समुच्चयबोधक अव्यय की परिभाषा, भेद और उदाहरण

Samuchchay Bodhak Avyay Ki Paribhasha in Hindi

समुच्चयबोधक अव्यय की परिभाषा : Samuchchay Bodhak Avyay in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘समुच्चयबोधक अव्यय की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप समुच्चयबोधक अव्यय की परिभाषा से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

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समुच्चयबोधक अव्यय की परिभाषा : Samuchchay Bodhak Avyay in Hindi

वह अव्यय, जो दो या दो से अधिक शब्दों, वाक्यांशों अथवा वाक्यों को आपस में जोड़ते है अथवा अलग करते है, उन्हें ‘समुच्चयबोधक अव्यय’ कहते है।

उदाहरण के तौर पर:- “आँधी आई और पानी बरसा।” इस वाक्य में ‘और‘ अव्यय समुच्चयबोधक है, क्योंकि यह अव्यय दो वाक्यों- ‘आँधी आई‘ तथा ‘पानी बरसा‘शब्द को जोड़ रहा है।

समुच्चयबोधक अव्यय पूर्ववाक्य का संबंध उत्तरवाक्य से जोड़ता है। इसी प्रकार समुच्चयबोधक अव्यय दो पदों को भी जोड़ता है। जैसे:- दो और दो चार होते है।

समुच्चयबोधक अव्यय के भेद

समुच्चयबोधक अव्यय के कुल 2 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-

समुच्चयबोधक अव्यय के भेद
समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय
व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय

1. समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय

समुच्चयबोधक अव्यय का रूप, जिसके द्वारा दो या दो से अधिक समान पदों, पदबंधों तथा उपवाक्यों को जोड़ा जाता है, उसे ‘समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय’ कहते है।

समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण
अजय शाम को दूध और रोटी खाता है।
राम आम या केला खाता है।
सुरेश ने जितेश को बहुत समझाया किंतु वह नहीं माना।
मेरी तबीयत ठीक नहीं है इसलिए विद्यालय नहीं जा पाऊँगा।

समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के भेद

समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के कुल 4 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-

समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के भेद
संयोजक समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय
विभाजक समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय
विरोधदर्शक समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय
परिणामदर्शक समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय

(i). संयोजक समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय

वह अव्यय जो दो पदों अथवा वाक्यों को जोड़ते है, उन्हें ‘संयोजक समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय’ कहते है। जैसे:- और, व, एवं, तथा, आदि।

संयोजक समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण

संयोजक समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण निम्नलिखित है:-

संयोजक समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण
सीता, गीता, सुनीता और बबिता काफी अच्छी लड़कियां है।
सूर्योदय हुआ और उजाला हो गया।

(ii). विभाजक समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय

वह अव्यय, जो दो या दो से अधिक पदों अथवा वाक्यों को जोड़कर भी अर्थ का विभाजन (अलग) करते देते है, उन्हें ‘विभाजक समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय’ कहते है। जैसे:- या, वा, अथवा, किंवा, कि, चाहे, न, नही तो, आदि।

विभाजक समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण

विभाजक समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण निम्नलिखित है:-

विभाजक समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण
राम या श्याम विद्यालय जाएगा।
अजय जाएगा या विजय जाएगा।

(iii). विरोधदर्शक समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय

वह अव्यय, जो वाक्य के द्वारा पहले का निषेध अथवा अपवाद सूचित करते है, उन्हें ‘विरोधदर्शक समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय’ कहते है। जैसे:- किन्तु, परन्तु, लेकिन, मगर अगर, वरन्, बल्कि, पर, आदि।

विरोधदर्शक समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण

विरोधदर्शक समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण निम्नलिखित है:-

विरोधदर्शक समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण
मैंने राम को बुलाया, लेकिन वह नहीं आया।
मैंने राम को नहीं मारा, बल्कि राम ने मुझे मारा।

(iv). परिणामदर्शक समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय

वह अव्यय, जिनके आगे के वाक्य का अर्थ पिछले वाक्य के अर्थ का फल होता है, उन्हें ‘परिणामदर्शक समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय’ कहते है।

