शहीद दिवस क्यों मनाया जाता है? सम्पूर्ण जानकारी

शहीद दिवस : Martyrs Day in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘शहीद दिवस’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप शहीद दिवस से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
शहीद दिवस क्यों मनाया जाता है? : Why Martyrs Day is Celebrated in Hindi?
भारत का इतिहास बहुत ही गौरवशाली रहा है। इस धरती पर बहुत से वीरों ने जन्म लिया है। भारत में प्रत्येक धर्म व जाति के लोग मिलकर एक साथ रहते है।
सभी लोग भारत की सुरक्षा के लिए हमेशा ही अपनी जान देने को भी तत्पर रहते है। सभी लोग भारत को बहुत अधिक प्रेम करते है।
कईं लोगों ने भारत को आजादी दिलाने के लिए अपनी जान की भी कुर्बानी दे दी। जिनमें से कईं लोग तो हमेशा के लिए अमर हो गए जबकि, कुछ लोगों के बारें में कहीं भी कोई जानकारी नहीं है।
लेकिन इससे उनके द्वारा किए गए कार्यों की अहमियत कम नही हो जाती है। उनके बलिदानों को हम कभी भी नही भूल सकते है। उन्हें ही याद करने के लिए शहीद दिवस मनाया जाता है।
शहीद दिवस : Martyrs Day in Hindi
एक न एक दिन तो सभी को मरना ही है। लेकिन, जो अपने देश की आन, बान और शान के लिए अपनी जान को न्यौछावर कर देते है, उन्हें शहीद कहा जाता है।
यह उपाधि हर किसी को नही मिल पाती है। देश के कुछ ऐसे वीर होते है जो अपनी जान की परवाह किए बिना अपने देश के लिए लड़ते है। ऐसे ही वीर भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव थे।
शहीद दिवस कब मनाया जाता है?
भारत में प्रतिवर्ष 2 बार शहीद दिवस मनाया जाता है। पहला 30 जनवरी के दिन व दूसरा 23 मार्च के दिन मनाया जाता है।
शहीद दिवस क्यों मनाया जाता है?
23 मार्च 1931 के दिन भारत के वीर सपूत भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु को सुबह 4 बजे से पहले लाहौर सेंट्रल जेल में फांसी दे दी गई थी।
उस समय उस जेल के बाहर लाखों लोगों की भीड़ खड़ी थी। लेकिन, उनसे छुपाकर उनके शरीर को जला दिया गया। उनकी याद में ही प्रतिवर्ष इस दिन को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारत मे प्रतिवर्ष 2 बार शहीद दिवस मनाया जाता है। पहला शहीद दिवस 30 जनवरी तथा दूसरा शहीद दिवस 23 मार्च को मनाया जाता है।
इस दिन को मनाने के पीछे कारण है कि भारत के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले महान महात्मा गाँधी जी को 30 जनवरी 1949 के दिन गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
आजादी के लिए उनके द्वारा किये गए कार्यों को कभी भी नही भुलाया जा सकता है। इस दिन को भी प्रतिवर्ष शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इन दिनों को भारत के इतिहास में काले दिनों के रूप मे याद किया जाता है। आजादी मिलने के बाद भी हमारे वीर जवानों ने कईं बड़े व छोटे युद्ध लड़े ओर समय-समय पर अपने पराक्रम से देश की रक्षा करते रहे।
इन युद्धों में कईं वीर जवान वीरगति को प्राप्त हुए। आज भी कईं जवान सीमाओं पर तैनात है। जिनकी वजह से हम अपने घरों में सुरक्षित है।
शहीद दिवस कैसे मनाया जाता है?
इस दिन भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व अन्य सम्मानीय लोगों के साथ पूरा देश उन वीरों को याद करता है। सेना व अर्द्धसैनिक बलों द्वारा शहीदों को सलामी दी जाती है।
30 जनवरी को बापू को उनकी समाधि राजघाट पर श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। इसके साथ यहाँ पर 2 मिनट का मौन भी रखा जाता है।
इसके साथ-साथ सैनिकों को भी सम्मान दिया जाता है। कईं जगह देशभक्ति गीतों के समारोह का आयोजन किया जाता है।
विद्यालयों में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है व सभी शहीदों को याद किया जाता है। हम उन वीरों की तरह तो लड़ नही सकते लेकिन, उन वीरो को यादकर उनका सम्मान तो कर ही सकते है।
कुछ शहीद दिवस राज्य स्तर पर भी मनाए जाते है। जिनमें से प्रमुख निम्नलिखित है:-
दिनांक | राज्य |
---|---|
13 जुलाई | जम्मू कश्मीर |
17 नवंबर | उड़ीसा |
19 नवंबर | झांसी |
शहीद दिवस पर सुविचार : Martyrs Day Quotes in Hindi
दे सलामी इस तिरंगे को जिस से तेरी शान हैं,
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका जब तक दिल में जान हैं।
इतनी सी बात हवाओं को बताये रखना,
रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना,
लहूँ देकर की है जिसकी हिफाजत हमने,
ऐसे तिरंगे को हमेशा अपने दिल में बसाये रखना
जब तुम शहीद हुए थे
तो ना जाने कैसे तुम्हारी माँ सोई होगी
एक बात तो तय है
तुम्हे लगने वाली गोली भी सौ बार रोई होगी
फौजियों के लिए शहीद दिवस पर शायरी
मेरी जिंदगी में सरहद की कोई शाम आए
काश मेरी जिंदगी मेरे वतन के काम आए
ना खौफ है मौत का ना आरजू है जन्नत की
ख्वाईश बस इतनी सी है जब भी
जिक्र हो शहीदों का तो मेरा भी नाम आए
अपनी आज़ादी को हम हरगिज
भुला नहीं सकते
सर कटा सकते है लेकिन सर झुका सकते नहीं
देश के शहीदों को शत् शत् नमन
भारत माता की जय
वतन वालों वतन ना बेच देना
ये धरती ये चमन ना बेच देना
शहीदों ने जान दी है वतन के वास्ते
शहीदों के कफन ना बेच देना
ना पूछो जमाने को
क्या हमारी कहानी है
हमारी पहचान तो सिर्फ ये है
की हम सिर्फ हिन्दुस्तानी है
लिख रहा हूँ मैं अंजाम जिसका कल आगाज आएगा
मेरे लहू का हर कतरा इंकलाब लाएगा
मैं रहू या ना रहूँ पर एक वादा है तुमसे मेरा
की मेरे बाद वतन पे मरने वालो का सैलाब आएगा
वतन की मोहब्बत में खुद को तपाये बैठे है,
मरेंगे वतन के लिए शर्त मौत से लगाये बैठे हैं।
देश के शहीदो को नमन
वो इश्क का आलम भी गजब रहा होगा
राझाँ जिसमे भगतसिंह और हीर जिसमे आज़ादी रही होगी
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।