सम्प्रदान कारक की परिभाषा, नियम और उदाहरण

Sampradan Karak Ki Paribhasha in Hindi

सम्प्रदान कारक की परिभाषा : Sampradan Karak in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘सम्प्रदान कारक की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप सम्प्रदान कारक से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

सम्प्रदान कारक की परिभाषा : Sampradan Karak in Hindi

जिसके लिए क्रिया की जाती है, उसे ‘सम्प्रदान कारक’ कहते है। इसमें कर्म कारक ‘को‘ का प्रयोग भी किया जाता है, लेकिन उसका अर्थ ‘के लिये‘ होता है।

सम्प्रदान का अर्थ ‘देना‘ होता है। अर्थात कर्ता जिसके लिए कुछ कार्य करता है अथवा जिसे कुछ देता है, उसे व्यक्त करने वाले रूप को ‘सम्प्रदान कारक’ कहते है।

सम्प्रदान कारक का विभक्ति चिह्न ‘के लिए‘ है। इसकी पहचान ‘किसके लिए‘ प्रश्नवाचक शब्द लगाकर भी की जा सकती है। सामान्य रूप से जिसे कुछ दिया जाता है अथवा जिसके लिए कोई कार्य किया जाता है, उसे ‘सम्प्रदान कारक’ कहते है।

सम्प्रदान कारक के उदाहरण

सम्प्रदान कारक के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

स्वास्थ्य के लिए सूर्य को नमस्कार करो।
गुरुजी को फल दो।

स्पष्टीकरण:- उपर्युक्त दोनों उदाहरणों में से प्रथम वाक्य में ‘स्वास्थ्य के लिए‘ तथा द्वितीय वाक्य में ‘गुरुजी को‘ सम्प्रदान कारक है।

सम्प्रदान कारक के नियम

सम्प्रदान कारक के सभी नियम निम्न प्रकार है:-

  • कर्म कारक और सम्प्रदान कारक दोनों का विभक्ति-चिह्न ‘को’ होता है, लेकिन दोनों कारकों के अर्थों में काफी अंतर होता है। सम्प्रदान कारक का प्रयोग ‘को’, ‘के लिए’ अव्यय के स्थान पर अथवा उसके अर्थ में किया जाता है। जबकि, कर्म कारक के ‘को’ का ‘के लिए’ अर्थ से कोई संबंध नहीं होता है।

जैसे:-

कर्म कारकसम्प्रदान कारक
राम श्याम को मारता है।राम श्याम को रुपये देता है।
उसने लड़के को बुलाया।उसने लड़के को मिठाइयाँ दी।
माँ ने बच्चे को खेलते देखा।माँ ने बच्चे को खिलौने खरीदे।
  • यदि किसी को कुछ दिया जाता है अथवा किसी के लिए कोई कार्य किया जाता है, तो वहाँ पर ‘सम्प्रदान कारक’ होता है।

जैसे:-

भूखों को अन्न देना चाहिए और प्यासों को जल।
गुरु ही शिष्य को ज्ञान देता है।
  • ‘के हित’, ‘के वास्ते’, ‘के निर्मित’, आदि अव्यय भी सम्प्रदान कारक के ही प्रत्यय होते है।

जैसे:-

राम के हित में लक्ष्मण वन गए थे।
तुलसी के वास्ते ही राम ने अवतार लिया था।

सम्प्रदान कारक के अन्य उदाहरण

गरीबों को खाना दो।
मेरे लिए जल लेकर आओ।
माँ बेटे के लिए फल लाई।
राम ने श्याम को कार दी।
मैं पिताजी के लिए चाय बना रहा हूँ।
मैं बाजार को जा रहा हूँ।
भूखे के लिए खाना लाओ।
वे मेरे लिए उपहार लाये है।
अजय विजय को पुस्तक देता है।
भूखों को खाना देना चाहिए।
सुरेश ब्राह्मण को दान देता है।

सम्प्रदान कारक से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न

  1. सम्प्रदान कारक की परिभाषा क्या है?

    जिसके लिए क्रिया की जाती है, उसे ‘सम्प्रदान कारक’ कहते है। इसमें कर्म कारक ‘को‘ का प्रयोग भी किया जाता है, लेकिन उसका अर्थ ‘के लिये‘ होता है।
    सम्प्रदान का अर्थ ‘देना‘ होता है। अर्थात कर्ता जिसके लिए कुछ कार्य करता है अथवा जिसे कुछ देता है, उसे व्यक्त करने वाले रूप को ‘सम्प्रदान कारक’ कहते है।
    सम्प्रदान कारक का विभक्ति चिह्न ‘के लिए‘ है। इसकी पहचान ‘किसके लिए‘ प्रश्नवाचक शब्द लगाकर भी की जा सकती है। सामान्य रूप से जिसे कुछ दिया जाता है अथवा जिसके लिए कोई कार्य किया जाता है, उसे ‘सम्प्रदान कारक’ कहते है।

अंतिम शब्द

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