पूर्वकालिक क्रिया की परिभाषा, भेद और उदाहरण

पूर्वकालिक क्रिया की परिभाषा : Purvkalik Kriya in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘पूर्वकालिक क्रिया की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप पूर्वकालिक क्रिया की परिभाषा से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
पूर्वकालिक क्रिया की परिभाषा : Purvkalik Kriya in Hindi
जब किसी वाक्य में एक साथ दो क्रियाएँ प्रयुक्त हुई है और उनमें से पहली क्रिया दूसरी क्रिया के शुरू होने से पहले संपन्न हो जाती है, तो संपन्न होने वाली पहली क्रिया ‘पूर्वकालिक क्रिया’ कहलाती है। पूर्वकालिक का अर्थ:- “पहले से किया हुआ” होता है।
पूर्वकालिक क्रिया पर लिंग, वचन, पुरुष व काल का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। मूल धातु शब्द में ‘कर‘ तथा ‘करके‘ जोड़कर सामान्य क्रिया को ‘पूर्वकालिक क्रिया’ में परिवर्तित किया जाता है।
पूर्वकालिक क्रिया के उदाहरण
पूर्वकालिक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
उदाहरण:- 1
अजय टहलकर सोने गया। |
पूर्वकालिक क्रिया के उपरोक्त वाक्य में ‘टहलकर‘ क्रिया और ‘सोने‘ क्रिया एक साथ प्रयुक्त हुई है। इन दोनों में से ‘टहलकर‘ क्रिया ‘सोने‘ की क्रिया से पहले संपन्न हुई है।
अतः उपरोक्त वाक्य में ‘टहलकर‘ क्रिया पूर्वकालिक क्रिया है, जो कि ‘टहलना‘ मूल धातु में ‘कर‘ जोड़कर बनाया गया है।
उदाहरण:- 2
राम उठकर चला गया। |
पूर्वकालिक क्रिया के उपरोक्त वाक्य में ‘उठकर‘ क्रिया और ‘चला‘ क्रिया एक साथ प्रयुक्त हुई है। इन दोनों में से ‘उठकर‘ क्रिया ‘चला‘ क्रिया से पहले संपन्न हुई है।
अतः उपरोक्त वाक्य में ‘उठकर‘ क्रिया पूर्वकालिक क्रिया है, जो कि ‘उठना‘ मूल धातु में ‘कर‘ जोड़कर बनाया गया है।
उदाहरण:- 3
वह घबराकर भाग गया। |
पूर्वकालिक क्रिया के उपरोक्त वाक्य में ‘घबराकर‘ क्रिया और ‘भाग‘ क्रिया एक साथ प्रयुक्त हुई है। इन दोनों में से ‘घबराकर‘ क्रिया ‘भाग‘ क्रिया से पहले संपन्न हुई है।
अतः उपरोक्त वाक्य में ‘घबराकर‘ क्रिया पूर्वकालिक क्रिया है, जो कि ‘घबराना‘ मूल धातु में ‘कर‘ जोड़कर बनाया गया है।
उदाहरण:- 4
राम नहाकर जाएगा। |
पूर्वकालिक क्रिया के उपरोक्त वाक्य में ‘नहाकर‘ क्रिया और ‘जाएगा‘ क्रिया एक साथ प्रयुक्त हुई है। इन दोनों में से ‘नहाकर‘ क्रिया ‘जाएगा‘ क्रिया से पहले संपन्न हुई है।
अतः उपरोक्त वाक्य में ‘नहाकर‘ क्रिया पूर्वकालिक क्रिया है, जो कि ‘नहाना‘ मूल धातु में ‘कर‘ जोड़कर बनाया गया है।
पूर्वकालिक क्रिया के अन्य उदाहरण
पूर्वकालिक क्रिया के उदाहरण |
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सीता खाना बनाकर बाजार गई। |
अजय खाना खाकर घूमने गया। |
गीता नहाकर पूजा करेगी। |
विजय क्रिकेट खेलकर घर आया। |
सुरेश बाजार जाकर खाना लाया। |
तात्कालिक क्रिया की परिभाषा
तात्कालिक क्रिया ‘पूर्वकालिक क्रिया’ का ही एक रुप है, जिसमें किसी एक क्रिया के समाप्त होने पर तत्काल दूसरी क्रिया आरंभ होती है। मूल धातु शब्द के साथ ‘ते’ जोड़कर एक ‘तात्कालिक क्रियापद’ बनता है।
तात्कालिक क्रिया के उदाहरण
तात्कालिक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
उदाहरण:- 1
राम के आते ही श्याम रोने लगा। |
तात्कालिक क्रिया के उपरोक्त उदाहरण में आप देख सकते है कि एक क्रिया के समाप्त होते ही दूसरी क्रिया तत्काल प्रभाव से प्रारंभ हुई है। अतः उपरोक्त उदाहरण में ‘आते ही‘ तात्कालिक क्रिया है।
उदाहरण:- 2
सुरेश खाना खाते ही सो गया। |
तात्कालिक क्रिया के उपरोक्त उदाहरण में आप देख सकते है कि एक क्रिया के समाप्त होते ही दूसरी क्रिया तत्काल प्रभाव से प्रारंभ हुई है। अतः उपरोक्त उदाहरण में ‘खाते ही‘ तात्कालिक क्रिया है।
तात्कालिक क्रिया के अन्य उदाहरण
तात्कालिक क्रिया के उदाहरण |
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मेरे खाना खाते ही रवि आ गया। |
गीता के जाते ही सीता चली गई। |
राम खाना खाते ही सो गया। |
अजय के बैठते ही राम उठ गया। |
सुरेश के आते ही रमेश चला गया। |
पूर्वकालिक क्रिया से सम्बंधित कुछ प्रश्न
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पूर्वकालिक क्रिया की परिभाषा क्या है?
जब किसी वाक्य में एक साथ दो क्रियाएँ प्रयुक्त हुई है और उनमें से पहली क्रिया दूसरी क्रिया के शुरू होने से पहले संपन्न हो जाती है, तो संपन्न होने वाली पहली क्रिया ‘पूर्वकालिक क्रिया’ कहलाती है।
पूर्वकालिक का अर्थ:- “पहले से किया हुआ” होता है। पूर्वकालिक क्रिया पर लिंग, वचन, पुरुष व काल का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
मूल धातु शब्द में ‘कर‘ तथा ‘करके‘ जोड़कर सामान्य क्रिया को ‘पूर्वकालिक क्रिया’ में परिवर्तित किया जाता है। -
तात्कालिक क्रिया की परिभाषा क्या है?
तात्कालिक क्रिया ‘पूर्वकालिक क्रिया’ का ही एक रुप है, जिसमें किसी एक क्रिया के समाप्त होने पर तत्काल दूसरी क्रिया आरंभ होती है। मूल धातु शब्द के साथ ‘ते’ जोड़कर एक ‘तात्कालिक क्रियापद’ बनता है।
अंतिम शब्द
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।