परोपकार पर निबंध

Philanthropy Essay in Hindi

परोपकार पर निबंध : Philanthropy Essay in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘परोपकार पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप परोपकार पर निबंध से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

परोपकार पर निबंध : Philanthropy Essay in Hindi

प्रस्तावना:-

परोपकार का अर्थ मानवता से होता है। परोपकार का सीधा सा मतलब दूसरों की सहायता करना है। किसी भी जरूरतमंद मनुष्य या जीव की सहायता करना प्रत्येक मनुष्य का धर्म होता है।

यह परोपकार हमें प्रकृति सीखाती है। प्रकृति हमेशा बिना स्वार्थ के परोपकार करती रहती है। पेड़-पौधें व नदियाँ हमेशा ही हमें प्रदान करते है और कभी भी हमसे उसके बदले कुछ नहीं मांगते है।

परोपकार का महत्व:-

इस दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में परोपकार का महत्व है। परोपकार की भावना मनुष्य में होना अत्यंत आवश्यक है। इससे व्यक्ति अपने स्वार्थ को छोड़कर दूसरे व्यक्ति की सहायता करता है।

परोपकार से लोगों में मानवता बनी रहती है। इस संसार में परोपकार से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है। परोपकार की भावना होने पर व्यक्ति इस समाज के बारे में भी सोचता है और दूसरों को भी ऐसा करने की प्रेरणा देता है।

आज परोपकार के होने से ही इस संसार में मानवता जीवित है। परोपकार का गुण न होने से मनुष्य में मानवता भी समाप्त हो जाती है। इससे लोगों में आपस में प्रेमभाव बढ़ता है। समाज में भी सकारात्मक भावना का विकास होता है।

परोपकार के लाभ:-

परोपकार से एक व्यक्ति और इस समाज को काफी फायदे मिलते है। इससे व्यक्ति को आत्मशांति मिलती है और सभी में मानवता का विकास होता है।

इससे लोगों में प्यार, प्रेम और भाईचारे का विकास होता है। परोपकार करने से कईं दुखी लोगों का भला हो जाता है। परोपकार एक भावना है, जो आपको ख़ुशी प्रदान करती है।

आज कईं लोग बिना स्वार्थ के लोगों की सहायता करते है और गरीब लोगों को खाना व कपड़ें देते है।

परोपकार व प्रकृति:-

परोपकार व प्रकृति का आपस में काफी गहरा संबंध है। प्रकृति ने प्रत्येक जीव को हमेशा ही अपना परोपकार दिखाया है। उसने कभी भी किसी के साथ भेदभाव नहीं किया।

यह प्रकृति हमें खाना व जीवन प्रदान करती है। परोपकार इस प्रकृति ने ही हमें सिखाया है। यदि यह प्रकृति परोपकार करना छोड़ दें, तो इस दुनिया में जीवन भी समाप्त हो जाएगा।

पेड़-पौधें हमें फल प्रदान करते है, नदियाँ हमें जल प्रदान करती है और यह भूमि हमें अनाज प्रदान करती है। लेकिन इन सभी के बदले में यें हमसे कुछ भी नहीं मांगते है। इसे ही परोपकार कहा जाता है, जहाँ बिना स्वार्थ के कार्य किया जाए।

उपसंहार:-

परोपकार करना हम सभी का धर्म है। हमें हमेशा जीवन में परोपकार करते रहना चाहिए। इससे इस धरती पर मानवता बनी रहेगी।

इसलिए, हमें परोपकार के प्रति जागरूक होना चाहिए और परोपकार को अपनाना चाहिए और दूसरों को भी परोपकार करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

अंतिम शब्द

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

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