रूप के आधार पर क्रिया-विशेषण अव्यय के भेद

  3. क्रिया-विशेषण किसकी विशेषता बताता है?

    (अ). संज्ञा
    (ब). सर्वनाम
    (स). क्रिया
    (द). काल
    उत्तर:- क्रिया

  4. अर्थ के आधार पर क्रिया-विशेषण अव्यय के कितने भेद है?

    अर्थ के आधार पर क्रिया-विशेषण अव्यय के कुल 4 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-
    1. कालवाचक क्रिया-विशेषण अव्यय
    2. रीतिवाचक क्रिया-विशेषण अव्यय
    3. स्थानवाचक क्रिया-विशेषण अव्यय
    4. परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण अव्यय

  5. प्रयोग के आधार पर क्रिया-विशेषण अव्यय के कितने भेद है?

    प्रयोग के आधार पर क्रिया-विशेषण अव्यय के कुल 3 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-
    1. साधारण क्रिया-विशेषण अव्यय
    2. सयोंजक क्रिया-विशेषण अव्यय
    3. अनुबद्ध क्रिया-विशेषण अव्यय

  6. रूप के आधार पर क्रिया-विशेषण अव्यय के कितने भेद है?

    रूप के आधार पर क्रिया-विशेषण अव्यय के कुल 3 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-
    1. मूल क्रिया-विशेषण अव्यय
    2. स्थानीय क्रिया-विशेषण अव्यय
    3. यौगिक क्रिया-विशेषण अव्यय

अंतिम शब्द

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

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