मुक्त छंद की परिभाषा, भेद और उदाहरण

मुक्त छंद की परिभाषा : Mukt Chhand in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘मुक्त छंद की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप मुक्त छंद की परिभाषा से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
मुक्त छंद की परिभाषा : Mukt Chhand in Hindi
जिस विषय छंद में वर्णित अथवा मात्रिक प्रतिबंध नहीं होता है और न ही प्रत्येक चरण में वर्णों की संख्या और क्रम समान होते है और मात्राओं की कोई निश्चित व्यवस्था होती है तथा जिसमें नाद और ताल के आधार पर पंक्तियों में लय लाकर उन्हें गतिशील करने का आग्रह होता है, वह ‘मुक्त छंद’ कहलाता है।
मुक्त छंद के उदाहरण
मुक्त छंद के उदाहरण निम्नलिखित है:-
मुक्त छंद के उदाहरण |
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निराला की कविता ‘जूही की कली’ आदि। |
मुक्त छंद को आधुनिक युग की देन माना जाता है। वह छंद, जिनमें वर्णों तथा मात्राओं का बंधन नहीं होता है, उन्हें ‘मुक्तक छंद’ कहते हैं अर्थात वर्तमान समय में हिंदी में स्वतंत्र रूप से लिखे जाने वाले छंद ‘मुक्त छंद’ होते है।
चरणों की अनियमित, असमान, स्वछन्द गति और भाव के अनुकूल यति विधान ही ‘मुक्त छंद’ की विशेषता है। इसे रबर अथवा केंचुआ छंद भी कहा जाता है। इसमें वर्णों और मात्राओं की गिनती नहीं होती है।
जैसे:-
वह आता
दो टूक कलेजे के करता पछताता
पथ पर आता।
पेट पीठ दोनों मिलकर हैं एक ,
चल रहा लकुटिया टेक ,
मुट्ठी भर दाने को भूख मिटाने को
मुँह फटी पुरानी झोली का फैलता
दो टूक कलेजे के कर्ता पछताता पथ पर आता।
मुक्त छंद से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
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मुक्त छंद की परिभाषा क्या है?
जिस विषय छंद में वर्णित अथवा मात्रिक प्रतिबंध नहीं होता है और न ही प्रत्येक चरण में वर्णों की संख्या और क्रम समान होते है और मात्राओं की कोई निश्चित व्यवस्था होती है तथा जिसमें नाद और ताल के आधार पर पंक्तियों में लय लाकर उन्हें गतिशील करने का आग्रह होता है, वह ‘मुक्त छंद’ कहलाता है।
अंतिम शब्द
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।