महाशिवरात्रि कब है? जानियें तारीख़, शुभ मुहूर्त तथा पूजन विधि

महाशिवरात्रि 2023 : Mahashivratri 2023 in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘महाशिवरात्रि’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप महाशिवरात्रि से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
महाशिवरात्रि 2023 : Mahashivratri 2023 in Hindi
शिवरात्रि भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्यौहार प्रमुख रूप से भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन सभी लोग भगवान शिव की पूजा करते है और उनके लिए व्रत भी रखते है।
हिन्दुओं के सभी भगवानों में त्रिदेव प्रमुख है। जो कि ब्रम्हा, विष्णु और महेश है। महेश, भगवान शिव का दूसरा नाम है। हिन्दू धर्म में भगवान शिव को अंत का प्रतीक माना जाता है।
माना जाता है कि भगवान शिव कैलाश पर्वत पर तपस्या में लीन रहते है। वह एक योगी के रूप में तपस्या करते रहते है। उनके पूरे शरीर पर भस्म लगी रहती है। उनके मस्तिष्क पर चन्द्रमा निवास करता है।
उनकी जटाओं से गंगा नदी निकलती है। वह अपने कंठ पर नाग को धारण करते है और उनका गला विष पीने के कारण नीला रहता है। जिस कारण उन्हें नीलकंठ भी कहा जाता है।
वह अपने गले में रुद्राक्ष धारण करते है। उनके हाथ में त्रिशूल एवं डमरू रहता है। वह चीते की खाल के आसन में बैठते है। भगवान शिव को कईं नामों से जाना जाता है, जैसे:- भोलेनाथ, शंकर, महादेव, महाकाल, आदि।
शिवरात्रि कब मनाई जाती है?
महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्यौहार है। महाशिवरात्रि का त्यौहार प्रतिवर्ष फाल्गुन की कृष्ण चतुर्दशी के दिन मनाया जाता है। इस दिन लोग भगवान शिव के लिए व्रत रखते है और उनकी पूजा करते है।
वर्ष 2023 में महाशिवरात्रि कब है?
इस वर्ष 2023 में महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी 2023 के दिन है।
महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है?
महाशिवरात्रि को मनाने के पीछे एक पौराणिक कथा है। जिसके अनुसार आज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था।
भगवान शिव और माता पार्वती का इस दिन विवाह होने के कारण ही इस दिन को त्यौहार की तरह मनाया जाता है। इस दिन दोनों देवी-देवताओं की महापूजा की जाती है।
भगवान शिव का विवाह केदारनाथ में हुआ था। एक अन्य कथा के अनुसार जब समुद्रमंथन हुआ था, तब वहां पर अमृत से पहले विष निकला था।
यह विष इतना खतरनाक था कि यह सम्पूर्ण पृथ्वी को समाप्त करने की क्षमता रखता था। इससे सभी देवता काफी घबरा गए।
सभी देवता परेशान होकर महादेव के पास गए और उनसे इस हलाहल को रोकने की प्रार्थना की।
तब भगवान शिव ने उस विष को पी लिया और विष को अपने कंठ पर ही रोक लिया, जिससे वह विष उनके शरीर में न जा सके।
तब जाकर यह संसार उस हलाहल से बच सका। तभी से ही भगवान शिव को नीलकंठ कहा जाता है। उसी दिन से शिवरात्रि को मनाया जाता है और भगवान शिव की पूजा की जाती है और उन्हें धन्यवाद दिया जाता है।
महाशिवरात्रि की पूजा विधि क्या है?
इस दिन महादेव का व्रत रखा जाता है और उनकी पूजा-अर्चना की जाती है।
शिव भगवान की पूजा के लिए फल-फूल, धुप, अगरबत्ती, धतूरा, बेल पत्र, दीप, चंदन, दूध-दही, शक़्कर, शहद, घी, जल आदि सामग्री की आवश्यकता होती है।
सबसे पहले शिवलिंग पर जल का अभिषेक किया जाता है और उसके बाद दूध-दही, शक़्कर, घी और शहद का पंचामृत बनाकर शिवलिंग पर चढ़ाया जाता है।
पंचामृत चढ़ाने के बाद शिवलिंग की आरती उतारी जाती है और उन पर फूल चढ़ाये जाते है। तब भगवान शिव पर बेल पत्र और धतूरा चढ़ाया जाता है और उसके बाद उनको प्रसाद का भोग लगाया जाता है।
पूजा के साथ-साथ ॐ नमः शिवाय का जाप भी किया जाता है। इसी के साथ भगवान शिव की पूजा समाप्त हो जाती है। दिनभर व्रत रखने के बाद शाम को भगवान शिव की पूजा करके व्रत को समाप्त किया जाता है।
वर्ष 2023 में महाशिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
इस वर्ष 2023 में महाशिवरात्रि 18 फरवरी 2023 के दिन है। महाशिवरात्रि की दिन की पूजा का शुभ-मुहूर्त दोपहर 12.10 बजे से लेकर 12.57 बजे तक है। जबकि, रात की पूजा का मुहूर्त 12.08 से लेकर 12.58 तक है।
महाशिवरात्रि की शुभकामनाएँ संदेश
एक पुष्प
एक बेलपत्र
एक लोटा जल की धार
कर दे सबका उद्धार
महाशिवरात्रि की आपको शुभकामनाएं।
भक्ति में है शक्ति बंधू,
शक्ति में संसार हैं,
त्रिलोक में है जिसकी चर्चा,
उन शिव जी का आज त्यौहार हैं. महा शिवरात्रि की शुभकामनाए
सारा जहाँ है जिसकी शरण में
नमन है उस शिव जी के चरण में
बने उस शिवजी के चरणों की धुल
आओ मिल कर चढ़ाये हम श्रद्धा के फूल
महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं
शंकर की ज्योति से नूर मिलता है;
भक्तों के दिलों को सकूं मिलता है;
शिव के द्वार आता है जो भी;
सबको फल जरूर मिलता है।
शुभ महाशिवरात्रि।
शिव की शक्ति से; शिव की भक्ति से;
खुशियों की बहार मिले; महादेव की कृपा से;
आप सब दोस्तों को जिंदगी में प्यार मिले।
महाशिवरात्रि के पावन अफसर पर शुभकामनाएं!
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान कि गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रों व परिजनों के साथ फेसबुक पर साझा अवश्य करें और हमारे वेबसाइट को सबस्क्राइब कर ले।

नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।