नाटो क्या है? इसके सदस्य देश कौन-कौनसे है?

नाटो क्या है? : NATO in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘नाटो’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप नाटो से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
नाटो से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी : NATO in Hindi
इस दुनिया ने समय-समय पर बहुत से युद्ध देखें है। कुछ युद्ध हथियारों के माध्यम से लड़े जाते है, तो कुछ कूटनीति के माध्यम से लड़े जाते है।
कुछ शक्ति के आधार पर तो कुछ दिमाग से लड़े जाते है। इसी प्रकार, एक ऐसा ही युद्ध संयुक्त राज्य अमेरिका व सोवियत संघ रूस के मध्य लड़ा गया था, जिसे शीत युद्ध कहा गया।
इस युद्ध में कोई हथियार तो नही उठे लेकिन, हमेशा ही युद्ध जैसे हालात बने रहते थे। इस युद्ध की शुरुआत दूसरे विश्व युद्ध के बाद शुरू हुई थी।
इस समय दुनिया मे 2 सबसे बड़ी ताकतें बनकर उभरी। जिनमें से पहली संयुक्त राज्य अमेरिका व दूसरी सोवियत संघ रूस थी।
इस शीत युद्ध ने दुनिया को 2 भागों में विभाजित कर दिया। जहाँ एक तरफ संयुक्त राज्य अमेरिका था, जिसके साथ इंग्लैंड और फ्रांस जैसे शक्तिशाली राष्ट्र थे।
जबकि, दूसरी तरफ सोवियत संघ रूस था, जिसके साथ बेलारूस और यूक्रैन जैसे राष्ट्र थे। इस युद्ध में भारत जैसे देशों ने फैसला लिया कि वह किसी भी देश के साथ नही रहेंगे।
हर कूटनीतिक युद्ध में सामने वाले को हराने व उस पर दबाव बनाने के लिए प्रत्येक देश अपने मित्र राष्ट्र से व उसके शत्रु राष्ट्र से अच्छे संबंध बनाता है।
उस समय वह ऐसी संस्थाओं से जुड़ता है जिसके माध्यम से दूसरे देशों पर दबाव बना सके।
इस शीत युद्ध मे संयुक्त राज्य अमेरिका ने ऐसी ही एक संस्था का निर्माण किया जिससे वह सोवियत संघ रूस को हरा सके।
इस संस्था का नाम नाटो है। इस लेख में हम आपको नाटो से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारियां उपलब्ध करवाएंगे।
नाटो क्या है? : NATO in Hindi
NATO का निर्माण सन 1949 में किया गया था। इस संगठन को मित्र राष्ट्रों की सामूहिक सुरक्षा के लिए बनाया गया था।
इसके अंतर्गत यदि किसी सदस्य राष्ट्र पर किसी भी बाहरी ताकत द्वारा हमला होता है, तो उस हमले को सभी सदस्य देशों पर माना जाएगा और सभी सदस्य देश उस देश हर सम्भव मदद देंगे।
यह अपने सदस्य देशों को सुरक्षा व स्वतंत्र की गारंटी देता है। लेकिन, देखा जाए तो इस संगठन को बनाने का मुख्य उद्देश्य सोवियत संघ रूस की ताकत को खत्म करना था।
सन 1991 में जब सोवियत संघ रूस का विघटन हुआ, तब भी इसे यूं ही रखा गया। उस समय यह मात्र एक राजनीतिक संगठन था।
लेकिन, कोरियाई युद्ध से प्रेरित होकर सभी सदस्य देशों ने एक सैन्य संगठन का निर्माण किया। इस सैन्य संगठन का व्यय पूरी दुनिया के सैन्य संगठन के व्यय का 70 प्रतिशत तक है।
इस व्यय का 50 प्रतिशत से भी अधिक खर्च संयुक्त राज्य अमेरिका के द्वारा किया जाता है। जबकि, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, और इटली सिर्फ 15 प्रतिशत ही खर्च करते है।
नाटो का पूरा नाम क्या है? : NATO Full Form in Hindi
NATO का Full Form “North Atlantic Treaty Organization” होती है। NATO की हिंदी में Full Form “उत्तरी अटलाण्टिक सन्धि संगठन” होता है।
इस संगठन की ताकत अमेरिका और यूरोप के आपसी संबंधों के आधार पर घटती-बढ़ती रहती है। सन 1966 में फ्रांस ने परमाणु संपन्न बनकर स्वयं को इसके सैन्य संगठन से अलग कर दिया।
सन 1989 में बर्लिन की दीवार गिरने के बाद इस संगठन में और भी पूर्वी देश शामिल हुए। सन 1999 से 2004 के मध्य के वर्षों में इस संगठन में वारसा संधि में सम्मिलित देश भी शामिल होते रहे।
1 अप्रैल 2009 में इसमें अल्बानिया और क्रोएशिया भी शामिल हो गए। 6 फरवरी 2019 के दिन मैसिडोनिया इससे जुड़ने वाला 30वां तथा अंतिम देश बना।
NATO की सीमाएं क्या है?
नाटो का मुख्य कार्य है कि यदि सदस्य राष्ट्रों पर आक्रमण होगा तो सीधे तौर उस आक्रमण का जवाब सभी सदस्य देश मिलकर देंगे।
नाटो की स्वयं की कोई सेना नही है। इसकी सेना का वित्त पोषण सदस्य देशों द्वारा मिलकर किया जाता है। यह सिर्फ सदस्य राष्ट्रों पर हुए आक्रमण के लिए ही ज़िम्मेदार होगा।
अन्य देशों के प्रति इसकी कोई जवाबदेही नहीं होगी। यदि, किसी सदस्य देश मे कोई गृहयुद्द या आंतरिक मसला होगा तो नाटो इसमे हस्तक्षेप नहीं करेगा।
नाटो की स्थापना कब हुई थी?
नाटो संगठन की स्थापना 4 अप्रैल 1949 के दिन की गई थी।
नाटो का मुख्यालय कहाँ स्थित है?
नाटो संगठन का मुख्यालय ब्रुसेल्स, बेल्जियम में स्थित है।
नाटो के कितने सदस्य देश है?
नाटो संगठन के कुल सदस्य देशों की संख्या 30 हो गई है। जो कि निम्नलिखित है:-
क्रमांक संख्या | सदस्य देश का नाम |
---|---|
1. | संयुक्त राज्य अमेरिका |
2. | यूनाइटेड किंगडम |
3. | बुल्गारिया |
4. | कनाडा |
5. | एस्तोनिया |
6. | चेक रिपब्लिक |
7. | क्रोएशिया |
8. | डेनमार्क |
9. | फ्रांस |
10. | जर्मनी |
11. | यूनान |
12. | हंगरी |
13. | लक्समबर्ग |
14. | मोंटेनेग्रो |
15. | नीदरलैंड |
16. | उत्तर मैसेडोनिया |
17. | आइसलैंड |
18. | इटली |
19. | लातविया |
20. | लिथुआनिया |
21. | नॉर्वे |
22. | पोलैंड |
23. | पुर्तगाल |
24. | रोमानिया |
25. | स्लोवाकिया |
26. | स्लोवेनिया |
27. | स्पेन |
28. | तुर्की |
29. | बेल्जियम |
30. | अल्बानिया |
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।