परिणामदर्शक समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण

परिणामदर्शक समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण निम्नलिखित है:-

परिणामदर्शक समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण
इसलिए
सो
अतः
अतएव

2. व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय

जिन पदों अथवा अव्ययों के मेल से एक मुख्य वाक्य में एक अथवा अधिक आश्रित वाक्य जोड़े जाते है, उन्हें ‘व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय’ कहते है।

व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण

व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण निम्नलिखित है:-

व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण
राम घर चला गया है क्योंकि उसकी तबीयत ख़राब थी।
डॉक्टर ने कहा कि उसे तुरंत लाओ।
मैं अस्पताल जा रहा हूँ ताकि दादी के लिए दवा ला सकूँ।
अजय ने मेहनत की फिर भी सफल नहीं हुआ।

व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के भेद

व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के कुल 4 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-

समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के भेद
कारणवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय
उद्देश्यवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय
संकेतवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय
स्वरूपवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय

(i). कारणवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय

वह अव्यय, जिससे शुरू होने वाला वाक्य ‘अपूर्ण’ का समर्थन करता है, उसे ‘कारणवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय’ कहते है।

कारणवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण

कारणवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण निम्नलिखित है:-

कारणवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण
क्योंकि
जो कि
इसलिए कि

(ii). उद्देश्यवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय

वह अव्यय, जिसके बाद आने वाला वाक्य दूसरे वाक्य का उद्देश्य सूचित करता है, उसे ‘उद्देश्यवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय’ कहते है।

उद्देश्यवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण

उद्देश्यवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण निम्नलिखित है:-

उद्देश्यवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण
कि
जो
ताकि
इसलिए कि

(iii). संकेतवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय

वह अव्यय, जिसके कारण पूर्व वाक्य में जिस घटना का वर्णन रहता है, उससे उत्तरवाक्य की घटना का संकेत पाया जाता है, उसे ‘संकेतवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय’ कहते है।

संकेतवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण

संकेतवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण निम्नलिखित है:-

संकेतवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण
जो-तो
यदि-तो
यद्यपि-तथापि
चाहे-परन्तु
कि

(iv). स्वरूपवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय

वह अव्यय, जिसके द्वारा जुड़े हुए शब्दों अथवा वाक्यों में से पहले शब्द अथवा वाक्य का स्पष्टीकरण पिछले शब्द अथवा वाक्य से जाना जाता है, उसे ‘स्वरूपवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय’ कहते है।

स्वरूपवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण

स्वरूपवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण निम्नलिखित है:-

स्वरूपवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण
कि
जो
अर्थात
यानि
मानो

समुच्चयबोधक अव्यय से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न

  1. समुच्चयबोधक अव्यय की परिभाषा क्या है?

    वह अव्यय, जो दो या दो से अधिक शब्दों, वाक्यांशों अथवा वाक्यों को आपस में जोड़ते है अथवा अलग करते है, उन्हें ‘समुच्चयबोधक अव्यय’ कहते है।
    उदाहरण के तौर पर:- “आँधी आई और पानी बरसा।” इस वाक्य में ‘और‘ अव्यय समुच्चयबोधक है, क्योंकि यह अव्यय दो वाक्यों- ‘आँधी आई‘ तथा ‘पानी बरसा‘शब्द को जोड़ रहा है।
    समुच्चयबोधक अव्यय पूर्ववाक्य का संबंध उत्तरवाक्य से जोड़ता है। इसी प्रकार समुच्चयबोधक अव्यय दो पदों को भी जोड़ता है। जैसे:- दो और दो चार होते है।

  2. समुच्चयबोधक अव्यय के कितने भेद है?

    समुच्चयबोधक अव्यय के कुल 2 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-
    1. समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय
    2. व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय

  3. समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के कितने भेद है?

    समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के कुल 4 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-
    1. संयोजक समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय
    2. विभाजक समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय
    3. विरोधदर्शक समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय
    4. परिणामदर्शक समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय

  4. व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के कितने भेद है?

    व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के कुल 4 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-
    1. कारणवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय
    2. उद्देश्यवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय
    3. संकेतवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय
    4. स्वरूपवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय

अंतिम शब्द

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

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